शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019

जल संरक्षण अभियान को मिला निजी कंपनी का सहारा

अब नई तकनीक में आरओ से बर्बाद नहीं होगा पानी                           
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की जल संरक्षण की दिशा में चलाई जा रही योजनाओं पर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की रिपोर्ट ने जिस चिंता को बढ़ाया था, उसके समाधान के लिए एक आरओ वाटर प्यूरीफायर कंपनी की तकनीकी इजाद करके कुछ कम कर दिया है। इस तकनीक से आरओ से जल रिसाइक्लिंग से बर्बाद होने वाले शतप्रतिशत पानी की बचाया जाना संभव है।
नई दिल्ली में भाजपा सांसद एवं बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ देश की प्रसिद्ध केन्ट मिनरल आरओ वाटर प्यूरीफायर के सीएमडी महेश गुप्ता ने नई जीरो वाटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी को लॉच किया। इस मौके पर केन्ट की ब्रांड अंबेसडर हेमामालिनी ने कहा कि देश में पानी की गुणवत्ता के लिए मोदी सरकार ने हर घर को शुद्ध पानी देने के लिए जल संरक्षण अभियान चला रखा है, लेकिन पानी को रिसाइक्लिंग के लिए घरो में लगाए गये आरओ में ज्यादातर पानी बर्बाद हो रहा है, इस पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए इस कंपनी ने 100 प्रतिशत सुरक्षित और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए इस तकनीक को इजाद कर इसके लिए प्रमाण पत्र भी हासिल किया है, जिससे पानी की शुद्धता के साथ जल संरक्षण अभियान को भी बल मिलेगा। दरअसल हाल ही में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) की हालिया एक रिपोर्ट ने खासकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के 21 शहरों से लिए गये पानी के नमूनों के परीक्षणों को लेकर चिंता करना जाहिर था। इस रिपोर्ट में 21 में से 15 शहर का पानी एक या एक से अधिक सुरक्षा मापदंडों को पूरा करने में असफल रहे। इसके अलावा चंडीगढ़, गांधीनगर, पटना, बेंगलुरु, जम्मू, लखनऊ, चेन्नई और देहरादून जैसे शहरों ने उन शहरों में स्थान बनाया है, जहां नल के जल की गुणवत्ता औसत से कम है। राष्ट्रीय राजधानी भी जहां 11 विभिन्न स्थानों से नमूने लिए गए थे, अधिकतम 19 मापदंडों पर आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहे। इसलिए आरओ वाटर प्यूरीफायर के इस्तेमाल का उपयोग हो रहा है, लेकिन उसमें भी पारंपरिक पानी की ज्यादा बर्बादी है, इसिलए इस कंपनी ने वाटर ट्रीटमेंट उत्पादों में जीरो वाटर वेस्टेज तकनीक का इजाद करके पानी की इस बर्बादी को शतप्रतिशत संरक्षित करने में चुनौती से पार पाया है।
इस मौके पर कंपनी के सीएमडी महेश गुप्ता ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि पानी की बढ़ती कमी और भूजल स्तर के लगातार गिरने से ऐसे वाटर ट्रीटमेंट उत्पादों की मांग बढ़ी है तो पानी की बर्बादी को कम करके नई जीरो वाटर वेस्टेज टेक्नोलॉली के जरिए अब पानी की बर्बादी नहीं होगी और लोगों को शुद्ध, स्वच्छ पानी पीने को मिलेगा। गुप्ता ने कहा कि जीरो वाटर वेस्टेज टेक्नोलॉजी के अलावा नए मॉडल में केन्ट की पेटेंटेड मिनरल आरओ टीएम तकनीक भी होगी। यह टीडीएस कंट्रोलर का उपयोग करके शुद्ध पानी में आवश्यक प्राकृतिक खनिजोंको बनाए रखने में मदद करता है, जिससे 100 प्रतिशत सुरक्षित और शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आरओ में अपनाई गई नई तकनीक यानि यूवी/यूएफ की डबल प्योरीफिकेशन भी कैमिकल्स, बैक्टीरिया, वायरस और साल्ट्सजैसे घुलनशील अशुद्धियों को हटा देती है, जिससे पानी 100 प्रतिशत शुद्ध हो जाता है। केन्ट के सभी मॉडलों की तरह, केन्ट प्राइम, केन्ट प्राइड और केन्ट ग्रैंड प्लस को दुनिया की प्रसिद्ध प्रयोगशालाओं द्वारा उनके प्रदर्शन और गुणवत्ता के लिए परीक्षण और प्रमाणित किया गया है। 
19Dec-2019


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