शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017

यूपी में पहले चरण में सभी ने झोंकी ताकत!

थमा चुनाव प्रचार, 11 फरवरी को 73 सीटों पर होगा मतदान
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्त्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए होने वाले चुनाव के लिए सभी सियासी दलों द्वारा पूरी ताकत झोंकी, जिनका गुरुवार शाम को चुनाव प्रचार थम गया है। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में 73 सीटों पर 11 फरवरी शनिवार को मतदान कराया जाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
यूपी के पहले चरण में 15 जिलो की 73 विधानसभा सीटों पर भाजपा, बसपा, सपा-कांग्रेस सभी सीटोें पर चुनाव मैदान में है। जबकि रालोद 57, भाकपा पांच, माकपा चार प्रत्याशी के अलावा सर्वाधिक 291 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। खास बात है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन में दो सीटें ऐसी हैं जहां सपा व कांग्रेस के प्रत्याशी आमने सामने चुनाव लड़ रहे हैं यानि इस गठबंधन के 75 प्रत्याशी अपनी पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर जोर अजमाइश कर रहे हैं। पश्चिमी उत्त्तर प्रदेश की इन सीटों पर प्रमुख रूप से चतुष्कोणीय मुकाबले की संभावना है, जिसमें भाजपा, बसपा, रालोद व सपा-कांग्रेस गठबंधन शामिल है।
दलों की प्रतिष्ठा दांव पर
पश्चिमी उत्त्तर प्रदेश में मुस्लिम और जाट समुदाय निर्णायक भूमिका में माने जाते रहे हैं, जिन्हें हर दल अपने पाले में लाने के लिए इस चुनावी संग्राम के मैदान में हैं। दरअसल तीन साल पहले मुस्लिम बहुल इस इलाके में दंगों का दंश झेल चुके मुजμफरनगर और शामली जिले की की सीटों वाले क्षेत्र भी इस चुनाव में अपना दम दिखाने वाले हैं। वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में इस चरण की 73 सीटों में भाजपा को 11 सीटें मिली थी, लेकिन दो साल बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में इस पार्टी ने इस अंचल की सभी लोकसभा सीटों पर अपना परचम फहराया था। पिछले विधानसभा चुनाव में इस इलाके में सपा व बसपा की झोली में 24-24 सीटें आई थी, जबकि जाट बाहुल्य क्षेत्र में अजित सिंह की राष्ट्रीय लोकदल को 9 तथा कांग्रेस को केवल पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
इन सीटों पर होगा चुनाव
यूपी के पहले चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिन 15 जिलों की 73 सीटों पर 11 फरवरी को चुनाव होगा, उसमें शामली जिले की तीन, मुजμफरनगर की छह, बागपत की तीन, मेरठ की सात, गाजियाबाद की पांच, गौत्तमबुद्धनगर व हापुड़ की तीन-तीन, बुलंदशहर व अलीगढ़ की सात-सात,मथुरा की पांच, हाथरस की तीन, आगरा की नौ, फिरोजाबाद की पांच, एटा की चार तथा कासगंज की तीन विधानसभा सीटें शामिल हैं। इस चरण में 73 सीटों के लिए कुल 2.60 करोड़ 17075 मतदाताओं का चक्रव्यूह को भेदने के लिए 77 महिलाओं समेत 839 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण में 21 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां एक से अधिक महिलाएं चुनाव मैदान में हैं। इस क्षेत्र में मतदाताओं के चक्रव्यूह में 1.17 करोड़ 65768 महिलाएं मतदाता भी शामिल हैं। युवा वर्ग में 18 से 19 साल के बीच के मतदाताओं की संख्या भी 24 लाख से ज्यादा है। कुल मतदाताओं में 1508 तृतीय लिंग यानि किन्नर मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पहले चरण के चुनाव में 26823 मतदान केंद्र बनाए गये हैं, जहां 32441 ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा। चुनाव आयोग ने इस चरण के चुनाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद कराकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
सबसे बड़ी विधानसभा
चुनाव आयोग के जारी आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा 26 उम्मीदवार आगरा दक्षिण विधानसभा तथा सबसे कम 06 उम्मीदवार हस्तिनापुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद विधानसभा उत्तर प्रदेश की ऐसी सबसे बड़ी सीट हैं, जहां सर्वाधिक 8.37 लाख मतदाता वोट डालेंगे, जबकि मतदाताओं के लिहाज से जलेसर विधानसभा सीट सबसे छोटी सीट है।
10Feb-2017

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