गुरुवार, 2 नवंबर 2017

एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को मिलेगा बढ़ावा

कैबिनेट ने कई अन्य प्रस्तावों पर भी लगाई मुहर
केंद्र सरकार ने मूल्य में संशोधन को दी मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
देश में वाहन ईंधन के रूप में एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने की दिशा में केंद्र सरकार ने सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनियों को एथेनॉल के मूल्य में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है, जिसके इस वैकल्पिक ईंधन के उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकेगी। 
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में बुधवार को यहां आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति ने एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के अंतर्गत सरकारी क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को एथेनॉल के मूल्य में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है। एक साल के लिए मंजूर किये गये इस प्रस्ताव के तहत ईबीपी के अंतर्गत एथेनॉल का संशोधित मूल्य 40.85 रूपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया है और यह अगले चीनी सीज़न 2017-18 के लिए लागू होगा और इसके अतिरिक्त परिवहन प्रभार भी देय होंगे। सूत्रों के अनुसार ये संशोधित मूल्य आगामी एक दिसंबर से 30 नवंबर 2018 तक एथेनॉल की आपूर्ति के दौरान लागू रहेंगे।
इस मंजूरी से एथेनॉल आपूर्ति के लिए लाभप्रद मूल्य और कीमतों में स्थिरता बनाए रखने की सरकार की नीति को जारी रखने में मदद मिलेगी, इससे कच्‍चे तेल के आयात पर निर्भरता में कमी, विदेशी मुद्रा की बचत और पर्यावरण के लाभ पाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि देश में एथेनॉल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने दिसंबर 2014 में ईबीपी कार्यक्रम के तहत एथेनॉल के मूल्य को प्रशासित करने का निर्णय लिया। इस निर्णय के तहत सरकार ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2014-15 और 2015-16 के दौरान एथेनॉल का सुपुर्दगी मूल्य केंद्रीय व राज्य सरकार के करों तथा परिवहन प्रभारों सहित 48.50 रूपए से 49.50 रूपए प्रति लीटर निर्धारित किया। इससे एथेनॉल की आपूर्ति बढ़ाने में काफी मदद मिली और यह एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 2015-16 के दौरान 111 करोड़ लीटर हो गई। यह भी अनुमान है कि एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2016-17 में लगभग 65 करोड़ लीटर एथेनॉल की अधिप्राप्ति की जाएगी। वैसे भी ओएमसीज को आगामी चीनी मौसम 2017-18 के लिए एथेनॉल अधिप्रापण प्रक्रिया शुरू करनी है जिसके लिए ईबीपी कार्यक्रम के तहत एथेनॉल के मूल्य निर्धारण पर निर्णय लेना जरूरी हो गया था।
सीमा शुल्क मामलों में अर्मेनिया से मिलेगा सहयोग
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और परस्पर सहायता पर भारत सरकार और अर्मेनिया सरकार के बीच हुए करार अपनी मंजूरी दी है। सीमा शुल्क मामलों में इसके लिए दोनों देशों की सरकार के बीच करार पर भारत सरकार की ओर से हस्‍ताक्षर किए जाएंगे, जिसके लिए यह करार लागू करने के लिए आवश्यक राष्‍ट्रीय कानूनी अपेक्षाओं को पूरा कर लिया गया है। यह समझौता दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच जानकारी और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए एक कानूनी रूपरेखा प्रदान करेगा और सीमा शुल्क कानूनों की रोकथाम और जांच, वैध व्यापार की सुविधा और सहायता के लिए उपयुक्त होगा। इस करार से सीमा शुल्क प्राधिकारियों के बीच सूचना और आसूचना के आदान-प्रदान और सीमा शुल्क से संबंधित अपराधों को रोकने, उनका मुकाबला तथा उनकी जांच करने के मदद मिल सकती है और वैध व्‍यापार में सुविधा मिलेगी।
भारत व इथोपिया के बीच बढ़ेगा आर्थिक सहयोग
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्‍यापार और आर्थिक सहयोग को सुदृढ़ करने व संवर्द्धन के लिए भारत और इथोपिया के बीच व्‍यापार करार को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इस करार पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की इथोपिया की राजकीय यात्रा के दौरान 5 अक्‍टूबर को हस्‍ताक्षर हुए थे। यह व्‍यापार करार 1982 में हस्‍ताक्षरित हुआ था, जो वर्तमान व्‍यापार करार इसका स्‍थान लेगा। इस व्‍यापार करार में व्‍यापार, आर्थिक सहयोग, निवेश और तकनीकी क्षेत्र में प्रोत्‍साहन के लिए सभी आवश्‍यक उपायों का प्रावधान किया गया है।
02Nov-2017

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