गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

अब और मजबूत होगा बुनियादी ढ़ांचा

विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ी सरकार
बजटीय प्रावधान में हुई 79.25 फीसदी वृद्धि
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
मोदी सरकार देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए निरंतर गंभीर है, जिसमें प्रमुख रूप से सड़कों और रेलवे परियोजनाओं समेत अन्य ढांचागत योजनाओं के लिए सरकार ने बजट में भारी-भरकम धनराशि के रूप में 3.96 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 79.25 फीसदी है। इसमें सड़क क्षेत्र के लिए 64 हजार करोड़ रुपये का आवंटन भी शामिल हैं,जिसके तहत बंदरगाहों और दूर-दराज के गांवों से बेहतर संपर्क के लिए दो हजार किमी सड़कों के निर्माण करने का लक्ष्य है।
केंद्र सरकार सड़क और रेलवे जैसे ढांचागत क्षेत्र और निवेश को देश कि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का स्तंभ मानकर चल रही है, जिसमें सरकार के विकास के एजेंडे को भी बल मिलता है। इसी सकारात्मक कदम के तहत बुधवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट-2017-18 पेश करते हुए देश के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कुल 3,96,135 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले साल के बजट में 2.21 लाख करोड़ रुपये था। मसलन बुनियादी ढांचे के लिए कुल आवंटित बजट में देश के पूरे परिवहन क्षेत्र रेलवे, सड़क, जहाजरानी क्षेत्र के लिए 2,41,387 करोड़ रुपए के प्रावधान किया गया है। इसमें अकेले रेलवे का 1.31 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान शामिल है। जबकि इस भारी भरकम बजट में सड़क क्षेत्र के तहत राजमार्गों के लिए 64,900 करोड़ रुपये का बजट भी शामिल है। सड़क क्षेत्र का यह बजट आवंटन को वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान के 57,976 करोड़ रुपये से करीब 12 फीसदी ज्यादा तय किया गया है। इसके अलावा सरकार ने बुनियादी ढांचे के तहत बंदरगाहों और दूर-दराज के गांवों से बेहतर सड़क संपर्क विकास के लिए दो हजार किमी सड़कों के निर्माण करने की पहचान की है। मंत्रालय के अनुसार सरकार के अनुमानित बजट मेें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, विशेष एक्सीलरेटेड सड़क विकास कार्यक्रम, नक्सली क्षेत्र में सड़क निर्माण करने की योजना का खर्च भी शामिल है। उम्मीद है कि देश में सड़क निर्माण और हर गांव को संपर्क मार्ग से जोड़ने के लक्ष्य को सरकार चरणबद्धता और समयबद्धता के सिद्धांत पर पूरा कर लेगी।
सड़क निर्माण में आई तेजी
संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया कि वर्ष 2014-15 से अब तक देश में 1.40 लाख किमी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों के निर्माण भी शामिल है। सरकार का दावा है कि वर्ष 2011-14 की अवधि में 73 किमी के मुकाबले इन तीन सालों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण औसत बढ़कर 133 किमी प्रतिदिन हो गया है। सरकार वर्ष 2019 तक पीवीआरवाई के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है। इसलिए सरकार के प्रस्तावित बुनियादी ढांचे के बजट में वर्ष 2017-18 के लिए इस योजना पर 27 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है,जिसमें राज्यों के अंशदान की आठ हजार करोड़ रुपये की रकम भी शामिल होगी।
निजी निवेश की अहम भूमिका
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश में सड़क संपर्क के विस्तार पर ज्यादा फोकस करके बुनियादी ढांचे को और ज्यादा मजबूत करने की योजना बना रहा है। मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद देश में सड़क परियोजनाओं खासकर राष्ट्रीय राजमार्गो के विस्तार के लक्ष्य को तेजी से हासिल किया है। मसलन देश में 96 हजार किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार की योजना में इसे दो लाख किमी तक का निर्माण पूरा किया जा चुका है। अब सड़क क्षेत्र के बजटीय प्रावधान में हुई बढ़ोतरी के बाद प्रगति पर चल रही परियोजनाओं में भी तेजी लाई जा सकेगी। हालांकि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि बजटीय प्रावधान के अलावा बुनियादी ढांचें को दुरस्त करने निजी निवेश भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उनका मंत्रालय अब तक देश में साढ़े चार लाख करोड़ की परियोजनाएं पूरी कर चुका है और अनेक योजनाएं पाइपलाइन में हैं।
पीपीपी मॉडल का फायदा
मंत्रालय के अनुसार देश में ज्यादातर सड़क परियोजनाएं पीपीपी मॉडल पर पूरी की जा रही है, जिसका विभाग को ज्यादा फायदा मिल रहा है। इस प्रक्रिया में जहां परियोजना तेजी से कार्यान्वयन हो रही है, वहीं इस साल विभाग का मुनाफा भी सात हजार करोड़ पहुंच गया है। सड़क परियोजनाओं में तेजी लाने के इरादे से इस साल देश में 40 किमी लंबी सड़के प्रतिदिन बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। मंत्रालय ने बजटीय आवंटन बढ़ाने के साथ अतिरिक्त धनराशि की मांग का प्रस्ताव दिया था, लेकिन मंत्रालय के पास अतिरिक्त धनराशि जुटाने के कई विकल्प मौजूद हैं, जिससे परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाएगा।
ये भी बुनियादी ढांचे का हिस्सा
बजट भाषण में अरुण जेटली ने टेलीकॉम क्षेत्र को बुनियादी ढांचे के परितंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक बताते हुए कहा कि हाल ही में की गई स्पेक्ट्रम नीलामी से देश में स्पेक्ट्रम की किल्लत समाप्त होने वाली है। इससे ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के हित में मोबाइल ब्रॉडबैंड और डिजिटल इंडिया को काफी बढ़ावा मिलेगा। वहीं दूसरी श्रेणी के शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों को परिचालन और विकास के लिए लिया जाएगा। इनका विकास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर किया जाएगा। इसी प्रकार नई मेट्रो रेल योजना में वित्तपोषण के नवोन्मेषी तरीके अपनाए जाएंगे। वहीं सौर ऊर्जा क्षेत्र के बारे में वित्त 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य के साथ सौर बिजली विकास के दूसरे चरण को आगे बढ़ाने का ऐलान किया गया। जाएगा।
02Feb-2017

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