शनिवार, 14 दिसंबर 2019

पिछले तीन साल में 1986 को मिली भारतीय नागरिकता

इस साल भारत के नागरिक बने 40 अफगानी व 712 पाकिस्तानी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
ऐसे समय जब संसद में नागिरकता (संशोधन) विधेयक लाया गया है तो राज्यसभा में सरकार ने पिछले तीन साल में बिल में शामिल किये गये तीन देशों में 1986 अफगानियों पाकिस्तानियों से आए शरणार्थियों का दी गई भारतीय नागरिकता को भी सार्वजनिक किया है।
दरअसल राज्यसभा में बुधवार की कार्यसूची में प्रश्नकाल के सूचीबद्ध होने के बावजूद सदन की सहमति से उसके बजाए नागिरकता (संशोधन) विधेयक पेश कराया गया। राज्यसभा के नियमों में कुछ साल पहले हुए परिवर्तन के मुताबिक उच्च सदन में प्रश्नकाल हो या हो, उसमें सांसदों के सवाल और सरकार के लिखित जवाबों को सदन की संपत्ति मानकर पटल पर रखा हुआ माना जाता है। इसी नियम के तहत राज्यसभा में सांसद डा. किरोड़ी लाल मीणा के पिछले कुछ सालों के दौरान अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भारत आए हिंदुओं और सिखों के बारे में पूछे गए सवाल पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने अपने लिखित जवाब में यह जानकारी सार्वजिनक की है कि पिछले तीन साल यानि वर्ष 2016 से 2018 तक इन दोनों देशों के कुल 1986 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई है, जिनमें 1595 पाकिस्तानी और 391 अफगानी प्रवासी शामिल हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि वर्ष 2019 के दौरान 6 दिसंबर तक 40 अफगानियों और 712 पाकिस्तानियों को भारत की नागरिकता दी जा चुकी है। गृहमंत्रालय के इन आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 से अब तक पाकिस्तान और अफगानिस्तान से शरणार्थियों के रूप में भारत आए 927 सिखों और हिंदुओं को भारत की नागरिकता दी गई है। राय ने बताया कि अफगानिस्‍तान, पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश से आने वाले सिख, हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई आदि अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के प्रवासियों की नागरिकता के आंकड़े ऑनलाइन प्राप्‍त करने की व्‍यवस्‍था वर्ष 2018 में शुरू की गई थी।
जम्मू-कश्मीर में एक दर्जन प्रवासियों की हत्या
राज्यसभा में सूचीबद्ध सवालों के तहत एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा धारा 370 हटाए जाने यानि 5 अगस्त से अब तक आंतकी हमले में 12 प्रवासी मजदूरों और ड्राइवरों की हत्या की गई है। रेड्डी के अनुसार सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित आतंकवाद से जम्मू-कश्मीर प्रभावित रहा है। इसी के तहत राज्य से धारा 370 हटने और उसके विभाजन के बाद 12 गैर-कश्मीरी मजदूरों और ड्राइवरों की हत्या सहित 19 आम लोगों को आतंकियों द्वारा अपना निशाना बनाकर मौत के घाट उतारा गया है। उन्होंने अपने जवाब में यह भी जानकारी दी है कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के जीज सुरक्षा बल आतंकवादियों के विरुद्ध सक्रियता से कारवाई कर रहे हैं। सुरक्षा बलों के ठोस एवं तालमेलपूर्ण प्रयासों के कारण पिछले कुछ वर्षों में जम्मू एवं कश्मीर में बड़ी संख्या में आतंकवादी मार गिराए गए हैं। 
12Dec-2019

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