शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017

सड़क की खामियों पर निर्माताओं की खैर नहीं!

हादसे में मौत का कारण बनने पर दर्ज होगा मुकदमा
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में निरंतर बढ़ते सड़क हादसों से चिंतित केंद्र सरकार सड़क परियोजनाओं में सुरक्षा के लिहाज से  अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के साथ तकनीक के इस्तेमाल को अनिवार्य बना चुकी है। सरकार ने सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता और उसके रखरखाव के लिए सीधे निर्माण एजेंसियों को जिम्मेदार बनाया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार संसद में लंबित नए मोटर वाहन विधेयक में भी सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में केंद्र सरकार ने ऐसे प्रावधान लागू किये हैं, जिसमें सुरक्षित सड़क निर्माण के बावजूद यदि सड़क हादसें में कोई मौत हो जाती है और उस हादसे का कारण सड़क की गुणवत्ता में कमी या खराब सड़क पाया गया तो सीधेतौर पर इसकी जिम्मेदारी सड़क निर्माण एजेंसी की होगी। मसलन एजेंसी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। मसलन सड़क पर गड्ढे और दोषपूर्ण डिजाइन के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के मामले को इस दंडात्मक दायरे में शामिल करने का फैसला किया गया है। ऐसी धारा को नए मोटर वाहन संशोधन विधेयक में शामिल करने के लिए संसदीय स्थायी समिति ने भी सिफारिश की है। परिवहन संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने दोषपूर्ण सड़क डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए निर्माण एजेंसियों और ठेकेदारों को जवाबदेह बनाने के साथ उनके खिलाफ दंड के प्रावधान लागू करने की सिफारिश भी की है। सड़क मंत्रालय ने समिति की सिफारिशों को मंजूर कर लिया गया है। मंत्रालय ने शराब के नशे में वाहन चलाने पर मौत होने के मामले को आईपीसी के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला मानना मंजूर कर लिया है। हालांकि ऐसे मामलों को हत्या के जुर्म के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन इसमें 10 साल की जेल की सजा या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।
समिति के सुझाव अहम
संसदीय समिति के एक सदस्य की माने तो संसद में पेश किए गए मोटर वाहन संशोधित विधेयक में सड़कों के दोषपूर्ण डिजाइन और खराब रखरखाव के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के मामले शामिल नहीं थे, जिनके कारण ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। समिति के अनुसार हालांकि विधेयक में यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों में जुर्माने और सजा के सख्त प्रावधान किये गये हैं। सड़क मंत्रालय द्वारा तैयार किये गये सड़क परिवहन सुरक्षा विधेयक के मसौदे मेें समिति की सड़क की खामियों के कारण सड़क हादसे का जिम्मेदार निर्माण ऐजेंसी को ठहराने की सिफारिश को अहम मानते हुए विधेयक में बदलाव किया है। इसके तहत किये गये प्रावधान में निर्माण एजेंसियों पर 10 लाख रुपए प्रति व्यक्ति की मौत या दिव्यांग होने पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया है, जिनकी खराब डिजाइन के कारण हादसे होते हैं।
हादसों पर अंकुश लगाने की चुनौती
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की की चुनौती से निपटने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय का वर्ष 2020 तक देश में होने वाले सड़क हादसों को 50 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य है, जिसके लिए सड़कों के डिजाइन में सुधार, गुणवततापूर्ण एवं सुरक्षित सड़क का निर्माण कराने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों और तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बावजूद सड़क सुरक्षा के लिए मोटर वाहन कानून में व्यापक संशोधन करके कड़े प्रावधान किये जा रहे हैं। यदि केंद्र सरकार के सड़क हादसों पर जारी ताजा आंकड़ों पर गौर की जाए तो वर्ष 2015 में सड़क की खराबी के कारण ही 10 हजार से ज्यादा मौते सड़क हादसों के दौरान हुई थी। खासकर सड़क पर गड्ढे, स्पीड ब्रेकर, सड़कों के निर्माण या मरम्मत ऐसे सड़क हादसों का कारण बने थे। वहीं वाहनों को नशे की हालत में चलाने और तय सीमा से अधिक वाहन की गति भी सड़क हादसों के कारणों में शामिल रहे हैं।
24Feb-2017

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