शनिवार, 11 नवंबर 2017

सीमा पर घुसपैठ पर भारत ने पाक को लताडा



बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजरों के डीजीओं के बीच बैठक
भारत की सीमा पर घुसपैठ जैसी गतिविधियों पर दो टूक
 हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारत के सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजरों के महानिदेशको के बीच भारत ने पाकिस्तान को सीमा से घुसपैठ के प्रयास, गोलीबारी, नशीले पदार्थो और अन्य गतिविधियों के मुद्दे पर सख्ती से पाक को दो टूक सुनाई और इन गतिविधियों को रोकने की नसीहत दी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजरों के महानिदेशको के बीच तीन दिवसीय वार्षिक वार्ता शुक्रवार को समाप्त हो गई। 23 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीएसएफ के डीजी के के शर्मा ने किया। जबकि पाकिस्तानी रेंजर्स (सिंध) के महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद सईद ने 19 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने संबंधित गृह और विदेश मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ नारकोटिक्स कंट्रोल और सर्वे डिपार्टमेंट के अधिकारी भी शामिल थे। इस दौरान भारत ने सीमा पर गोलीबारी की घटनाओं, नशीले पदार्थों की तस्करी, घुसपैठ के प्रयास, सुरंग और रक्षा निर्माण गतिविधियां सहित चिंता के विशिष्ट मुद्दों को मजबूती और दृढ़तापूर्वक उठाया और पाक को खरी खरी सुनाई। सीमावर्ती आबादी से अनजाने पार करने का मुद्दा और दोनों पक्षों पर उनकी वापसी की सुविधा के तरीके पर भी चर्चा हुई और बैठक में विचार विमर्श के बाद सहमति बनी कि नागरिकों के प्रति अत्यंत सावधानी और देखभाल का उपयोग किया जाना चाहिए। फील्ड कमांडर्स स्तरीय बैठकों के साथ फील्ड स्तर पर जानकारी के समय पर आदान-प्रदान की आवश्यकता, साथ-साथ समन्वित गश्ती आदि की भी चर्चा की गई। इस दौरान सीमाओं की पवित्रता बनाए रखने के लिए दोनों देशों में आपसी सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया। एक रचनात्मक माहौल में आयोजित की इस बैठक में शांति और शांतिपूर्ण सीमाओं को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास पर सहमति व्यक्त करते हुए दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की।
गौरतलब है कि इससे पहले 1989 में इस्लामाबाद, पाकिस्तान में आयोजित गृह सचिव स्तर की बातचीत के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजरों के अधिकारियों ने द्वि-वार्षिक वार्ताएं आयोजित की जाएंगी, इसके बाद दोनों सीमावर्ती गिरफ्तारी बलों के बीच सहयोग के सहमत मानदंडों के कार्यान्वयन की समीक्षा भी की गई। यह माना गया था कि दोनों सीमावर्ती गिरफ्तारी बलों के शीर्ष नेतृत्व समय-समय पर मिलेंगे और दोनों बलों को प्रासंगिकता के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 
11Nov-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें