लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी दी प्रस्ताव को मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देशवासियों
की निजता और डाटा सुरक्षित रखने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश
किये गये निजी डाटा संरक्षण विधेयक की
अब संसद की संयुक्त प्रवर समिति समीक्षा करेगी। इस विधेयक के प्रावधानों को विरोध
करते हुए लोकसभा में विपक्षी दलों ने इसकी समीक्षा के लिए संयुक्त प्रवर समिति को
भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे लोकसभा के बाद गुरुवार को राज्यसभा ने भी मंजूरी दे
दी है।
राज्यसभा में गुरुवार को दो बजे शुरू हुई कार्यवाही के
दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा
में गये निजी डाटा संरक्षण विधेयक-2019 को संयुक्त प्रवर
समिति को भेजने के लिए प्रस्ताव की जानकारी दी, जिस पर राज्यसभा की भी मंजूरी के
लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे राज्यसभा ने सर्वसम्मिति से मंजूरी दे दी। संसद की इस
संयुक्त प्रवर समिति को भेजे जाने वाले इस प्रस्ताव के अनुसार समिति अपनी रिपोर्ट
संसद के आगामी बजट सत्र में संसद को सौंपेगी। इस समिति में लोकसभा के 20 और
राज्यसभा के 10 सदस्यों को शामिल किया गया है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस समिति में राज्यसभा के दस सदस्यों के नामों का भी
ऐलान किया, जिसमें भाजपा के भूपेन्द्र यादव, सुरेश प्रभु, राजीव चन्द्रशेखर,
अश्विनी
वैष्णव, कांग्रेस के जयराम रमेश
एवं विवेक के तन्खा, तृणमूल कांग्रेस
के डेरेक ओब्रायन, अन्नाद्रमुक के
ए नवनीतकृष्णन, सपा के रामगोपाल
यादव और बीजद के अमर पटनायक शामिल है। जबकि लोकसभा के
20 सदस्यों में प्रमुख रूप से भाजपा की मीनाक्षी लेखी, पीपी चौधरी, राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, तेजस्वी सूर्या,
एसएस
अहलूवालिया, हिना गावित और संजय
जायसवाल, कांग्रेस के गौरव गोगोई तथा एस. ज्योति मणि, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, द्रमुक की कनिमोझी, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, बीजद के बी महताब और बसपा के रितेश पांडे शामिल
किये गये
हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हालांकि विधेयक के प्रावधानों को लेकर
विपक्षी दलों के आरोपों को निराधार बताते हुए दावा किया कि इस विधेयक
में निजता और डाटा सुरक्षा का विशेष महत्व दिया गया है, जिसके तहत बिना किसी के अनुमति के कोई डाटा जारी करने पर करोड़ों रूपये का जुर्माना भुगतना
पड़ सकता है।
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पोर्नोग्राफी के मुद्दे पर राज्यसभा
की तदर्थ समिति गठित
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा सोशल
मीडिया पर पोर्नोग्राफी के कारण बच्चों तथा समाज पर पड़ने वाले
दुष्प्रभावों की समस्या के समाधान सुझाने के लिये उच्च सदन के सदस्यों के
गठित औपचारिक समूह को बदलते हुए अब एक तदर्थ समिति
का गठन किया है। राज्यसभा में गुरुवार को नायडू ने औपचारिक समूह
को तदर्थ समिति के रूप में बदलने की जानकारी देते हुए कहा कि समूह के
संयोजक जयराम रमेश अब इस गठित तदर्थ समिति के अध्यक्ष होंगे। जबकि सपा
की जया बच्चन, आप के संजय सिंह, बीजद के डा. अमर पटनायक, कांग्रेस के एमवी राजीव गौड़ा और अमी याज्ञिक, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन, जदयू की कहकशां परवीन, भाजपा के राजीव चंद्रशेखर, विनय पी सहस्त्रबुद्धे और रूपा गांगुली, द्रमुक के तिरुचि शिवा, राकांपा की वंदना चव्हाण तथा अन्नाद्रमुक की
विजिला सत्यनाथ इस समिति के सदस्य होंगे। यह समिति इस संबन्ध में विचार विमर्श कर इस समस्या
के समधान और इससे निपटने के लिए एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सदन में पेश करेगी।
13Dec-2019
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