सप्ताहभर में जलाशयों में सुधरा 4.3 अरब घन मीटर स्तर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
पिछले
कई माह से देश में जल संकट को लेकर मचे हा-हाकार मचने के बाद जैसे ही देश
के विभिन्न हिस्सों में मानसून की दस्तक के कारण बारिश शुरू हुई, तो देश के
प्रमुख जलाशयों में जलस्तर तेजी से बढ़ना शुरू हो गया। मसलन एक सप्ताह के
भीतर इन जलाशयों के जल स्तर में 4.3 अरब घन पानी के स्तर में सुधार दर्ज
किया गया है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने केंद्रीय जल आयोग
की निगरानी में चल रहे देश के 91 प्रमुख जलाशयों में जलस्तर की ताजा
रिपोर्ट की जानकारी देते हुए बताया कि इन जलाशयों में औसतन कुल 28.208
बीसीएम यानि अरब घन मीटर जल का संग्रहण आंका गया है। एक सप्ताह पहले यह जल
स्तर 23.94 बीसीएम दर्ज किया गया था। हालांकि मौजूदा यह जल स्तर कुल
संग्रहण क्षमता का 18 प्रतिशत है। जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल
संग्रहण का 55 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षों के औसत जल संग्रहण का 74
प्रतिशत है। मसलन एक अक्टूबर 2015 को 95.693 अरब घन मीटर से निरंतर इन
जलाशयों का जल स्तर घटकर 23.02 बीसीएम तक गिर चुका था। पिछले सप्ताह पहली
बार नौ माह के अंतराल में मामूली सुधार हुआ, जिसके अब मानसून की बारिश के
कारण बढ़ने की संभावना बने रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि मराठावाडा
से बुंदेलखंड तक पिछले कई माह से जल संकट को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों
की चिंताएं बढ़ी हुई थी, उनमें कमी आना स्वाभाविक है।
नौ महीने बाद पहली बार हुआ सुधार
मंत्रालय
के अनुसार गत एक अक्टूबर 2015 को 95.693 अरब घन मीटर पानी से लबालब इन
जलाशयों का जल स्तर निरंतर घटता रहा और एक पखवाड़े पहले एक दशक में न्यूनतम
23.02 बीसीएम तक गिर चुका था। मसलन पिछले सप्ताह पहली बार नौ माह के अंतराल
में मामूली सुधार हुआ, जिसके अब मानसून की बारिश के कारण बढ़ने की संभावना
बने रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि मराठावाडा से बुंदेलखंड तक पिछले
कई माह से जल संकट को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों की चिंताएं बढ़ी हुई थी,
उनमें कमी आना स्वाभाविक है। दरअसल देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित इन
91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो देश की अनुमानित
कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91
जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता
के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं।
तीन राज्यों की स्थिति बेहतर
मंत्रालय
के अनुसार पछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में राजस्थान, त्रिपुरा और
आंध्र प्रदेश में जल संग्रहण की स्थिति बेहतर हुई है, जबकि इस अवधि की
तुलना में हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, पश्चििम बंगाल,
झारखंड,ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश,
छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में जल संग्रहण कमतर आंका गया है।
10July-2016
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