पांचवे चरण में उतरे 117 दागी व 168 करोड़पति उम्मीदवार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चार चरणों के संपन्न हुए चुनाव के बाद 27 फरवरी को होने वाले पांचवे चरण में 51 सीटों पर भी सभी दलों ने 168 अमीरों और 117 दागियों पर दांव खेला है। खास बात यह है कि अभी तक यूपी की सत्ता तक पहुंचने के प्रयास में बहुजन समाज पार्टी अमीरों और दागियों का सहारा लेने में सबसे आगे है।
देश में चुनाव सुधार की दुहाई देते आ रहे सभी राजनितिक दल भले ही चुनाव प्रचार में गरीबों के हितों और कानून व्यवस्था दुरस्त करने का वादा करके चुनाव मैदान में हों, लेकिन हकीकत है कि कोई भी दल यूपी जैसे सूबे की सत्ता की खातिर अमीरों और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों का सहारा लेने में पीछे नहीं है। धनबल और बाहुबल के सहारे चुनावी दांव खेलने में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा सबसे आगे हैं, जिसने 27 फरवरी को पूर्वांचल के 11 जिलों की 51 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरी छह राष्टÑीय और चार क्षेत्रीय दलों समेत 75 राजनीतिक पार्टियों की ओर से बसपा ने सबसे ज्यादा दागियों और अमीरों को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। पांचवे चरण में इन सीटों पर 200 निर्दलीयों समेत अपनी किस्मत आजमा रहे कुल 617 प्रत्याशियों में 117 के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें 96 के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, बलात्कार, लूट व अवैध वसूली जैसे संगीन धाराओं में मामले चल रहे हैं। वहीं 168 प्रत्याशी करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल हैं।
किसके कितने दागी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के चुनाव में जिन 617 प्रत्याशियों का फैसला होना है, उनमें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 117 प्रत्याशियों में 51 में से 23 दागी प्रत्याशी बसपा के हैं, जिसके बाद भाजपा व उसके सहयोगियों ने ऐसे 21 प्रत्याशियों पर दांव खेला है। इसके अलावा सपा के 17, रालोद के आठ, कांग्रेस तीन और 19 निर्दलीय प्रत्याशी भी दागियों की सूची में हैं। जबकि संगीन मामलों में लिप्त 96 प्रत्याशियों में बसपा के 19, भाजपा के 14, सपा के 12, रालोद के सात, कांग्रेस के दो के अलावा 17 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। इनमें से नौ पर हत्या, 24 पर हत्या का प्रयास, चार पर अपहरण तथा आठ के खिलाफ महिलाओं के प्रति अपराध करने के मामले विचाराधीन हैं।
अमीरों का ही सहाराओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चार चरणों के संपन्न हुए चुनाव के बाद 27 फरवरी को होने वाले पांचवे चरण में 51 सीटों पर भी सभी दलों ने 168 अमीरों और 117 दागियों पर दांव खेला है। खास बात यह है कि अभी तक यूपी की सत्ता तक पहुंचने के प्रयास में बहुजन समाज पार्टी अमीरों और दागियों का सहारा लेने में सबसे आगे है।
देश में चुनाव सुधार की दुहाई देते आ रहे सभी राजनितिक दल भले ही चुनाव प्रचार में गरीबों के हितों और कानून व्यवस्था दुरस्त करने का वादा करके चुनाव मैदान में हों, लेकिन हकीकत है कि कोई भी दल यूपी जैसे सूबे की सत्ता की खातिर अमीरों और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों का सहारा लेने में पीछे नहीं है। धनबल और बाहुबल के सहारे चुनावी दांव खेलने में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा सबसे आगे हैं, जिसने 27 फरवरी को पूर्वांचल के 11 जिलों की 51 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरी छह राष्टÑीय और चार क्षेत्रीय दलों समेत 75 राजनीतिक पार्टियों की ओर से बसपा ने सबसे ज्यादा दागियों और अमीरों को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। पांचवे चरण में इन सीटों पर 200 निर्दलीयों समेत अपनी किस्मत आजमा रहे कुल 617 प्रत्याशियों में 117 के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें 96 के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, बलात्कार, लूट व अवैध वसूली जैसे संगीन धाराओं में मामले चल रहे हैं। वहीं 168 प्रत्याशी करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल हैं।
किसके कितने दागी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के चुनाव में जिन 617 प्रत्याशियों का फैसला होना है, उनमें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 117 प्रत्याशियों में 51 में से 23 दागी प्रत्याशी बसपा के हैं, जिसके बाद भाजपा व उसके सहयोगियों ने ऐसे 21 प्रत्याशियों पर दांव खेला है। इसके अलावा सपा के 17, रालोद के आठ, कांग्रेस तीन और 19 निर्दलीय प्रत्याशी भी दागियों की सूची में हैं। जबकि संगीन मामलों में लिप्त 96 प्रत्याशियों में बसपा के 19, भाजपा के 14, सपा के 12, रालोद के सात, कांग्रेस के दो के अलावा 17 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। इनमें से नौ पर हत्या, 24 पर हत्या का प्रयास, चार पर अपहरण तथा आठ के खिलाफ महिलाओं के प्रति अपराध करने के मामले विचाराधीन हैं।
यूपी के 27 फरवरी को हो रहे चुनाव में दागियों से कहीं ज्यादा 168 करोड़पति उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा 43 प्रत्याशी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि भाजपा के 38, सपा के 32, रालोद के 9, कांग्रेस के सात तथा 14 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं।करोड़पति 168 प्रत्याशियों की संपत्ति का औसत देखा जाए तो 1.56 करोड़ रुपये प्रति उम्मीदार है। हालांकि भाजपा के 51 प्रत्याशियों का औसत सबसे ज्यादा 4.64करोड़ रुपये हैं, जबकि इसके बाद कांग्रेस के 14 प्रत्याशियों का औसत 4.40 करोड़, तो बसपा के 51 प्रत्याशियों का औसत 4.16 करोड़ रुपये सामने आया हैं।
अजय प्रताप सबसे अमीर प्रत्याशी
इस चरण के चुनाव में गौंडा जिलें की कर्नलगंज सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह 49 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ कुबेरों की सूची में पहले पायदान पर हैं। इसके बाद अमेठी से कांग्रेस की प्रत्याशी अमीता सिंह की संपत्ति 36 करोड़ से अधिक है, जबकि करोड़पति उम्मीदवार के रूप में तीसरे स्थान पर अमेठी की तिलोन सीट से भाजपा प्रत्याशी की संपत्ति 32 करोड़ से अधिक घोषित हुई है। केवल दस हजार रुपये की संपत्ति घोषित करने वाले अंबेडकरनगर की अलापुर से उ.प्र. रिपब्लिकन पार्टी के रमेश कुमार सबसे गरीब उम्मीदवार हैं।
इन सीटों पर होगा चुनाव
पांचवे चरण में 11 जिलों की 51 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होगा। इनमें बलरामपुर की चार, गोण्डा की सात,फैजाबाद की पांच व अंबेडकरनगर की चार, बहराइच की सात, श्रीवास्ती की दो, बस्ती की पांच, संत कबीरनगर की तीन, अमेठी की चार तथा सुल्तानपुर की पांच सीटें शामिल हैं। गौरतलब है कि अंबेडकर नगर की पांच सीटों में से एक सीट का चुनाव प्रत्याशी के निधन के कारण स्थगित किया गया है।
कोई किसी से कम नहीं
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में से पहले पांचों चरणों में 313 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाने उतरे कुल 3683 उम्मीदवारों की बात की जाए तो इनमें संगीन धाराओं में लिप्त 500 प्रत्याशियों समेत 618 आपराधिक पृष्ठभूमि के सामने आए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 109 बसपा, 107 निर्दलीय, 106 भाजपा, 79 सपा, 47 रालोद तथा 28 कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। जबकि धनकुबरों में भी बसपा पहले पायदान पर चल रही है। 1166 करोड़पति प्रत्याशियों में 996 उक्त दलों के ही प्रत्याशी हैं, जिनमें बसपा के 268, भाजपा के 246, सपा के 194, रालोद के 84 व कांग्रेस के 62 के अलावा 142 निर्दलीय प्रत्याशी भी शामिल हैं।
25Feb-2017
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