शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

‘नमामि गंगे’ के साथ दौड़ेंगी सिंचाई योजनाएं!

बजटीय प्रावधान से उत्साहित उमा भारती
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के आम बजट में कृषि क्षेत्र और किसानों के हित में जो सौगात दी हैं उनमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में तेजी लानेके लिए दीर्घावधि सिंचाई निधि को दो गुणा कर दिया गया है। इसी प्रकार सरकर की महत्वाकांक्षी ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम और अन्य जल संबन्धी योजनाओं में तेजी लाने के लिए बजटीय प्रावधान में बढ़ोतरी की है।
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सरंक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती केंद्र सरकार द्वारा आम बजट में उनके मंत्रालय के बजटीय प्रावधान में की गई बढ़ोतरी को लेकर उत्साहित हैं, जिनका कहना है कि सरकार के वित्तीय संसाधनों के प्रति गंभीर रहने से इन सभी योजनाओं को लक्ष्य से पहले पूरा करने में मदद मिलेगी। संसद में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गये आम बजट के दौरान जल संसाधन मंत्रालय के बजट परिव्यय में 11 प्रतिशत से भी ज्यादा का इजाफा करने का प्रस्ताव किया है। यानि मंत्रालय के बजटीय प्रावधान का चालू वित्त वर्ष के 6201 करोड़ रुपये की तुलना में आगामी वित्त वर्ष के लिए 6887 करोड़ रुपये का इजाफा किया है। जबकि नमामि गंगे कार्यक्रम का बजट आवंटन भी चालू वित्त वर्ष के 2150 करोड़ रुपये से बढ़ा कर आगामी वित्त वर्ष में 2250 करोड़ रुपये किया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने मंत्रालय के तहत दीर्घावधि सिंचाई निधि (एलटीआईएफ) को दो गुणा करने से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के हिस्से के रूप में नाबार्ड में स्थापित दीर्घावधि सिंचाई निधि (एलटीआईएफ)की राशि बीस हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है। सरकार ने नमामि गंगे कार्यक्रम का बजट आवंटन भी चालू वष्र के 2150 करोड़ रुपये से बढ़ाकर आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 2250 करोड़ रुपये कर दिया है।
मिशन मोड़ पर हैं सिंचाई परियोजनाएं
देश के कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की दिशा में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लंबित 99 सिंचाई परियोजनाओं को मिशन मोड़ पर चल रही हैं, जिन्हें तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्रालय के अनुसार इन परियोजनाओं को पूरा करके 76 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा सिंचाई क्षमता सृजित करने हेतु सरकार ने नाबार्ड का वित्तीय सहारा लिया है, जिसने केंद्र सरकार को पहली किश्त के रूप में 1500 करोड़ रुपये की रकम सौंप दी है। अब बढ़ाए गये बजटीय प्रावधान में नाबार्ड जल्द ही अगला कदम बढ़ाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि और किसानों की अर्थव्यवस्था में सुधार की दिशा में देश में दो दशक पहले शुरू की गई त्वरित सिंचाई कार्यक्रम की लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने हेतु ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना’ का ऐलान किया था। यही नहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल जुलाई में ही चयनित की गई 99 प्राथमिकता वाली इन परियोजनाओं को पूरा करने और नाबार्ड के माध्यम से धन की व्यवस्था के लिए एक मिशन की स्थापना को अपनी मंजूरी दे दी थी।
सरकार का ऐतिहासिक कदम
केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती का कहना है कि देश के कृषि और किसानों के लिए केंद्र सरकार इस परियोजनाओं को पूरा करने में पहली बार नाबार्ड आर्थिक मदद के लिए आगे आया है, जिसमें वित्त मंत्रालय, निति आयोग और कृषि मंत्रालय और अन्य संबन्धित मंत्रालयों व विभागों ने एक मेगा योजना के तहत ऐसी योजना तैयार की है। मसलन पहली बार केंद्र के अलावा राज्यों को भी नाबार्ड ऋण मुहैया कराएगा। उनका दावा है कि जब सिंचाई क्षमता का विकास होगा तो निश्चित तौर पर गांवों से शहर की ओर पलायन में भी कमी आएगा और देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान भी बढ़ेगा। सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से देश में कुछ इलाकों में सूखा या बाढ़ के कारण किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है। केंद्र सरकार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मकसद किसानों के खेतों में पानी की वस्तुगत पहुंच को बढ़ाने और सिंचाई के अधीन कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करना है। वहीं सरकार खेत जल उपयोग निपुणता में सुधार लाने, सतत जल संरक्षण प्रणालियों की शुरूआत करने जैसे कदम उठा रही है।
03Feb-2017

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