बीएसएफ और बीजीबी के बीच सीमा समन्वय सम्मेलन का आयोजन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारत-बंग्लादेश सीमा पर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की
दिशा में भारतीय अर्द्धसैनिक बल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और
बंग्लादेश के बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच 49वें महानिदेशक स्तरीय सीमा समन्वय सम्मेलन में सीमाओं की सुरक्षा
के लिए तालमेल को मजबूत बनाने पर बल दिया जा रहा है।
यहां नई दिल्ली स्थित छावला में बीएसएफ के परिसर में 25 से
30 दिसंबर तक आयोजित 49वें महानिदेशक स्तरीय
सीमा समन्वय सम्मेलन (बॉर्डर कोऑर्डिनेशन कांफ्रेंस) के तहत रविवार को भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व बीएसएफ के महानिदेशक विवके जौहरी व बंग्लादेश
के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीजीबी के मेजर जनरल
मोहम्मद शफीनुल इस्लाम ने किया। भारत व बांग्लादेश के बीच होने वाली महानिदेशक समन्वय
सम्मेलन का आयोजन बीते कई दशकों से लगातार किया जा रहा है। वर्ष में दो बार आयोजित
होने वाले इस सम्मेलन में दोनों देशों द्वारा क्रमवार मेजबानी के कर्तव्य का निर्वहन
किया जाता है। पिछले सम्मेलन का आयोजन बांग्लादेश
की राजधानी, ढाका में किया गया
था। समान सांस्कृतिक विरासतों व मानवीय कारकों को ध्यान में रखते हुए दोनों पड़ोसी देश
आपसी सदभाव व सौहार्द की भावना के साथ समस्याओं के समाधान के क्रम में निरंतर आगे बढ़
रहे हैं।
इसी आधार पर दोनों देशों के सीमा रक्षक बलों द्वारा सीमा पर एक मजबूत
सुरक्षा प्रणाली की स्थापना की गई है। जिसके माध्यम से ही सीमा रक्षा व सीमा प्रबंधन
से जुड़े मुद्दों का उचित निदान आपसी सहयोग व समन्वय स्थापित कर सुनिश्चित किया जा रहा
है।
तस्करी के साथ विद्रोहियों के खिलाफ एकजुटता पर बल
इस मौके पर वार्ता के दौरान विभिन्न मुद्दों
पर दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के महानिदेशकों द्वारा हस्ताक्षर
कर कुछ महत्वपूर्ण समझौतें भी किये। इनमें दोनों पक्षों के बीच हुई यह बातचीत ड्रग्स, सोना, नकली मुद्रा
व मवेशियों की तस्करी तक ही सीमित नहीं रही, इस दौरान सीमा सुरक्षा बल द्वारा भारतीय विद्रोही समूहों
के खिलाफ कार्रवाई, अंतर्राष्ट्रीय के 150 गज के
भीतर बाड़ का निर्माण, नागरिकों का अवैध आव्रजन, सीमा सुरक्षा
बल कार्मिकों पर हमले व उनकी हत्याओं जैसे गंभीर विषयों पर विस्तारपूर्वक विचार विमर्श
के बाद सहमति बनाई गई। दोनों पक्ष अवैध
सीमा पार की रोकथाम के लिए मजबूत कदम उठाने और कमजोर क्षेत्रों में एक साथ समन्वित
गश्त तेज करने पर भी सहमत हुए। वहीं भौगोलिक परिस्थितियों व प्राकृतिक
कठिनाईयों के चलते उत्पन्न समस्याओं पर भी गहन अध्ययन किया गया। 30Dec-2019
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