बुधवार, 6 जुलाई 2016

मोदी टीम में शामिल हुए 19 नये चहरे, पांच की हुई विदाई

प्रकाश जावडेकर का प्रमोशन, बाकी सभी बनाए राज्यमंत्री
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिर अपनी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार को अंजाम दे दिया है, जिसके तहत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मोदी मंत्रिमंडल में शामिल प्रकाश जावडेकर करे कैबिनेट तथा अन्य सभी 19 नये चहरों को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई। नए चेहरों में दस राज्यों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। वहीं मोदी मंत्रिमंडल से पांच राज्यमंत्रियों ने अपना इस्तीफा पीएमओ को सौंप दिया है।
मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सभी नए मंत्रियों को पद और गोपनियता की शपथ दिलवाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कैबिनेट के मंत्री वर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मौजूद थे। कैबिनेट विस्तार में केवल प्रकाश जावड़कर का कद बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि बाकी सभी को राज्य मंत्री बनाया गया है। जावड़ेकर के अलावा एस एस आहलुवालिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, विजय गोयल ने राज्यमंत्री की शपथ ली। इसके अलावा आरपीआई से रामदास अठावले ने मंत्री पद की शपथ ली। यूपी से मिजार्पुर की सांसद अनुप्रिया पटेल को भी राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
बारहवीं पास से कैंसर स्पेशलिस्ट तक बने मोदी के मंत्री
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का विस्तार किया गया जिसमें 19 नए राज्य मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई। इनमें 12वीं पास से लेकर कैंसर स्पेशलिस्ट तक शामिल हैं। जो राज्य मंत्री बनाए गए हैं उनमें से कोई पत्रकार रहा है तो किसी ने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा है। कोई कैंसर स्पेशलिस्ट है तो कोई कलेक्टर रह चुका है। नए चेहरों के चयन में शिक्षा को महत्व दिया गया है।
इन सांसदों ने ली मंत्री पद की शपथ-
कैबिनेट मंत्री
प्रकाश जावड़ेकर
राज्य मंत्री
एसएस अहलुवालिया- पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग से सांसद। 1986 से 2012 तक राज्यसभा सांसद रहे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। अहलुवालिया ने नगरीय विकास के अलावा संसदीय कार्यमंत्री का पद भी संभाला है। 2012 में राज्यसभा चुनाव हारने के बाद लोकसभा सांसद बने। कैबिनेट में अल्पसंख्यक चेहरा।
फग्गन सिंह कुलस्ते- मध्य प्रदेश के मंडला से सांसद। वाजपेयी सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में आदिवासी चेहरा। 1996 में लोकसभा सांसद बने। कुलस्ते 11वीं, 12वीं, 13वीं व 14 वीं लोकसभा में लगातार चुनकर गए थे। इसके अलावा 2012 में राज्यसभा सांसद रहे।
रमेश चंदप्पा- सांसद, बीजापुर कर्नाटक, पांच बार लोकसभा सांसद, 1998 में पहली बार सांसद बने, दलित चेहरा। कर्नाटक के गृहमंत्री रहे।
विजय गोयल- राज्यसभा सांसद, राजस्थान, वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे। 1977 से राजनीति की शुरूआत। 1996 से लगातार तीन बार राज्यसभा सांसद रहे। दिल्ली में भाजपा का बड़ा चेहरा।
रामदास अठावले- राज्यसभा सांसद, महाराष्ट्र, 3 बार लोकसभा सदस्य रहे। राज्य मंत्री रह चुके हैं और पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। सांगली से हैं और दलित चेहरा। रिपब्लिकन पार्टी के नेता।
राजेन गोहेन- नगांव, असम से सांसद, नगांव भाजपा अध्यक्ष रहे। पहली बार केंद्र में मंत्री बन रहे हैं। 1999 से लगातार सांसद हैं। 
अनिल माधव दवे- राज्यसभा सांसद, मध्य प्रदेश। 2009 से राज्यसभा सांसद हैं। कई किताबें लिख चुके हैं।
पुरुषोत्तम रुपाला- राज्यसभा सांसद, गुजरात। गुजरात में कृषि मंत्री रहे। पहली बार राज्यसभा सांसद बने और केंद्रीय मंत्री बने।गुजरात की राजनीति का बड़ा चेहरा और पटेल नेता। मोदी के करीबी हैं रुपाला।
एमजे अकबर- राज्यसभा सांसद, मध्य प्रदेश। पेशे से पत्रकार भाजपा के प्रवक्ता रहे हैं। 1989 में पहली बार सांसद बने। अहलुवालिया के बाद दूसरे अल्पसंख्यक। अकबर ने कई बड़े अखबरों के संपादक के पद पर काम किया है।
अर्जुनराम मेघवाल- बीकानेर से सांसद। राजस्थान में पार्टी का दलित चेहरा। राज्य के पार्टी उपाध्यक्ष रहे। राजनीति में आने से पहले मेघवाल कलेक्टर रह चुके हैं।
जसवंत सिंह भभोर- गुजरात के दाहोद से सांसद। 1995 से 2014 तक 5 बार विधायक रहे। आदिवासी समुदाय से आते हैं। गुजारात में आदिवासी विकास मामलों के मंत्री रह चुके हैं।
महेंद्र नाथ पांडे- यूपी के चंदौली से सांसद। पहली बार सांसद और केंद्रीय मंत्री बने। यूपी में शहरी विकास मंत्री रहे हैं।
अजय टमटा- उत्तराखंड के अल्मोड़ा से सांसद। उत्तराखंड में बड़ा दलित चेहरा। 12वीं पास टम्टा पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। 2007 में पहली बार विधायक बने।
श्रीमती कृष्णा राज- यूपी के शाहजहांपुर से लोकसभा सांसद। दो बार यूपी में विधायक रहीं। सक्रिय नेता कहीं जाती हैं। दलित समुदाय का चेहरा। दूसरी दलित महिला जिन्होंने शपथ ली।
मनसुख मंडाविया- गुजरात से 2010 से राज्यसभा सांसद रहे हैं। 2002 में पहली बार विधायक बने। भावनगर के रहने वाले हैं।
अनुप्रिया पटेल- यूपी के मिजार्पुर से सांसद। अपना दल की सांसद हैं। कुर्मी जाति के बड़े नेता की बेटी हैं। 2012-14 तक विधायक रहीं।
सीआर चैधरी- राज्स्थान के नागौर से सांसद। पहली बार सांसद बने और केंद्रीय मंत्री का दर्जा मिला। सरकारी नौकरी से राजनीति में आए।
पीपी चैधरी- राजस्थान के पाली से 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते और कैबिनेट में शामिल हुए। मारवाड में सीरवी जाति के हैं। पेशे से वकील चैधरी को संविधान की काफी जानकारी है।
सुभाष भामरे- महाराष्ट्र के धुले से सांसद। भामरे कैंसर स्पेशलिस्ट के साथ पेशे से डॉक्टर भामरे पहली बार सांसद बने और अब कैबिनेट में मंत्री का दर्जा मिला।
दस राज्यों से बनाये गये नये मंत्री
-राजस्थान से 3 चेहरे शामिल किये जिनमें अर्जुन राम मेघवाल, सीआर चौधरी व पीपी चौधरी।
-उत्तर प्रदेश से 3 नेताओं में राजग के सहयोगी अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल के अलावा भाजपा सांसद श्रीमती कृष्णा राज तथा महेंद्रनाथ पांडे को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।
-मध्य प्रदेश से 3 सांसदों अनिल माधव दवे, फग्गन सिंह कुलस्ते व एमजे अकबर मंत्री बनाए गये।
-गुजरात से मं़त्री पद की शपथ लेने वालों तीन नेताओं में जसवंतसिंह भाभोर, मनसुख मनदाविया व पुरुषोत्तम रूपाला शामिल है।
-महाराष्ट्र से दो सांसदों सुभाष भामरे व राजग सहयोगी दल आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले मंत्रिमंडल में शामिल हुए।
-उत्तराखंड से दलित नेता अजय टमटा को राज्यमंत्री बनाया गया है।
-असम से नागांव से भाजपा सांसद राजेश गोहैन राज्यमंत्री बने।
-कर्नाटक से राजेश जिगजिगानी राज्यमंत्री बने।
-पश्चिम बंगाल से एक सांसद एसएस अहलूवालिया मंत्री बनाये गये।
-दिल्ली से विजय गोयल को मंत्री पद की शपथ दिलाई, जो राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं।
दो मंत्री बने कौतुहल का कारण
साइकिल से पहुंचे राष्ट्रपति भवन
राजस्थान से लोकसभा सदस्य अर्जुन राम मेघवाल और गुजरात से सांसद मनसुख भाई मांडविया केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने के लिए मंगलवार को साइकिल से राष्ट्रपति भवन पहुंचे। इस दौरान लोगों के कौतुहल का विषय बने रहे दोनों ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति भवन के बाहर अपनी साइकिल खड़ी करके दोनों सांसद मंत्री पद की शपथ लेने के लिए दरबार हाल में गए। ये दोनों सांसद संसद सत्रों के दौरान कई बार साइकिल से संसद भवन आते रहे है और लोगों का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं। स्थिति ऐसी बनी कि मेघवाल साइकिल चला रहे थे और उनके सुरक्षाकर्मी साथ-साथ दौड़ रहे थे।
अठावले को राष्ट्रपति ने तीन बार टोका
पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट में 19 नए मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें तीन मंत्रियों ने अंग्रेजी में शपथ ली। ऐसे में हिंदी में शपथ ले रहे महाराष्ट्र से आने वाले आरपीआई नेता रामदास अठावले जब शपथ ले रहे थे तब अजीब हालात बन गए। दरअसल वे अपना नाम पढ़ना ही भूल गए। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें एक नहीं बल्कि तीन बार टोका। इतना ही नहीं राष्ट्रपति के बोलने से पहले ही अठावले ने दो बार खुद ही लाइनें भी पढ़ दीं।
06July-2016

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