
नई किस्म के सामनों की ढुलाई के अनुरूप डिजाइन होंगे
डिब्बे
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय
रेलवे का आमदनी बढ़ाने की दिशा में देश में होने वाली कुल माल ढुलाई का 45 फीसदी
रेलवे के जरिए करने के लक्ष्य है। इसके लिए रेलवे ऑटोमोबाइल,इस्पात,सीमेंट,अनाजों और अन्य
तरह के नई
किस्म के सामनों की ढुलाई के अनुरूप मालगाड़ियों के डिब्बों
का डिजाइन तैयार करने के लिए रोडमैप बनाएगा।
यह जानकारी गुरुवार को नई दिल्ली में नई तरह की
वस्तुओं की ढुलाई के अनुरुप डिब्बे डिजाइन करने के लिए नई दिल्ली में आयोजित
सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में रेलवे बोर्ड के सदस्य राजेश अग्रवाल ने
कहा कि रेलवे लक्ष्य है कि देश मे कुल माल ढुलाई का 45 प्रतिशत रेल से किया जाए। उन्होंने कहा कि
माल ढुलाई के लिए एक बार समर्पित गलियारा बन जाने से रेल के जरिए सामान लाने ले जाने
की गतिविधियों में काफी तेजी आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल,इस्पात,सीमेंट,अनाजों और अन्य तरह के नई किस्म के सामनों की ढुलाई में आने वाली
दिक्कतों से निबटने के अभिनव तरीके ईजाद किये जाने वाले रेलों के डिब्बों
को तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का मकसद यही है कि माल ढुलाई की
क्षमता बढ़ाने के लिए नई किस्म के सामनों के अनुरूप डिब्बों का अभिनव
तरीके ईजाद करने तथा माल ढुलाई के क्षेत्र में भारतीय रेल के लिए बाजार संभावनाओं का
पता लगाने के लिए रोडमैप तय करना है।
यह रेलवे द्वारा प्रमुख
साझेदारों के सहयोग से माल ढुलाई के क्षेत्र में आनी वाली दिक्कतों का व्यावहारिक
समाधान तलाशने का एक प्रयास था। उन्होंने मालगाड़ी के नए डिब्बे डिजाइन करने का काम
तेजी से करने के लिए आरडीएसओ की सराहना भी की। इस
सम्मेलन में नई तरह की वस्तुओं की ढुलाई के अनुरुप डिब्बे डिजाइन करने
के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ हुई चर्चा के आधार पर रेल के माल ढुलाई के डिब्बो
के लिए पांच तरह के डिजाइनों को चिन्हित करने पर हुई चर्चा के दौरान अब इन डिब्बों को तैयार करने के लिए निर्धारित समय सीमा को डेढ़ साल से घटाकर
छह महीने करने पर सहमति बनाई गई है। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के
वरिष्ठ सदस्य, रेल मंत्राय के
वरिष्ठ अधिकारी, आरडीएसओ, कॉनकोर और उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित
थे।
20Dec-2019
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