शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019

स्त्री-पुरुष असमानता में श्रीलंका और नेपाल से भी पीछे भारत

वैश्विक सूची में 112वें स्थान पर पहुंचा भारत
नई दिल्ली
महिलाओं की स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता (सर्वाइवल) और आर्थिक भागीदारी क्षेत्र में भारत की स्थिति बेहद खराब हो गई है। हम एक साल पहले के मुकाबले चार पायदान फिसलकर 112वें स्थान पर पहुंच गए हैं।
यह जानकारी स्त्री-पुरुष असमानता पर तैयार रिपोर्ट के जरिए सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार चीन, श्रीलंका और नेपाल की स्थिति भारत से अच्छी है। इसके अलावा स्वास्थ्य और आर्थिक भागीदारी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत सबसे नीचे स्थान पाने वाले पांच देशों में शामिल है। विश्व बैंक ने अपनी पहली स्त्री- पुरुष अंतर रिपोर्ट 2006 में पेश की थी। उस समय भारत 98 वें पायदान पर था। आज भारत की रैंकिंग उससे भी कम है। तब से लेकर, रैंकिंग के लिए उपयोग होने वाले चार में से तीन कारकों में भारत की स्थिति खराब हुई है। राजनीतिक सशक्तिकरण में भारत की रैंकिंग सुधरी है जबकि स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता में वह फिसलकर 150 वें स्थान, आर्थिक भागीदारी एवं अवसर के मामले में 149 वें पायदान और शैक्षणिक उपलब्धियों के मामले में 112 वें पायदान पर आ गया है। मंच ने कहा कि भारत (35.4 प्रतिशत), पाकिस्तान (32.7 प्रतिशत), यमन (27.3 प्रतिशत), सीरिया (24.9 प्रतिशत) और इराक (22.7 प्रतिशत) में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बेहद सीमित हैं। उसने कहा कि भारत उन देशों में है, जहां कंपनी के निदेशक मंडल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व (13.8) बहुत कम है।  विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता के मामले में चार बड़े देशों भारत, वियतनाम, पाकिस्तान और चीन की स्थिति बहुत खराब है। यहां लाखों महिलाओं की पुरुष के समान स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है। मंच ने भारत में (100 लड़कों पर सिर्फ 91 लड़कियां) और पाकिस्तान (100 लड़कों पर 92 लड़कियों) जैसे कम लिंग अनुपात को लेकर भी चिंता जताई है। मंच ने कहा कि भारत ने अपनी समग्र असमानता को दो- तिहाई तक किया है लेकिन भारतीय समाज के एक बड़े छोर में महिलाओं की स्थिति अनिश्चित है और आर्थिक असमानता विशेष रूप से गहरी होती जा रही है।
विश्व आर्थिक मंच की महिला और पुरुषों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते फासले से संबंधित इस वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है। भारत पिछले साल इस सूची में 108 वें पायदान पर था। विश्व आर्थिक मंच की स्त्री- पुरुष अंतर रिपोर्ट में भारत का स्थान चीन (106), श्रीलंका (102), नेपाल (101), ब्राजील (92), इंडोनेशिया (85) और बांग्लादेश (50) से भी नीचे है। स्त्री- पुरुष के बीच सबसे ज्यादा समानता आइसलैंड में है। विश्व आर्थिक मंच की इस रिपोर्ट के मुताबिक स्त्री- पुरुष असमानता को चार मुख्य कारकों के आधार पर तय किया गया है। इनमें महिलाओं को उपलब्ध आर्थिक अवसर, राजनीतिक सशक्तिकरण, शैक्षणिक उपलब्धियां तथा स्वास्थ्य एवं जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेटेंसी) शामिल है। स्त्री- पुरुष के बीच अंतर सूचकांक में यमन की स्थिति सबसे खराब है। उसे 153 वां स्थान मिला है जबकि इराक को 152वें और पाकिस्तान को 151वें पायदान पर रखा गया है। विश्व आर्थिक मंच ने कहा, '2019 में स्त्री- पुरुष के बीच विभिन्न क्षेत्रों में जो अंतर है उसे पाटने में 99.5 साल लगेंगे। वहीं 2018 के मुकाबले इसमें सुधार देखा गया है। इस समय अनुमान लगाया था कि महिला पुरुषों के बीच असमानता को दूर करने में 108 साल लगेंगे।' इस प्रकार, राजनीतिक असमानता को खत्म करने में पिछले वर्ष 107 साल के मुकाबले अब 95 साल लगेंगे। हालांकि, आर्थिक अवसर के मामले में स्थिति खराब हुई है। 
18Dec-2019


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