ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के इस शोर में कानून व्यवस्था को लेकर एक दूसरे पर निशाना साधने में जुटे सभी सियासी दल लगातार यूपी को गुंडाराज मुक्त शासन देने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं अपने आपको गरीबों का रहनुमा बना कर भी पेश करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जबकि सियासी दलों की हकीकत इससे कहीं उलट है। मसलन सभी दलों ने यूपी के चुनाव में अमीरों और आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को प्रत्याशी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उत्तर प्रदेश की 403
में से 140 सीटों पर पहले दो चरणों के चुनाव में ईवीएम में कैद हुए 1560
प्रत्याशियों की किस्मत में 558 अमीरों और 275 दागियों के भाग्य का फैसला
भी सुरक्षित है। जबकि आगामी 19 फरवरी को 12 जिलों की 69 सीटों पर होने वाले
चुनाव में उतरे कुल 826 प्रत्याशियों में भी सभी प्रमुख दलों ने 250
अमीरों व 110 दागियों पर दांव खेला है। मसलन कोई भी दल सत्ता की जंग जीतने
की होड़ में चुनाव सुधार की दिशा में जाता नजर नहीं आता। यही कारण है कि 19
फरवरी को भी इसी रणनीति पर सियासी जंग होगी। चुनाव सुधार के अभियान में
जुटी गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने
यूपी चुनाव के तीसरे चरण में विधानसभा चुनाव लड़ रहे इन प्रत्याशियों की
कुंडली खंगालकर एक विश्लेषण रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ
है कि पहले दो चरण की तरह ही इस चरण में भी करीब सभी दलों ने दागियों और
धनकुबरों के सहारे सियासी नैया पार करने की रणनीति को बढ़ावा दिया है।
इन जिलों में होगा मतदान
यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 12 जिलों की 69 सीटों पर 19 फरवरी को मतदान होगा। इसमें फरूखाबाद की चार, हरदोई की आठ, कन्नौज की तीन, मैनपुरी की चार, इटावा व औरया की तीन-तीन, कानपुर देहात की चार तथा कानपुर नगर की दस, उन्नाव की छह, लखनऊ की नौ, बाराबंकी की छह तथा सीतापुर की नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा।
चुनावी जंग में 105 दलउत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के इस शोर में कानून व्यवस्था को लेकर एक दूसरे पर निशाना साधने में जुटे सभी सियासी दल लगातार यूपी को गुंडाराज मुक्त शासन देने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं अपने आपको गरीबों का रहनुमा बना कर भी पेश करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जबकि सियासी दलों की हकीकत इससे कहीं उलट है। मसलन सभी दलों ने यूपी के चुनाव में अमीरों और आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को प्रत्याशी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

इन जिलों में होगा मतदान
यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 12 जिलों की 69 सीटों पर 19 फरवरी को मतदान होगा। इसमें फरूखाबाद की चार, हरदोई की आठ, कन्नौज की तीन, मैनपुरी की चार, इटावा व औरया की तीन-तीन, कानपुर देहात की चार तथा कानपुर नगर की दस, उन्नाव की छह, लखनऊ की नौ, बाराबंकी की छह तथा सीतापुर की नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा।
उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण में 69 सीटों पर होने वाले इस चुनाव में 6 राष्ट्रीय पार्टी, 3 क्षेत्रीय दल और 96 गैर मान्यता प्राप्त दलों के अलावा निर्दलीय रूप से भी 231प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनाव मैदान में कुल 826 प्रत्याशियों में भाजपा के 68, अपना दल का एक, बसपा के 69, सपा के 61, कांग्रेस के 14, रालोद के 40, सीपीआई के छह और, सीपीएम के तीन प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
करोड़पति प्रत्याशियों पर दांव
12 जिलों की 69 सीट पर चुनावी जंग लड़ रहे कुल 826 प्रत्याशियों में 31 प्रतिशत यानि 250 करोड़पतियों में से भाजपा ने 61, बसपा ने 56, सपा ने 51, रालोद ने 13, कांग्रेस ने सात लोगों को अपना प्रत्याशी बनाकर दांव खेला है। जबकि 24 करोड़पति निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। यदि दलवार संपत्ति का औसत देखा जाए तो कांग्रेस के 14 प्रत्याशियों का औसत सर्वाधिक 6.20 करोड़ रुपये है, जबकि सपा प्रत्याशियों का 5.70 करोड, बसपा प्रत्याशियों का 4.18 करोड़, भाजपा प्रत्याशियों का 3.79 करोड़, रालोद का 73.56 लाख रुपये है। करोड़पति में 42 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर प्रत्याशी सीतापुर की माहोली सीट पर सपा के अनूप कुमार गुप्ता हैं। कांग्रेस के अजय कपूर 31 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे पायदान हैं, जो कानुपर नगर की किदवई नगर सीट से चुनाव मैदान में हैं।
किसके बाजुओ में ज्यादा दम
यूपी चुनाव के इस चरण में 826 उम्मीदवारों में 110 की आपराधिक पृष्ठीभूमि उजागर हुई है, जिनमें 82 प्रत्याशियों के खिलाफ तो हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण, लूटपाट, अवैध वसूली करने जैसे संगीन आरोपों के तहत मामले दर्ज हैं। दलवार दागी प्रत्याशियों पर नजर डाली जाए तो बसपा और भाजपा ने 21-21, सपा ने 13, कांग्रेस व रालोद ने पांच-पांच ऐसे दागियों को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि संगीन अपराध वाले 82 प्रत्याशियों में बसपा के 16, भाजपा के 15, सपा के नौ, रालोद के चार, कांग्रेस के तीन प्रत्याशी शामिल हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों में भी 13 के खिलाफ संगीन मामले विचाराधीन हैं। ऐसे प्रत्याशियों में सात पर हत्या, 11 पर हत्या का प्रयास, छह पर महिलाओं के खिलाफ अपराध और पांच के खिलाफ अपहरण के मामले लंबित हैं।
21 सीटें संवेदनशील
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के तीसरे चरण में उन 21 विधानसभा सीटों को संवेदनशील सीटों के रूप में चिन्हित किया गया है,जहां राजनीतिक दलों के कम से कम 3 उम्मीदवारों पर दांव खेला है। मसलन इन सीटों पर तीन या उससे ज्यादा ऐसे बाहुबलियों के बीच मुकाबला होगा, जिन्होंने नामांकन के दौरान अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।
17Feb-2017
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