सरकार ने ई-टोल भुगतान में एक माह तक दी 25 फीसदी छूट
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने एक दिसंबर से सभी एनएचएआई के
टोल प्लाजाओं को फास्टैग से लैस करने की अनिवार्यता के लिए 15 दिन का
समय बढ़ाने के बाद अब निर्णय लिया है कि 15 दिसंबर से टोलटैक्स
ई-भुगतान यानि फास्टैग से लेना अनिवार्य हो जाएगा, लेकिन 25 फीसदी कैश भुगतान करने की छूट दे दी गई है।

75 फीसदी ई-भुगतान की अस्थाई
छूट
मंत्रालय के सूत्रों की माने तो देश के सभी
टोल प्लाजाओं को एक दिसंबर तक फास्टैग से लैस करने की डेड लाइन को 15 दिसंबर
तक बढ़ाना पड़ा। जिसमें राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने देश के सभी टोल प्लाजा पर 100 फीसदी भुगतान अनिवार्य तौर पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के जरिये लेने के
आदेश दिये गये थे। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को मंत्रालय जुलाई
में ही दिशानिर्देश कर चुका था, कि टोल प्लाजा की सभी टोल लेन
को एक दिसंबर तक फास्टैग लेन में बदली जाएं, लेकिन 15
दिन की अवधि बढ़ाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ तो मंत्रालय ने
75 फीसदी ई-भुगतान के लिए अस्थाई तौर पर एक माह
की छूट दे दी है। सरकार ने यह ऐलान टोल प्लाजाओं पर वाहनों के लंबे-लंबे जाम की समस्या
से निजात पाने को किया है। इससे पहले मंत्रालय ने यह फैसला लिया गया था कि सभी टोल
प्लाजा पर एक हाईब्रिड लेन बनाई जाएगी, जिस पर बड़े वाहनों के
अलावा फास्टैग और दूसरे तरीकों से भुगतान स्वीकार किया जाएगा।
एक पखवाड़े में 80 लाख फास्टैग
बिके
मंत्रालय के अनुसार एक दिसंबर के बजाए 15 दिसंबर
से फास्टैग व्यवस्था लागू करने के ऐलान के बाद अभी तक 80 लाख
टैग्स बांटे जा चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस साल की शुरुआत में नेशनल हाइवेज पर
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन 25 फीसदी थी, जो अब 40 फीसदी तक पहुंच चुका है। वहीं एनएचएआई के टोल
प्लाजा पर रोजाना फास्टैग्स के जरिये 20-25 करोड़ की 11
लाख ट्रांजेशन होती हैं। देश
में राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 537 टोल प्लाजा हैं, जिनमें 412 टोल प्लाजा की सभी लेन फास्टैग हो गई है, जिनमें
एक कैश लेन को छोड़कर 380 टोल प्लाजा के
सभी लेन फास्टैग से लैस हो गए हैं। इसके अलावा 64 टोल प्लाजा में 2 लेन फास्टैग हुई
और 19 टोल प्लाजा में हैंडहेल्ड
का इस्तेमाल हो रहा है। जबकि 32 टोल प्लाजा में
फास्टैग लेन का काम हो रहा है।
15Dec-2019
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