शनिवार, 14 दिसंबर 2019

राज्यसभा में आज पेश होगा नागरिकता (संशोधन) विधेयक


विपक्ष के विरोध के सामने सरकार का बड़ा इम्तिहान
विपक्ष की दोहरी रणनीति के बीच बिल पास होने की उम्मीद
उच्च सदन में विधेयक पर छह घंटे होगी चर्चा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के महत्वकांक्षी नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा से मुहर लगने के बाद संसद की मंजूरी लेने के इरादे से कल बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां विपक्ष इस विधेयक को रोकने के लिए दोहरी रणनीति के साथ सदन में दबाव बनाने का प्रयास करेगा। जबकि सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा में इस विधेयक को पारित करा लिया जाएगा।
मोदी सरकार ने बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले गैरमुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के प्रावधान वाले नागरिकता (संशोधन) विधेयक को विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद लोकसभा में पारित करा लिया है। अब इस विधेयक पर संसद की मंजूरी के लिए राज्यसभा में बुधवार को पेश किया जाएगा। हालांकि राज्यसभा में इस विधेयक को पारित कराना सरकार के लिए कड़ी चुनौती माना जा रहा है। वहीं राज्यसभा की मंजूरी के लिए सरकार विपक्षी दलों की रणनीति को ध्वस्त करने की उसी रणनीति के साथ सदन में आएगी, जिस प्रकार पिछले संसद सत्र के दौरान सरकार ने असंभव नजर आने वाले तीन तलाक और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने संबन्धी कुछ विधेयकों को आसानी से संसद की मंजूरी हासिल कर ली थी। सत्ता पक्ष उम्मीद जता रहा है कि मोदी सरकार की प्राथमिकता वाले इस विधेयक पर संसद की मंजूरी मिल जाएगी और राज्यसभा में भी इस विधेयक को सरकार आसानी से पारित करा लेगी। राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के लिए छह घंटे का समय निर्धारित किया गया है, जिसके आधार पर बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित कराते ही इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
विपक्ष की दोहरी रणनीति तैयार
लोकसभा से पारित होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में पेश किये जाने वाले नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रहे विपक्षी दल इसे रोकने के प्रयास में उच्च सदन में लामबंद हैं। सूत्रों की माने तो कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दल राज्यसभा में इस विधेयक को पारित होने से रोकने की रणनीति के साथ सदन में आएंगे। सूत्रों की माने तो विपक्षी दलों ने ऐसी रणनीति भी तैयार कर ली है कि यदि मत विभाजन की स्थिति में सदस्यों की संख्या कम नजर आती है तो विपक्ष इस विधेयक की समीक्षा कराने की मांग करते हुए इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग करके अपना दबाव बनाने का प्रयास करेगा। दरअसल केई विपक्षी दलों ने इस विधेयक की समीक्षा कराने पर बल देते हुए संसद परिसर में बयान भी दिये हैं। विपक्ष पर भारी सत्तापक्ष
संसद में 245 सदस्यीय राज्यसभा में फिलहाल 240 सदस्य हैं, जिनमें सर्वाधिक भाजपा के 83 समेत राजग घटक दल में 11 अन्नाद्रमुक 6 जद-यू, 3 अकाली दल, 1-1 लोजपा, आरपीआई, एजीपी व पीएमके के अलावा चार मनोनीत के साथ 111 सदस्यों का आंकड़ा सरकार के पास है। इसके अलावा लोकसभा में इस विधेयक को समर्थन देकर सरकार के साथ आई बीजद के 7 सदस्यों के साथ पूर्वोत्तर की पार्टियों के सदस्य और छह निर्दलीयों के सहयोग से सरकार विपक्ष के विरोध पर भारी नजर आ रही है। माना जा रहा है कि शिवसेना यदि खुलकर वोटिंग नहीं करती तो वह इसका विरोध करने के बजाए सदन से वाकआउट करके विधेयक को पारित कराने में अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर सकती है।
11Dec-2019

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