बिना
लाइसेंस के गाड़ी चलाने वालों से हुई 37,585 सड़क दुर्घटनाएं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
में सड़क हादसों के लिए वाहन चालकों की कुशलता व क्षमता में प्रशिक्षण अनिवार्य
करने के बावजूद पिछले साल सड़क हादसों में हुए इजाफे के मद्देनजर यह तथ्य सामने आए
हैं कि वर्ष 2018 में 4.67 लाख से
ज्यादा हादसों में 3.45 लाख 799 हादसों के लिए वैध स्थायी लाइसेंसधारी चालक ही
रहे।
केंद्र
सरकार देश में सड़क हादसों और उनमें हो रही मौतों पर अंकुश लगाने के लगातार प्रयास
में हैं, लेकिन सड़क हादसे कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। बढ़ाने के लिए
ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को सख्त बनाने या गया है, लेकिन वर्ष 2018 में
पिछले सालों की अपेक्षा सड़क हादसों में हुई वृद्धि में सबसे ज्यादा 3.45 लाख 799
सड़क हादसों के जिम्मेदार वाहन चालकों में वैध स्थायी ड्राइविंग लाइसेंसधारी ही
रहे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2018 में 23,593
सड़क हादसे ऐसे हुए जिसमें शामिल वाहन चालकों के पास लर्निंग लाइसेंस थे, जबकि
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने वालों की वजय से 37,585 सड़क दुर्घटनाएं हुई
हैं। मंत्रालय के अनुसार सड़क हादसों में कमी लाने की दिशा में सरकार ने खासकर
वाणिज्यक वाहन चालकों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने, सड़क सुधार और
पर्यावरण संरक्षा के साथ सड़कों पर समग्र गतिशीलता को सुदृढ़ करने हेतु चालन
प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की योजना को बढ़ावा दिया है। इस योजना के तहत
मंत्रालय से अनुमोदित प्रशिक्षण केंद्रों से निर्गत प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को
ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन के लिए अनिवार्य बनाया गया है। मंत्रालय चालन
प्रशिक्षण व अनुसंधान संस्थान एवं क्षेत्रीय चालन प्रशिक्षण केंद्र की योजना हर
राज्य के प्रमुख शहरों में भी चला रहा है। यही नहीं ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन के
लिए वाहन चालन का मौके पर परीक्षण भी कराया जाता है। मंत्रालय ने उम्मीद जताई है
कि नए मोटर वाहन कानून के लागू होने से देश में सड़क हादसों और उनके कारण हो रही
मौतों को ज्यादा से ज्यादा कम किया जा सकेगा।
छत्तीसगढ़
में कौन रहा ज्यादा जिम्मेदार
वर्ष
2018 के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में जहां वर्ष 2017 में हुए 13,563 सड़क हादसों में 4136 लोगों की मौत हुई थी तो वहीं वर्ष 2018 में राज्य की सड़कों पर हुए 11460 हादसों
में 4592 लोगों की मौत हुई
है यानि 11 फीसदी की बढ़ोतरी
हुई है।
इस राज्य में सबसे ज्यादा 9287 सड़क दुर्घटनाओं के लिए वैध स्थायी ड्राइविंग
लाइसेंस के साथ वाहन चलाने वाले चालक ही रहे। जबकि 786 लर्निंग लाइसेंस और 1387
बिना लाइसेंस के वाहन चालक जिम्मेदार ठहराए गये हैं।
हरियाणा में लर्निंग लाइसेंस कम जिम्मेदार
मंत्रालय के मुताबिक हरियाणा राज्य की सड़कों
पर वर्ष 2017 के दौरान हुए 11,258 के मुकाबले वर्ष 2018 में 11,238 दुर्घटनाएं हुई। हादसों में 0.2 फीसदी मामूली कमी के साथ वर्ष 2018 में हुई 5118 मौतें हुई,
जिनकी
वर्ष 2017 में 5120 संख्या थी। इन हादसों के लिए हरियाणा में भी वैध
लाइसेंसधारियों की गलती ने 3815 सड़क हादसों को जन्म दिया। जबकि लर्निंग लाइसेंस
वालों ने 528 तथा बिना लाइसेंस वाले चालक 651 सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार रहे।
मध्य प्रदेश में चिंताजनक तथ्य
मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 में हुए 51,397 हादसों के लिए 39,357 वैध
लाइसेंसधारी, 2491 के लिए लर्निंग लाइसेंसधारी और 4597 सड़क हादसों के लिए बिना
लाइसेंस के वाहन चलाने वाले जिम्मेदार रहे।
मध्य प्रदेश में वर्ष 2017 के मुकाबले वर्ष 2018 में सर्वाधिक 2002 यानि 3.7 फीसदी सड़क हादसों में कमी दर्ज हुई, लेकिन वर्ष 2018 के दौरान हादसों में मौतों का आंकड़ा 5.2 फीसदी बढ़ा है।
17Dec-2019
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