सांसदों में बनी सहमति, सालाना बचेंगे 17 करोड़ रुपये
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद की कैंटीन में खाने पर नेताओं को मिलने
वाली सब्सिडी पर आए दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा होती रहती है। लोग सवाल उठाते
रहे हैं कि आखिर क्यों संसद की कैंटीन में इतनी कम कीमत पर खाना मिलता है?
सूत्रों के मुताबिक, मोदी
सरकार ने अब संसद की कैंटीन में नेताओं को मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने का फैसला
कर लिया है। बताया जा रहा है कि अब संसद की कैंटीन में खाने की लागत के हिसाब से ही
सांसदों को पैसा देने पड़ेंगे। सुनने में आ रहा है कि इस फैसले पर अधिकतर पार्टियों
के नेताओं ने सहमति जता दी है। बताया जा रहा है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के सुझाव
के बाद बिजनेस एडवाइज़री कमेटी ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इस चर्चा में सभी पार्टियों
ने इस मुद्दे पर सहमति जताई है। अगर संसद की कैंटीन से सब्सिडी को हटा दिया जाता है,
तो इसमें 17 करोड़ रुपये सालाना की बचत होगी। बता
दें कि संसद की कैंटीन में काफी कम कीमत पर खाना मिलता है। पिछली लोकसभा में कैंटीन
में खाने का दाम बढ़ाया गया था और सब्सिडी का बिल कम कर दिया गया था, लेकिन अब सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी है। गौरतलब है कि पिछले
दिनों दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ोत्तरी के विरोध
में हो रहे छात्रों के प्रदर्शन के बीच सोशल मीडिया पर खानों के मूल्य का एक चार्ट
वायरल हुआ था। इसमें दावा किया गया था कि वो भारतीय संसद की कैंटीन में खाने के मूल्य
की लिस्ट है। इस चार्ट में दिख रहे खाने का दाम बेहद कम थे। हालांकि, बाद में ये लिस्ट गलत साबित हुई थी। वायरल रेट लिस्ट 4 साल पुरानी थी।
राजस्थान के लजीज व्यंजनों के मुरीद हुए सांसद
सामने लजीज व्यंजन हो तो किसका मन नहीं मचलेगा।
संसद भवन में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। सांसदों को संसद भवन के सेंट्रल
हॉल में इन दिनों राजस्थान के स्वादिष्ट व्यंजनों के चटकारें लेते देखा जा सकता हैं। देश के जाने माने सांसद राजस्थान के स्वादिष्ट
व्यंजनों के मुरीद हो कर इसके ऐसे दीवाने हो रहे हैं कि वंस मोर..की डिमांड भी करने
लगे हैं। जोधपुर की नमकीन एवं मीठी कचौरियां, मिर्ची बड़े और नमकीन सांसदों की ख़ास पसन्द
बन गए हैं। इन लजीज व्यंजनों का लुफ़्त उठाते इन सांसदों ने पूर्व केन्द्रीय राज्य
मंत्री और पाली के सांसद पी पी चौधरी का राजस्थान के ऐसे लजीज व्यंजनों का रसास्वादन
करवाने के लिए आभार जताया हैं।
06Dec-2019
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