गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017

तो दागी-कुबेर मुहरों से सजेगी यूपी विधानसभा!

403 सीटों में 262 पर किस्मत आजमा चुके 1478 अमीर व दागी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश की विधानसभा के लिए अब तक 262 सीटों पर हुए चुनाव में दागियों और करोड़पति प्रत्याशियों के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए तो लगता है कि इस बार उत्तर प्रदेश की विधानसभा को दागी और अमीरों की मुहरों से सजाने की सियासी कवायद चल रही है। मसलन पहले चार चरण में करीब 65 फीसदी सीटों पर हुए चुनाव में 1478 अमीरों व दागियों पर दांव खेला गया है, जो ईवीएम में अपनी किस्मत कैद करा चुके कुल 3066 प्रत्याशियों में शामिल हैं।
देश में सभी प्रमुख सियासी दलों की नजरे 403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा पर टिकी हुई हैं, जिसके लिए राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और गैर मान्यता प्राप्त दलों ने 17वीं विधान सभा के गठन में अपनी मोहरों को फिट करने के इरादे से दागियों और अमीर प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने में कोई हिचक नहीं की है। यानि सात चरणों में होने वाले चुनावों में आज गुरुवार को 53 सीटों पर हुए चुनाव समेत चार चरणों में 262 सीटों के लिए प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम के ताले में बंद हो चुकी है। अब तक इन सीटों के लिए अपनी किस्मत आजमा चुके 3066 उम्मीदवारों में प्रमुख दलों भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद, सीपीआई, सीपीआईएम, राकांपा के प्रत्याशियों के अलावा 1099 प्रत्याशियों को पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों ने भी चुनाव लड़ाया है, जबकि इन चार चरणों में 928 निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आजमा रहे है। इन सबके अलावा दिलचस्प पहलू यह है कि चुनावी सभाओं में यूपी के गरीबों के हित साधने के अलावा प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए एक-दूसरे दलों पर निशाने साधे जा रहे हैं, लेकिन हरेक दल ने यूपी विधानसभा में सत्ता की खातिर अमीर और दागी मोहरों पर दांव खेला है। मसलन पहले चार चरणों में 262 सीटों के लिए संपन्न हुए चुनाव में जिन प्रत्याशियों का भाग्य कैद हो चुका है उनमें 325 महिलाएं भी शामिल हैं, लेकिन वहीं 480 दागियों और 998 अमीरों का दांव बदलते राजनीतिक परिदृश्य की तस्वीर पेश कर रहा है।
बसपा ने दी ज्यादा धनकुबरों को तरजीह
उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बेशकिमती मुहरों के रूप में धनकुबेरों की संख्या भी कम नहीं है। अभी तक चार चरणों में 998 करोड़पति प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत पर दांव खेला है। पहले चरण में 73 सीटों पर 839 उम्मीदवारों में से 302 यानि 36 फीसदी, तो दूसरे चरण के चुनाव में भी 721 प्रत्याशियों में 36 फीसदी यानि 256 करोड़पति, तीसरे चरण में 826 में से 250 और गुरुवार को संपन्न हुए चौथे चरण के चुनाव में 680 में से 189 करोड़पति प्रत्याशी चुनावी महासंग्राम का हिस्सा बन चुके हैं। चारों चरणों के चुनाव में बसपा ने सबसे ज्यादा 225, भाजपा ने 208, सपा ने 162, रालोद ने 75 व कांगे्रस ने 55 धनकुबेरों को प्रत्याशी बनाकर चुनावी दांव खेला है। जबकि 128 करोड़पति प्रत्याशी निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आजमाकर यूपी विधानसभा में दाखिल होने का प्रयास कर चुके हैं।
ये जीते तो कैसी होगी विधानसभा
चुनाव सुधार के लिए अपराधमुक्त राजनीति की दुहाई देने वाले सभी सियासी दलों की रणनीति अमीरों और दागियों को गले लगाने की रही है। यहीं कारण है कि अब तक चार चरणों के चुनाव में अपनी किस्मत ईवीएम में कैद करा चुके प्रत्याशियों में 1478 अमीर और दागी शामिल हैं। जहां तक 480 दागियों का सवाल है उनमें 404 प्रत्याशियों के खिलाफ तो हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, बलात्कार, अपहरण, अवैध वसूली जैसे संगीन अपराध करने के मामले अदालतों में विचाराधीन हैं। सबसे ज्यादा 86 प्रत्याशियों के साथ बसपा पहले पायदान पर है, जबकि दूसरे नंबर पर चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे 85 भाजपा, और 88 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। जबकि सपा ने 62, रालोद ने 39 और कांग्रेस ने 25 दागियों पर अपना चुनावी दांव खेला है।

सीटों से ज्यादा बड़े दागी
इन पहले चार चरणों में संगीन अपराधिक पृष्ठभूमि वाले 404 में हालांकि सर्वाधिक सर्वाधिक 77 प्रत्याशी निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं, लेकिन राजनीतिक दलों में ऐसे संगीन मामलों में लिप्त 69 प्रत्याशियों को बसपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा के 61 ऐसे प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। अब तक ऐसे प्रत्याशियों की सूची में सपा के 49, रालोद के 33 तथा कांग्रेस के 12 नेता शामिल हैं जिन्हें चुनाव लड़ाया जा चुका है। खास बात यह है कि संगीन अपराध वाले प्रत्याशियों में 25 पर हत्या, 86 पर हत्या का प्रयास, 22 पर महिलाओं के प्रति अपराध और 24 प्रत्याशियों के खिलाफ अपहरण के मामले दर्ज हैं।
24Feb-2017

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