देश में राष्ट्रपति की मुहर लगते ही लागू होगा कानून
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश
में ई-सिगरेट को प्रतिबंधित करने वाले ‘इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) प्रतिषेध विधेयक को राज्यसभा ने भी
मंजूरी दे दी है।
राज्यसभा में पिछले सप्ताह पेश किये गये ई सिगरेट
विधेयक पर अधूरी चर्चा को सोमवार में पूरा किया गया और देर शाम को इस चर्चा
का केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन द्वारा
दिये गये जवाब के बाद इस विधेयक को उच्च सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया, जिसे
पिछले सप्ताह लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। अब इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी
के बाद देशभर में लागू कर ई-सिगरेट को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इससे पहले अपने
जवाब में केंद्रीय मंत्री डा. हर्ष वर्धन ने कहा कि ‘इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) प्रतिषेध विधेयक के जरिए दुनिया की तमाम अग्रणी
तंबाकू कंपनियों के भारत में युवाओं और किशोरों को लक्षित करके ई सिगरेट उत्पाद उतारने की तैयारी को रोका जाएगा। हर्षवर्धन
ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों के औचक निरीक्षण में बच्चों के बैग
से ई सिगरेट के इस्तेमाल में काम आने वाले 150 वेपिंग डिवाइस पाए गए थे। उन्होंने तंबाकू कंपनियों
के दबाव में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के विपक्षी दलों के सदस्यों
की शंकाओं को भी दूर करते हुए कहा कि सरकार ने यह फैसला किया
है और सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है। सिगरेट, बीड़ी की तुलना में ई सिगरेट के कम नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने ज्ञी ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था।
विधेयक के ये हैं खास प्रावधान
ई-सिगरेट विधेयक के प्रावधानों के
अनुसार इस कानून का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद
अथवा एक लाख रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों और अगले अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपए तक जुर्माना
अथवा दोनों लगाया जा सकता है। विधेयक के प्रावधानों के तहत ई-सिगरेट
का भंडारण भी दंडनीय है, जिसमें छह महीने तक की सजा या 50 हजार रूपये तक जुर्माना अथवा दोनों भुगतना पड़ सकता है।
वहीं उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य से यह प्रदर्शित होता है कि ई-सिगरेट का उपयोग सक्रिय उपयोगकर्ता के लिये जोखिम को देखते हुए विधेयक में प्रावधान किया गया है कि इसमें प्राधिकृत अधिकारी को इलेक्ट्रॉनिक
सिगरेटों के पैकेज रखे जाने वाले परिसर में प्रवेश करने और तलाशी लेने तथा ऐसे स्टाक
को जब्त करने का अधिकार होगा।
03Dec-2019
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