मंगलवार, 19 जुलाई 2016

सोनिया-राहुल ने नहीं ली जनता की सुध!

मोदी राज में नहीं पूछा संसद में एक भी सवाल
हरिभूमि ब्यूरो
. नई दिल्ली
सोलहवीं लोकसभा के गठन के बाद मोदी सरकार को निशाने पर लेती आ रही कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शायद जनहित के मामलों को ज्यादा तरजीह नहीं दी। तभी तो मोदी शासनकाल के दौरान अब तक इन दोनों शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा में एक भी सवाल नहीं पूछा है। 
संसद का मानसून सत्र की शुरुआत होते ही कांग्रेस को जनहित के मामलों की कितनी चिंता है उसकी बहस के बीच चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। मसलन सोलहवीं लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी सदन में मोदी सरकार के खिलाफ आरोप लगाने में तो आगे रहे और राहुल गांधी तो आसन के करीब जाकर हंगामा कर नारेबाजी करने वाले सांसदों में भी शामिल रहे। कांग्रेस नेतृत्व की अग्रिम पंक्ति में शामिल और जनता द्वारा रायबरेली से चुनी गई सोनिया गांधी तथा अमेठी से निर्वाचत सांसद राहुल गांधी ने इस दौरान अपने संसदीय क्षेत्र या जनता की समस्याओं को लोकसभा में उठाने का कोई प्रयास तक नहीं किया यानि एक भी सवाल सरकार से नहीं पूछा है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि राहुल गांधी 2004 से लोकसभा के सदस्य हैं। जब वह पहली बार लोकसभा सदस्य बने थे, तो उन्होंने उस दौरान कुछ सवाल पूछे थे, लेकिन 2009 के बाद उन्होंने प्रश्नकाल में सवाल पूछना करीब-करीब बंद कर दिया। मौजूदा लोकसभा के दो साल गुजर हैं, लेकिन अब तक एक सवाल भी नहीं पूछा है।
सुप्रिया ने पूछे सर्वाधिक सवाल
संसदीय सचिवालय के आंकड़ों पर गौर की जाये तो यह चौंकाने वाला खुलासा माना जा रहा है, जिसमें लोकसभा के प्रश्नकाल के दौरान इन दो सालों में सबसे ज्यादा 568 सवाल राकांपा प्रमुख शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने पूछे हैं। जबकि लोकसभा में एआईएमआईएम नेता असदउद्दीन ओवैसी 448 सवाल पूछने के मामले में दूसरे पायदान पर हैं। मसलन यह भी दिलचस्प पहलू है कि लोकसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले टॉप टेन में नौ सांसद महाराष्ट्र राज्य की विभिन्न संसदीय सीटों से चुने गये है, जिनमें सबसे ज्यादा भाजपा व शिवसेना के सदस्य हैं। जहां तक कांग्रेस का सवाल है उसमें कांग्रेस की ओर से लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खडगे द्वारा 128 सवाल पूछे गये हैं। कांग्रेस से ज्यादा तो मुस्लिम लीग के असदउद्दीन ओवैसी ने ही 448 सवाल सरकार से पूछे है, भले ही वे सुर्खिंयों में रहे हों। राहुल गांधी तो जब पहली बार लोकसभा सदस्य बने थे तो उन्होंने उस दौरान कुछ सवाल पूछे थे, लेकिन 2009 के बाद उन्होंने प्रश्नकाल में सवाल पूछना करीब-करीब बंद कर दिया। हालांकि गांधी परिवार की बात की जाये तो भाजपा सांसद वरुण गांधी ने 254 पूछे हैं।
राहुल के बचाव में कांग्रेस 
कांग्रेस ने राहुल गांधी के सवाल नहीं पूछने का बचाव करते हुए तर्क दिया कि पार्टी के वरिष्इ नेता के पास सवाल पूछने के कई माध्यम होते हैं और ये कोई बड़ा मामला नहीं हैं। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद के अनेक बहसों में हिस्सा लिया है। संसद में सवाल पूछने के कई नियमावली हैं और राहुल उन माध्यमों से सवाल पूछते हैं। जबकि भाजपा ने भाजपा नेता नितिन कोहली ने इस खुलासे पर कहा कि राहुल गांधी संसद की कार्यवाही और जनता के मुद्दों को कितनी संजीदगी से लेते हैं यह सामने आ रहा है।
19July-2016

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