रविवार, 5 फ़रवरी 2017

राग दरबार: भ्रष्टाचार से मुक्त होता पंचतत्व...

मुक्त होने की राह पर भ्रष्टाचार 
दुनियाभर में भ्रष्टाचार के अध्ययन रिपोर्ट भारतीय संस्कृति का जिक्र भी शामिल रहा है। देश में जब भ्रष्टाचार को लेकर बहस होती है तो फिलहाल भ्रष्टाचार का के गिरते ग्राफ में मौजूदा और पूर्ववर्ती केद्र सरकारों के कार्यकाल की तुलना होना स्वाभाविक है। राष्टÑपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में बहस के दौरान भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया। मसलन बजट के दौरान भ्रष्टाचार में गिरावट को मोदी सरकार की उपलब्धि करार देते हुए केंद्रीय मंत्राी रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि उनके तीन साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जबकि भारतीय संस्कृति में भ्रष्टाचार को लेकर आकंठ तक घिरी पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने पंचतत्व के किसी तत्व या हिस्से को अछूता नहीं छोड़ा, जहां भ्रष्टाचार न हुआ हो। चर्चा के दौरान सरकार की और से कांग्रेस को निाशाना बनाते हुए कहा गया कि भ्रष्टाचार के दाग के दायरे में आई भारतीय संस्कृति में यूपीए कार्यकाल में जमीन पर आदर्श व कॉमनवैल्थ घोटाला, आकाश में हैलीकाप्टर, जल में पनडुब्बी, वायु में 2जी स्पेक्ट्रम, पाताल में कोयला घोटाला सर्वविदित है। मसलन पंचतत्व से बनी पृथ्वी में शामिल आकाश, वायु, जल, अग्नि और जमीन तक में भी यूपीए का भ्रष्टाचार किसी से छुपा नही है। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया कि आज मोदी सरकार में ईमानदारी से फैसले हो रहे हैं, खासकर भ्रष्टाचार और कालधन धन के खिलाफ उठाए गये कदमों की विश्व ने भी तारीफ की है। सियासी गलियारे में हे रही चर्चा की बात कि जाए तो भ्रष्टाचार के मामले पर मोदी सरकार के कार्यकाल में अंकुश लगाने के लगातार किये जा रहे प्रयासों का ही परिणाम हो सकता है कि पिछले तीन साल में कोई भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया और अंतर्राष्टÑीय आंकड़ों में भ्रष्टाचार 8-10 प्रतिशत से गिरकर 3 प्रतिशत तक रह गया है या यूं कहें के भ्रष्टाचार से मुक्त होने की राह पर है भारतीय संस्कृति में पृथ्वी यानि पंचतत्व..!
स्वामी तो स्वामी ठहरे
सुब्रह्मण्यम स्वामी अपने मन के स्वामी हैं। डंके की चोट पर बोलने की उनकी अदा भी सबसे जुदा है। जब वे पंगा लेते हैं तो फिर ये नहीं देखते कि दो-दो हाथ करने में घाटा हाथ आयेगा या नफा। अपने विरोधी नेताओं को निपटाने की जद्दोजहद मेेंं वे सबको एक नजर से देखने के आदी हैं। संसद मे वित्तमंत्री अरुण जेटली के पेश किए गए बजट पर बड़े नेताओं की बाईट लेने के लिये न्यूज चैनल्स के संवाददाता संसद परिसर में मोर्चा लगाए हुए थे। बजट भाषण खत्म होने के बाद जो भी नेता मीडिया वाले को सामने दिखाई दे उसी को घेरते दिखे। तभी मीडियाजनों को सुब्रह्मण्यम स्वामी नजर आए तो सबने घेर लिया और पूछा बजट कैसा है स्वामी जी? स्वामी बोले मैं तो लोकसभा में हूं नहीं राज्यसभा में हूं जो लोकसभा सांसद बजट भाषण के साक्षी रहे हैं उनसे पूछिये। किसी ने कहा कि आपने टीवी पर देखा सुना होगा, कुछ तो कहिये। स्वामी कंधे पर बजट का थैला लटकाये हुए थे। इशारा करते हुए बोले अभी ये थैले में है, घर जाकर इसका अध्ययन करुंगा तब कुछ कह पाऊंगा। मीडिया वाले भी जानते थे, वे क्यों कुछ नहीं बोल रहे हैं। ऐसे समय में जब बीजेपी और उनके गठबंधन के मंत्री और सांसद बजट के महिमामंडन में जुटे थे तो बीजेपी के सांसद स्वामी बजट की तारीफ से मुंह चुरा रहे थे। दरअसल स्वामी और वित्तमंत्री जेटली के बीच दूरियों का रिश्ता है। स्वामी ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ते हैं जब जेटली से अदावत न निकाली जाये। अब बजट जेटली पेश करें और उसकी तारीफ सुब्रह्मण्यम स्वामी करें ये तो हो नहीं सकता। इसलिये वे मुस्कराते हुए कहे जा रहे थे कि पहले पढूंगा फिर बोलुंगा। मतलब साफ था कि तारीफ तो करुंगा नहीं पर कुछ लपेटने को मिला तो जरूर टिप्पणी करुंगा।
समुद्र के बीचोंबीच एटीएम से निकलेगा कैश
नोटबंदी के दौर में जब कैश को लेकर लोगों में हाहाकार मचा हुआ था। तो देश की समुद्री सीमाआें की सुरक्षा करने वाली नौसेना के जाबांजों ने अपनी अनोखी समस्या को सामने रखकर सबको अचंभित कर दिया था। समुद्र में दिनों, महीनों और कभी-कभी सालभर विचरण करने वाले नौसैना के इन प्रहरियों का कहना था कि एक बार समुद्र में उतरने के बाद चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आता है। कैश के नाम पर कुछ नहीं होता। ऐसे में तट पर पहुंचने पर अपनी और परिवार की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में काफी समय व्यर्थ हो रहा है। समस्या को वाजिब मानते हुए नौसेना और स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने हाल ही एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। जिससे समुद्र के शूरमां कहे जाने वाले देश के विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य पर एसबीआई ने अपना पहला एटीएम खोला। एसबीआई का यह पहला ऐसा एटीएम है, जो देश में किसी विमानवाहक युद्धपोत में दूर समुद्र में भी विचरण के दौरान आसानी से संचालित किया जा सकेगा। इस एटीएम से नौसैन्यकर्मियों चेहरों पर खुशी की मुस्कान लौट आई है, जिन्हें अपने काम के स्वभाव की वजह से कैश की व्यवस्था करने में खासी दिक्कत हो रही थी। उधर समुद्र के बीचोंबीच एटीएम से कैश निकालने की राह भी आसान हो गई है।
राहुल के नजदीक जाने की कोशिश...
मध्यप्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इन दिनो राहुल गांधी के कुछ ज्यादा ही नजदीक नजर आ रहे है। सभी कैसे भी युवराज के सामने अपनी अच्छी छवी और संगठन पर पकड दिखाना चाहते है। इन नेताओ की नजर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर लगी हुई है। हाईकमान ने इस बार साफ निर्देश दे दिया है कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर वही काबिज होगा जो संगठन पर पकड रखता हो और प्रदेश में कांग्रेस को बेहतर स्थिति में ला सकता है। इसलिए सभी अपने अपने तरीके से राहुल को लुभाने में लगे हुए है। कोई अपने समर्थकों से तो कोई खुद ही अपने नाम का प्रस्ताव अध्यक्ष के लिए पेश कर रहा है। कई नेता तो अपने समर्थकों के साथ राहुल गांधी की पांच राज्यों में हो रही चुनावी रैली में पहुंच जाते है,ताकि यह संदेश जाए कि इनके साथ हमेशा ही कार्यकर्ताओ का मजमा लगा रहता है। सभी कार्यकर्ता भी इस नेता को पसंद करते है। प्रदेश अध्यक्ष पद की चाह रखने वाले नेताओ की नजर केवल पांच राज्यों के चुनावी परिणामों पर लगी हुई है। नतीजों के बाद मप्र सहित अन्य राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की कुर्सी बदले जाने की चर्चा है।
-ओ.पी. पाल, आनंद राणा, कविता जोशी व राहुल
05Feb-2017

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