सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

जल्द आएगी पुराने वाहनों को तोड़ने की नीति

नीति की प्रस्तुतिकरण के लिए सड़क मंत्रालय तैयार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बने पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने की पिछले दिनों से की जा रही कवायद के बीच जल्द ही ऐसे वाहनों को तोड़ने की नीति सामने आएगी, जिसका पीएमओ, कैबिनेट सचिव के अलावा जीएसटी परिषद के समक्ष प्रस्तुतिकरण किया जाएगा।
संसद में केंद्रीय बजट आने के बाद पुराने वाहनों को तोड़ने वाली नीति को लेकर सरकार पूरी तरह सक्रिय हो गई है। हालांकि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस नीति की कैबिनेट से मंजूरी लेने के लिए कैबिनेट नोट भी तैयार कर चुका है। इस सबंन्ध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार पुराने वाहनों को तोड़ने या कबाड़ मानने की तैयार की गई नीति को लागू करने का प्रयास कर रही है, लेकिन इससे पहले सरकार ने इस नीति के मसौदे को पीएमओ, कैबिनेट सचिव और जीएसटी परिषद के पास भेजकर इसका प्रस्तुतिकरण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस नीति के मसौदे को उनका मंत्रालय अंतिम रूप दे चुका है,जिसमें इस नीति के आने के बाद सरकार पहले चरण में 2.8 करोड़ पुराने वाहनों को सड़क से हटाने की योजना बना रही है, ताकि 15 साल पुराने वाहनों को तोड़कर स्क्रैब में बदला जा सके। गडकरी ने कहा कि सरकार इस आशय के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल में मंजूरी मिलने के बाद जीएसटी परिषद के पास भेजेगी, जिसमें इस वाहन बेड़े के आधुनिकीकरण का स्वैच्छिक कार्यक्रम (वी-वीएमपी) नीति के तहत 2.8 करोड़ पुराने वाहनों को सड़क से हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करें, तो इससे प्रदूषण का स्तर घटाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि 65 प्रतिशत वाहन प्रदूषण भारी वाहनों से होता है। इन वाहनों को तोड़ने का काम कांडला जैसे औद्योगिक संकुल में किया जाएगा, जिसकी स्थापना सरकार की महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना के तहत की जानी है। इसके क्रियान्वयन के मुद्दों की समीक्षा हो चुकी है और जल्द कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।
कैबिनेट में प्रस्तुतिकरण
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय इस नीति को जल्द लागू करने की तैयारी कर रहा है,जिसके तहत नौ फरवरी को कैबिनेट सचिव और उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष इस नीति का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। मंत्रालय ने फैसला किया है कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद जीएसटी परिषद के समक्ष प्रस्तुति दी जाएगी। गडकररी ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस नीति का कार्यान्वयन चाहता है, क्योंकि इसके कार्यान्वयन से प्रदूषण पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 65 प्रतिशत प्रदूषण की वजह 15 साल से अधिक पुराने वाहन हैं। इस बारे में वित्त मंत्री अरूण जेतली के समक्ष प्रस्तुती पहले ही दी जा चुकी है।
वाहनों के मालिकों को छूट
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस नीति में ऐसे पुराने वाहनों के मालिकों को छूट देने का भी प्रावधान किया है, जिसमें पुराने वाहन के कबाड होने पर उसे नया वाहन खरीदने में कम से कम 45 फीसदी की छूट दी जा सके। सरकार उत्पाद शुल्क में छूट के बजाय इसके लिए कोष बजट से मुहैया कराने पर भी विचार कर रही है।
06Feb-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें