शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

पुलिस हिरासत से ज्यादा न्यायिक हिरासत में हुई मौतें

यूपी की जेलों में हुई सबसे ज्यादा कैदियों की मौत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जताई गई चिंता और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देशों के बावजूद देश में पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत यानि जेलों में हो रही मौतों का सिलसिला जारी है। नतीजन पिछले तीन साल में पुलिस हिरासत से कहीं ज्यादा मौतें न्यायिक हिरासत में हुई है, जिनमें सबसे ज्यादा मौते उत्तर प्रदेश में हुई हैं।
पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत में मौतों के बढ़ते इस आंकड़े का खुद केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सांसद छाया वर्मा और दो अन्य सांसदों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब में सदन को बताया कि पिछले तीन साल के दौरान देशे में न्यायकि हिरासत में हो रही मौतों का आंकड़ा बढ़ा है, जबकि पुलिस हिरासत में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। गृह मंत्रालय के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए रेड्डी ने सदन को जानकारी दी कि वर्ष 2018-19 के दौरान देश में जहां न्यायिक हिरासत में 1797 लोगों की मौत हुई है, वहीं 136 आरोपी लोग पुलिस हिरासत में मौत का शिकार बने हैं। जबकि वर्ष 2017-18 में न्यायिक हिरासत में 1636 और पुलिस हिरासत में 146 व्यक्तियों की मौत हुई थी। इससे पहले वर्ष 2016-17 के दौरान न्यायिक हिरासत में मारे गये लोगों की संख्या 1616 और पुलिस हिरासत में 145 लोगों की मौत सामने आई है।
यूपी में सर्वाधिक मौत
गृहमंत्रालय के इस आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2018-19 के दौरान सबसे ज्यादा 452 विचाराधीन कैदियों की मौत उत्तर प्रदेश की जेलों में हुई है, जहां वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 390 था। हालांकि वर्ष 2016-17 के दौरान यूपी में न्यायिक हिरासत के दौरान 400 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद न्यायकि हिरासत में वर्ष 2018-19 में 149 मौते महाराष्ट्र, 143 मध्य प्रदेश, 117 पंजाब, 115 पश्चिम बंगाल और 114 बिहार में हुई हैं। छत्तीसगढ़ में इस दौरान 55 मौते न्यायिक हिरासत और 3 पुलिस हिरासत में हुई है। इससे पहले छत्तीसगढ में वर्ष 2016-17 में 56 न्यायिक हिरासत और 6 पुलिस हिरासत में हुई थी, जबकि वर्ष 2017-18 में न्यायिक हिरासत में 54 और पुलिस हिरासत में तीन मौत सामने आई हैं। इसी प्रकार हरियाणा में न्यायिक हिरासत में इस दौरान 65 और पुलिस हिरासत में सात मौतें हुई हैं। हरियाणा में वर्ष 2016-17 में न्यायिक हिरासत में 45 व पुलिस हिरासत में 9 के बाद वर्ष 2017-18 में न्यायिक हिरासत में 46 व पुलिस हिरासत में सात मौत हुई थी।
छत्तीसगढ़ में घटी नक्सलवादी घटनाएं
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बुधवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने छत्तीसगढ़ के सांसद राम विचार नेताम के एक सवाल के जबाब में बतया कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में 392 घटनाएं हुई थी, जिसमें 153 लोगों और 125 वामपंथी उग्रवादी मारे गये थे। उसके मुकाबले 2019 में 15 नवंबर तक 231 उग्रवादी घटनाओं में 76 लोगों और 72 उग्रवादी मारे गये हैं। जबकि वर्ष 2018 में 15 नवंबर तक 356 घटनाओं में 138 लोग और 107 उग्रवादी मारे गये थे।
05Dec-2019

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