गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

राजनीतिक पार्टियों के चंदे पर लगाम

बजट में किये प्रावधान से लगा झटका
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
चुनाव सुधार की दिशा में चुनाव आयोग के साथ कदमताल करते हुए केंद्र सरकार ने राजनीतिक पार्टियों के चंदे लेने के तौरतरीकों पर लगाम कसने का प्रावधान किया है। मसलन कोई भी दल अब एक व्यक्ति से गुप्तदान के रूप में दो हजार रुपये ही ले सकेगा। वहीं बड़ी रकम डिजिटल या चैक के जरिए ही ली जा सकेगी।
संसद में पेश किये गये बजट के दौरान अपने भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां अब एक व्यक्ति से 2 हजार तक ही गुप्त दान ले सकेंगी और इससे ज्यादा के चंदे का हिसाब राजनीतिक पार्टियों को देना होगा। बजट के प्रावधान में कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल अब बड़ी रकम चैक या दूसरे डिजिटल माध्यम से ले सकेगा। बजट में किये गये इस प्रावधान को सियासी पार्टियों के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है, जिसके लिए पहले से ही चुनाव आयोग सख्त नियम लागू करने के साथ चुनाव सुधार की दिशा में सरकार को लगातार सिफारिशें भेजता रहा है। अभी तक नकद चंदे के रूप में 20 हजार रुपये तक का हिसाब नहीं मांगा जाता था। गौरतलब है कि राजनीतिक दल ज्यादातर चंदा नकदी के रूप में लेती आ रही है, लेकिन अब दो हजार रुपये से ज्यादा की रकम चैक या डिजिटल के जरिए ही ली जा सकेगी। केंद्रीय बजट में किये गये प्रावधान के तहत अब राजनीतिक चंदे के लिए बॉन्ड आएगा, बॉन्ड पार्टी के खाते में जाएगा।
आयकर रिटर्न जरूरी
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण में स्पष्ट किया गया है कि राजनीतिक पाटिंर्यां चैक या डिजिटल माध्यम से चंदा प्राप्त करने की पात्र होंगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राजनीतिक पार्टी को निर्धारित समय सीमा के भीतर आय कर रिटर्न भरना होगा। राजनीतिक पार्टियों की वित्त पोषण प्रणाली में सुधार लाने के महत्वपूर्ण कदम के बारे में जेटली ने कहा कि राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए जल्द ही अधिकृत बैंकों से चुनावी बांड जारी किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही इस संबंध में एक योजना का ढांचा तैयार करेगी और चुनावी बांड जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि चंदा देने वाले केवल चैक और डिजिटल भुगतान कर मान्यता प्राप्त बैंकों से बांड खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीकृत राजनीतिक पार्टी के निर्धारित बैंक खाते में ये बांड परिशोध्य होंगे।
70 फीसदी कमाई का स्रोत नहीं
हाल ही में राजनीतिक पार्टियों के चंदे पर छिड़ी बहस के बीच एडीआर की जारी रिपोर्ट में खुलासा किया जा चुका है कि देश के राजनीतिक दलों के कमाई का फीसदी हिस्सा बेनामी स्रोतों से आता है और इसकी जानकारी पार्टी न तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देती हैं और न ही चुनाव आयोग को को इसकी जानकारी दी जाती। आयकर विभाग के नए नियम के मुताबिक राजनीतिक दलों को 20 हजार से कम के चंदे को घोषित नहीं करने की छूट मिली हुई है। टैक्स मामलों के जानकारों की माने तों राजनीतिक पार्टी इसी छूट के जरिये चंदे के खेल में भारी गड़बड़ी करती है।
अघोषित कमाई में 300 फीसदी बढ़ोतरी
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दस सालों के अंदर राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों की बेनामी कमाई में 313 फीसदी का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक 2005-06 में सभी राजनीतिक पार्टियों की कुल कमाई 274 करोड़ रुपए थी जो 2014-16 में बढ़कर 1,131 करोड़ रुपए हो गई है। रिपोर्ट में राजनीतिक दलों की कुल घोषित आय 11,367.34 करोड़ बताई गई है जिसमें से 7,832.98 करोड़ रुपए की आय का जरिया अघोषित है। इतना ही नहीं, अधिकतर क्षेत्रीय पार्टियों ने 2004-05 से अपने चंदे की रिपोर्ट ही जमा नहीं किया है।
02Feb-2017

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