सोमवार, 27 फ़रवरी 2017

यूपी विधानसभा में बढ़ सकता है दागियों का ग्राफ

यूपी में 313 सीटों पर आए 17 फीसदी अपराधिक छवि वाले नेता
करीब 32 फीसदी अमीरों ने भी दांव पर लगाई अपनी किस्मत
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की विधानसभा के लिए आज सोमवार को संपन्न हुए पांचवे चरण के चुनाव में 403 में से 313 सीटों पर 3673 प्रत्याशी अपनी किस्मत ईवीएम में कैद करा चुके हैं, जिनमें 1784 यानि 48.58 फीसदी दागियों और अमीरों ने दांव आजमाया है। चुनावी जंग में अपनी किस्मत आजमाते ऐसे प्रत्याशियों से ऐसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस बार यूपी विधानसभा में दागियों और अमीरों का ग्राफ बढ़ेगा।
यूपी के पहले पांच चरणों में कुल 313 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा चुके 3673 उम्मीदवारों में प्रमुख दलों भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद, सीपीआई, सीपीआईएम, राकांपा के प्रत्याशियों के अलावा 1288 यानि 35.1 फीसदी प्रत्याशियों ने पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों के बैनर पर चुनाव लड़ा है, जबकि इन पांच चरणों में 1146 यानि 31.20 फीसदी निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आजमा रहे है। जिन प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है उनमें 365 यानि 9.94 फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें शामिल 618 यानि 16.83 फीसदी दागियों और 1166 यानि 31.75 फीसदी अमीरों का दांव इस बार यूपी विधानसभा की तस्वीर दागदार कर सकता है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो गरीबों के हितों और कानून व्यवस्था दुरस्त करने के दावे कर सत्ता में आने का प्रयास कर रहे राजनीतिक दल ऐसे उम्मीदवारोें के सहारे कैसे साफ-सुधरी सरकार दे सकते हैं। राजनीतिक जानकारों का तो यहां तक कहना है कि यदि किसी तरह ईवीएम में अपनी किस्मत कैद करा चुके संगीन मामलों में लिप्त 82 फीसदी यानि 500 उम्मीदवारों में आधे भी जीतते हैं तो उत्तर प्रदेश का भविष्य किस दिशा में जाएगा यह वक्त ही बता सकेगा।
81 फीसदी पर संगीन संगीन मामले
उत्तर प्रदेश में पिछले चुनाव में 16वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में 403 सीटों पर विभिन्न दलों ने 759 दागियों पर दांव खेला था, जिनमें से सपा के 111 समेत कुल 189 अपराधिक छवि वाले विधायक निर्वाचित हुए थे। इस बार अभी तक पांच चरणों की 313 सीटों पर 618 दागी उम्मीदवार अपनी किस्मत ईवीएम में कैद करा चुके हैं, जिनमें 500 यानि करीब 81 फीसदी ऐसे दागी हैं जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण जैसे संगीन मामलों में मुकदमें दर्ज हैं। मसलन सात चरणों में होने वाले चुनावों में आज सोमवार को 51 सीटों पर हुए चुनाव समेत पांच चरणों में 313 सीटों के लिए ईवीएम में अपनी तकदीर कैद करा चुके 3673 प्रत्याशियों में ऐसे दागी उम्मीदवार भी शामिल हैं।
दागियों से ज्यादा धनकुबेर
उत्तर प्रदेश की विधानसभा के लिए अभी तक पांच चरणों के संपन्न हुए चुनावों में सियासी दलों ने 1166 यानि करीब 32 फीसदी करोड़पति प्रत्याशियों पर दांव खेला है। पहले चरण में 73 सीटों पर 839 उम्मीदवारों में से 302 यानि 36 फीसदी, तो दूसरे चरण के चुनाव में भी 721 प्रत्याशियों में 36 फीसदी यानि 256 करोड़पति, तीसरे चरण में 826 में से 250, चौथे चरण के चुनाव में 680 में से 189 तथा पांचवे चरण में 607 में 168 करोड़पति प्रत्याशी चुनावी महासंग्राम का हिस्सा बन चुके हैं। पांचों चरणों के चुनाव में बसपा ने सबसे ज्यादा 268, भाजपा ने 246, सपा ने 194, रालोद ने 84 व कांगे्रस ने 62 धनकुबेरों को प्रत्याशी बनाकर चुनावी दांव खेला है। जबकि 142 करोड़पति प्रत्याशी निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आजमाकर यूपी विधानसभा में दाखिल होने का प्रयास कर चुके हैं।


मणिपुर चुनाव: पहले चरण में 54 करोड़पति
चार मार्च को 38 सीटों पर होगा मतदान

ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मणिपुर की 60 सीटों में से 38 सीटों पर पहले चरण में चार मार्च को चुनाव होना है। इस चुनाव की जंग में उतरे 167 प्रत्याशियों में 54 करोड़पतियों और आठ दागियों के फेहरिस्त में शामिल हैं।
मणिपुर विधानसभा के लिए 4 मार्च को होने वाले चुनाव के पहले चरण में अपनी किस्मत आजमा रहे 167 प्रत्याशियों में से 54 करोड़पतियों का भविष्य भी दांव पर लगा है, जबकि आठ उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है। एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने राज्य विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 17 राजनीतिक दलों के सभी 167 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण करने के बाद खुलासा किया है कि इनमें 14 निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं। इस विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार यदि पार्टी वार नजर डाली जाए, तो कांगे्रस के 37 में से 21, भाजपा के 38 में से 21, नेशनल पीपुल्स पार्टी के 12 में से पांच, नार्थ ईस्ट इंडिया डेवलपमेंट पार्टी के 8 में से दो तथा राकांपा के 6 में से दो ने एक करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
एनपीएफ सबसे अमीर पार्टी
मणिपुर चुनाव के पहले चरण में उम्मीदवारों के शपथ पत्र के आधार पर प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 1.04 करोड़ रुपए आंकी गई है। रिपोर्ट के अनुसार इस चरण में तीन सबसे धनी उम्मीदवारों में पहले स्थान पर नगा पीपुल्स फ्रंट के सेहपु हाओकिप हैं, जिनकी 13 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। इसके बाद भाजपा के के.कृष्ण कुमार की 9 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और कांग्रेस के क्षेत्रियमायुम बीरेन सिंह की आठ करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। 
दागियों पर दांव
जहां तक दागियों का सवाल है उसमें 167 में मात्र आठ उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है, जिनमें चार भाजपा व दो एमएनडीएफ तथा दो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। जबकि इनमें से तीन उम्मीदवारों पर हत्या का प्रयास, धोखाधड़ी तथा बेईमानी जैसे गंभीर आपराधिक मामले हैं। इनमें दो भाजपा और एक कांग्रेस का उम्मीदवार शामिल है।
मणिपुर का परिदृश्य
मणिपुर में दो मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल-नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और द पीपुल्स डमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) हैं। मणिपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से क्षेत्रफल के आधार पर सबसे छोटे निर्वाचन क्षेत्र किसमथोंग और 13-सिंगजमी विधानसभा सीटें हैं, जिनका क्षेत्रफल 2-2 वर्ग किलोमीटर है। जबकि सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र फूंग्यार (एसटी) है, जिसका क्षेत्रफल 23.8 वर्ग किलोमीटर है। जहां तक मतदाताओं की संख्या के आधार का सवाल है उसमें सबसे छोटा निर्वाचन क्षेत्र तिपैमुख (एसटी) है, जिसमें 17,7,49 मतदाता हैं, जबकि माओ (एसटी) सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां 53,5,57 मतदाता हैं। इसके अलावा मणिपुर के सभी 60 निर्वाचन क्षेत्रों में एक लाख से कम मतदाता हैं। मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) पाने वाले मतदाताओं को लिंग के आधार पर वगीर्कृत किया गया है, जिसे चार्ट में महिलाओं और पुरूषों के रूप में दशार्या गया है। इनके अलावा मतदाता सूची में अन्य मतदाताओं के बारे में नहीं बताया गया है और विभिन्न सेवाओं के कुल 11915 मतदाता हैं।
28Feb-2017

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