मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

उत्तराखंड में सभी दलों का दागियों पर दांव!

चुनाव में 687 में से 91 आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव मैदान में उतरे कुल 687 प्रत्याशियों में से 91 प्रत्याशी आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार है, जिसमें सभी बड़े व छोटे दलों के अलावा निर्दलीय भी शामिल हैं।
आगामी 15 फरवरी को उत्तराखंड में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव में शायद कोई ही दल ऐसा बचा है, जिसने बाहुबलियों पर दावं न खेला हो। मसलन देवभूमि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कुल 687 प्रत्याशियों में भाजपा व कांग्रेस सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बसपा ने 69 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं और सपा के 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां यूकेडी ने 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं। चुनाव मैदान में 261 प्रत्याशी निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में हें,जिनमें भाजपा व कांग्रेस के बागी उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस बार उत्तराखंड चुनाव में प्रदेश की कानून-व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है। माना जा रहा है कि नोटबंदी के बाद उत्तराखंड में पर्यटन पर पड़े असर भी चुनाव में नजर आएगा। ऐसे में यह चुनाव नतीजे को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, गरीबी,बेरोजगारी और पहाड़ों से पलायन भी मुख्य मुद्दे हैं। दरअसल केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से भाजपा को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तराखंड का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर भाजपा ने पीएम मोदी के चेहरे पर देवभूमि में दांव खेला है। इसका कितना फायदा उसे इस चुनाव में मिलेगा, वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा।
ऐसे खेला दागियों पर दांव
चुनाव सुधार के लिए कार्य करने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने इनमें से 637 प्रत्याशियों द्वारा दिये गये शपथपत्रों का अध्ययन करने के बाद खुलासा किया है कि इनमें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 91 प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से 54 प्रत्याशियों पर हत्या, हत्या का प्रयास, अपरहरण, अवैध वसूली और अन्य आईपीसी के तहत मुकदमे दर्ज हैं और मामले अदालत में विचाराधीन हैं। आपराधिक छवि यानि दागी प्रत्याशियों में सर्वाधिक 32 प्रत्याशी निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि 19 भाजपा, 17 कांग्रेस, सात बहुजन समाज पार्टी, चार उत्तराखंड क्रांति दल तथा दो समाजवादी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारे हैं। जहां तक संगीन अपराधों में लिप्त 54 प्रत्याशियों का सवाल है उसमें सर्वाधिक 14 निर्दलीय प्रत्याशी हैं। इनके अलावा भाजपा के दस, कांग्रेस के 12, बसपा के 6, यूकेडी के तीन और सपा के दोनों प्रत्याशी शामिल हैं। संगीन अपराध करने के आरोपी उम्मीदवारों में पांच के खिलाफ हत्या तथा पांच के ही खिलाफ हत्या के प्रयास का भी मामला विचाराधीन है। यहीं नहीं पांच प्रत्याशी महिलाओं के खिलाफ अपराध करने के आरोपी हैं।
करोड़पतियों की भरमार
उत्तराखंड चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे 687 प्रत्याशियों में करीब 30 फीसदी यानि 200 प्रत्याशी करोड़पति हैं, जिनमें 34 प्रत्याशियों की संपत्ति पांच करोड़ से भी ज्यादा है, जबकि 73 प्रत्याशियों के पास दो करोड से पांच करोड़ रुपये तक की संपत्ति का खुलासा हुआ है। 189 प्रत्याशियों ने अपनी संपत्ति को 50 लाख से दो करोड़ रुपये के बीच घोषित की है। 162 प्रत्याशियों ने दस से 50 लाख और 179 ने दस लाख रुपये से कम की संपत्त्ति का खुलासा किया है। सबसे ज्यादा 52 करोड़पति प्रत्याशी कांग्रेस के हैं। जबकि भाजपा के 48, बसपा के 19, सपा के चार, यूकेडी के 13 के अलावा 53 निर्दलीय प्रत्याशी भी करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल हैं।
सतपाल महाराज सबसे धनी
भाजपा के सतपाल महाराज 80 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे धनी प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस के मोहन प्रसाद काला 75 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे पायदान पर हैं। इसके अलावा भाजपा के शैलेन्द्र मोहन सिंघल 35 करोड़ की संपत्ति के सहारे तीसरे नंबर के कुबेर नेताओं में शामिल हैं। यहीं नहीं बहुजन मुक्ति पार्टी के सुनील कुमार व निर्दलीय राजेन्द्र सिंह के पास केवल 500-500 रुपये हैं, जबकि निर्दलीय सुश्री अरुणा के पास 1100 रुपये की ही संपत्ति है।
07Feb-2017

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