रविवार, 19 फ़रवरी 2017

राग दरबार:- तू डाल-डाल तो मैं पात-पात..

जन विश्वास जीतने की कोशिश
देश में सियासत करने वाले दल या नेता एक ही तत्व के बने हुए हैं यह देश की राजनीति में हमेशा ही उजागर हुआ है। मसलन देश की जनता को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने के लिए चुनावी समर में राजनीतिक दलों के बीच सत्ता की चाबी हासिल करने के लिए जनता के सामने जिस तरह के वायदों की पोटली खोली जाती है वे सब एक चासनी का हिस्सा होता है, जिसमें एक-दूसरे दल कमियों को उजागर करते हुए जनता का विश्वास जीतने की कोशिश में लगे रहते हैं। देश के पांच राज्यों के चुनावों खासकर यूपी की सियासत में सत्ताधारी दलों ने अपनी उपलब्धियों का बखान करते हुए फिर से सत्ता में आने के लिए अपने वादों से जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, यहां तक दूध व घी तक देने का वादा तक किया गया है। सियासी गलियारों में सियासी दलों के वादों वाले घोषणापत्रों को लेकर खासकर यूपी के चुनावों को लेकर बात की जाए, तो कानून व्यवस्था और गरीबों का भला करने वाले सियासी दलों ने अपराधों में लिप्त और अमीरों को टिकट बांटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जहां तक सत्तारूढ़ दल की बात है तो लखनऊ में बिना चले मैट्रो का और बिना खुले एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन, हाईस्कूल के किसी भी छात्र को दिये बिना टैबलेट बांटने के दावे, धान की सरकारी खरीद हुए बिना और गन्ना किसानों को बकाया भुगतान दिलाए बिना किसानों को लाभ देने के दावे जनता भी समझ रही है। चुनाव प्रचार मेंकाम बोलता है और बोलेगा जैसे भाषणों को लेकर सियासी गलियारों में यही चर्चा है कि हरेक सियासी दलों का फार्मूला यही है कि तू डाल-डाल तो मैं पात-पात..!
मुस्करा कर रह जाते हैं नेताजी
दिल्ली नगर निगम के चुनाव अप्रैल में कराये जाने की तैयारी चल रही है। भाजपा, आप और कांग्रेस के तमाम कनिष्ठ स्तर के नेता पिछले सालभर से अपने अपने पसंदीदा वार्डों में चुनावी अभियान की तर्ज पर प्रचार में जुटे हुए थे। पार्षद बनने की चाह में दिन-रात एक किये हुए इनमें से ज्यादातर नेताओं का अब खेल बिगड़ गया है। चुनाव आयोग ने हाल ही में वार्डों का नये सिरे से आरक्षण किया है। कुल वार्डों का पचास फीसदी नये सिरे से महिलाओं के लिये आरक्षित हुआ है। नतीजा ये हुआ कि नेता जी जिस सीट से मैदान में उतरने की फिराक में थे वह महिला कोटे में चली गई है। लॉटरी नेताजी की पत्नी के लिये खुल गई है। कल तक चूल्हा चौका संभाल रही पत्नी साहिबा अब होर्डिंगों पर मुस्कराती नजर आ रही है। नेताजी कभी बड़े नेताओं के दरवाजे पर दस्तक देकर पत्नी को टिकट दिये जाने की पैरवी कर रहे हैं तो कभी इलाके में लोगों के बीच पत्नी का परिचय करवाते दिख रहे हैं। लोग मजाक में पूछ भी लेते हैं ‘नेताजी, अगर आपकी पत्नी को टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय मैदान में उतारोगे या दोबारा रसोई संभलवा दोगे।’ नेताजी मुस्करा कर रह जाते हैं।
नेताजी सन्यासी-चाचा नजरबंद
उत्तर प्रदेश की सक्रिय राजनीति से समाजवादी योद्धा मुलायम सिंह यादव का अघोषित स़ंन्यास। ऐसा महसूस होता है कि सपा में पीढी परिवर्तन के साथ चचा नजरबंद-सा हो गए। इसके पीछे अखिलेश यादव का फिर से यूपी की सत्ता काबिज माना जा रहा है। सेक्युलर अखिलेश यादव के सांप्रदायिक चेहरा भी सामने है, जिसमें अपराधिक छवि के लोगों की पहचान के मामले में नजरिया कुछ ऐसा ही घोर नजराना है। यानि एक तरफ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद से किनाराकशी कर खुद की छवि साफसुथरी बना ली, तो दूसरी तरफ राजा भैया, अभय सिंह और मनोज पारस को टिकट देकर उस कहावत को चरितार्थ कर दिया कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। इस सियासी नजरियें में शायद अखिलेश ने सिर्फ मुस्लिम माफियाओं से दूरी बनाई है। मसलन यह साबित कर दिया कि अपराधी छवि वाला दबंग हिंदू हो या मुसलमान, उसमें संप्रदाय के आधार पर अंतर क्या करना।
एक कदम आगे-दो कदम पीछे
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों प्रदेश में मां नर्मदा सेवा यात्रा निकाल रहे है। यात्रा का मकसद नर्मदा नदी को स्वच्छ करने का संदेश देने के साथ ही यात्रा के मार्ग में आने वाली 60 विधानसभा सीटों को भी प्रभावित करना भी है। शुरूआत में यात्रा को खुब रिस्पांस मिला। कई फिल्मी कलाकारों के साथ ही समाजसेवियों ने भी शिवराज सरकार के इस कदम की प्रशंसा की, लेकिन जैसे ही कांगे्रस के नेताओ ने मां नर्मदा में हो रहे खनन की परते खोलना शुरू किया वैसे ही सारे भाजपाई सोच में पड गए कि एकदम से कांग्रेस कैसे जाग गई। अब सारे कांग्रेस नेता रोज प्रेस कांग्रेस लेकर मां नर्मदा नदी में कैसे खनन हो रहा है,इसके पीछे मंत्री, विधायक और अफसरान के साथ साथ उनके करीबी रिश्तेदारों के शामिल होने का भी आरोप लगा रहे है। अब तक प्रदेश के मुखिया यात्रा के कारण खूब वाहवाही लूट रहे थे,लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने आने लगी। वैसे ही सीएम एक कदम आगे और दो कदम पीछे जैसी स्थिति में आ गए है।
-ओ.पी. पाल, आनंद राणा व राहुल
19Feb-2017

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