बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

ऐसे दर्ज होगा सड़क हादसों का आंकड़ा



केंद्र ने जारी किया दुर्घटना रिकार्ड प्रारूप
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में सड़क हादसों को रोकने के प्रयास में जुटी केंद्र सरकार ने दुर्घटनाओं के आंकड़ों का रिकार्ड हासिल करने के लिए एक दुर्घटना रिकार्ड प्रारूप जारी किया है। इसका मकसद सड़क हादसों का सटीक आंकड़ा एकत्र करके सुरक्षा उपायों को लागू करना है।
दुनिया के देशों के मुकाबले भारत में सर्वाधिक सड़क हादसों और उनमें मरने वालों की संख्या सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 तक सड़क हादसों को 50 फीसदी घटाने का लक्ष्य तय करके योजनाएं शुरू की है। इसी योजना के तहत सड़क दुर्घटनाओं की सूचना के लिए प्रारूप की समीक्षा के संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। अनुसंधान शाखा की वरिष्ठ सलाहकार की अध्यक्षता वाली इस समिति में आईआईटी दिल्ली और आईआईटी खड़गपुर और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों सहित राज्यों के पुलिस और यातायात विभाग तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल भी शामिल थे। समिति सड़क हादसों पर अंकुश लगाने संबन्धी अपनी रिपोर्ट महत्वपूर्ण सुझावों के साथ पहले ही सरकार को सौंप चुकी है और समिति की सिफारिशों को मंजूर भी कर लिया है। समिति की सिफारिश पर दुर्घटनाओं और उसके कारणों जैसे पहलुओं का डाटा एकत्र करने वाला नया प्रारूप देशभर के सभी पुलिस स्टेशनों में इस्तेमाल होगा।
पुलिस की होगी अहम भूमिका
यातायात अनुसंधान शाखा की वरिष्ठ सलाहकार और समिति की अध्यक्ष श्रीमती कीर्ति सक्सेना ने इस प्रारूप के बारे में कहा कि दुर्घटना स्थल से पर्याप्त आंकड़े और सूचना न प्राप्त होने के कारण पुलिस थानों में प्राथमिकी सही तौर पर दर्ज करने की दिशा में अब पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। दरअसल पहले ऐसा नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों और देश के अन्य स्थानों पर दुर्घटनाओं की सूचना के तरीकों का अध्ययन करने के बाद मंत्रालय को नया प्रारूप बनाने का सुझाव दिया गया था, ताकि इसमें पुलिस की प्रमुख भूमिका सुनिश्चित की जा सके। वहीं समिति की सदस्य एवं आईआईटी दिल्ली की प्रो. गीतम तिवारी ने नए प्रारूप का विवरण देते हुए बताया कि वर्तमान में सूचना पुलिस थानों में की जाती हैं और राज्य सरकारें केंद्र को रिपोर्ट भेजती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह नया प्रारूप सभी तरह की खामियों को दूर करने में मदद करेगा।
प्रारूप बताएगा पूरे हालात
समिति सदस्य एवं आईआईटी खड़गपुर की प्रो. सुदेष्णा मित्रा की माने तो उनका कहना है कि इस मामले में दुर्घटना स्थल की रिकॉर्डिंग की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि नए प्रारूप के जरिए जीपीएस से दुर्घटना स्थल पर सड़क की बनावट को समझने में आसानी होगी, क्योंकि व्यापक चर्चा के बाद ही समिति ने यह एक एकीकृत दुर्घटना रिकॉर्डें प्रारूप तैयार किया है, जिसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है।
कैेसा है दुर्घटना रिकार्ड प्रारूप
केंद्र सरकार द्वारा विशेषज्ञ समिति के सुझाव के बाद जारी किये गये दुर्घटना रिकार्ड प्रारूप में पांच खंड हैं, जिसमें दुर्घटना स्थल, सड़क की हालत और दुघटना में लिप्त वाहन का विवरण और दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों का ब्यौरा शामिल है। पहले खंड में दुर्घटना स्थल, वाहनों की किस्म आदि, दूसरे खंड में सड़क की हालत, टूट-फूट आदि, तीसरे खंड में वाहनों का विवरण, चौथे खंड में वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों की कथित अवहेलना और पांचवें खंड में वाहन चालकों के अलावा अन्य व्यक्तियों का विवरण दर्ज किया जाएगा।
22Feb-2017

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