एसएसबी के स्थापना दिवस पर गृह मंत्री ने किया
ऐलान
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।

देश
की सीमाओं पर प्रहरी के रूप में सुरक्षा करने के लिए तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)
के जवानों को जल्द ही अपने परिवार के बीच समय बिताने के लिए 100 दिन की की छुट्टियां दी
जाएंगी। ऐसे प्रस्ताव पर केंद्र सरकार विचार कर रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यहां नई
दिलली में सशस्त्र सीमा बल की 56वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित एक
समारोह में यह ऐलान करते हुए कहा कि सशस्त्र सीमा बल के
जवानों ने सदैव निष्ठा के साथ देश के सामने आने वाली अनेक आंतरिक चुनौतियों का सामना करते हुए देश की एकता और अखंडता की दिशा
में जो योगदान दिया है, उसके लिए एसएसबी का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
उन्होंने देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने और सीमाओं से नशीले पदार्थो एवं हथियारों
की तस्करी रोकने के अलावा आतंकवा और उग्रवाद को रोकने के लिए विशिष्ट
भौगोलिक परिस्थितियों में रहकर देश के लोगों को एक इकाई के रूप
में जोड़ने का काम किया है। वहीं यह बल के जवान चाहे मित्र राष्ट्र
की सीमाएं हों, नक्सल प्रभावित
क्षेत्र हो या कश्मीर में तैनाती,
हर
समय इस बल के जवान राष्ट्र के लिए बलिदान को तैयार रहते हैं।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में
एक-डेढ़ साल या उससे जल्दी ही ऐसी योजना तैयार की जाएगी, जिसमें सीमा की सुरक्षा करने वाला
एसएसबी का हर एक जवान साल में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ बिता सके, ऐसी व्यवस्था गृह मंत्रालय करने जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि एसएसबी के लिए गृह मंत्रालय ने ढेर सारी सुविधाएं बढ़ाने का
काम किया है। कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु को 57 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दिया गया
है। उन्होंने भारत-नेपाल सीमा का जिक्र करते हुए कहा कि कई बार विदेशी नागरिकों को
इस सीमा से घुसपैठ करते हुए सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने पकडा है। शाह ने कहा कि
अस्थिरता
फैलाने के इरादे से भारत में प्रवेश करने के लिए नेपाल और भूटान से लगने
वाली सीमा का इस्तेमाल करने की कोशिशें की जाती हैं, लेकिन एसएसबी की
सतर्कता के कारण उनके मंसूबों पर पानी फिर जाता है।
महिलाओं को भी बनाया सजग प्रहरी
उन्होंने कहा कि एसएसबी देश का पहला ऐसा सीमा
रक्षक बल है जिसमें 2007 में सर्वप्रथम
महिलाओं की तैनाती की गयी। तब से आज तक बल की महिला कर्मी पूरी निष्ठा और ईमानदारी
से अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही हैं। एसएसबी के जवान एक सजग प्रहरी के नाते देश
की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं,
इसी
कारण आज देश प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा है। अमित शाह ने कहा कि एसएसबी की 22 महिला कर्मियों का एक दल वर्तमान में भारतीय
सेना के 16वें सिख रेजिमेंट
के साथ कांगों में संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षक दल में भी तैनात है, यह पूरे बल और हमारे देश की बेटियों के लिए
गर्व का विषय है।
शहीद नीरज क्षेत्री को किया याद
इस मौके पर अमित शाह ने शहीद नीरज क्षेत्री को
याद करते हुए कहा कि झारखंड में शहीद इस जवान की शहीदी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
का स्रोत बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने शहीद जवानों की याद
में पुलिस स्मारक बनाया है जो पुलिस की वीर गाथा कहने के लिए तैयार किया गया है। इस समारोह के दौरान उन्होंने जहां उत्कृष्ट
सेवा के लिए कुछ जवानों को सम्मानित किया, वहीं उन्होंने एसएसबी के जवानों की परेड
की सलामी लेने के साथ बल के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि सुमन भी अर्पित किये।
20Dec-2019
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