बुधवार, 29 नवंबर 2017

‘गोल्डन नेक्लेस’ पर होगा पहला हाईवे विलेज!

 


देशभर में एक हजार हाईवे विलेज बनाने की योजना                         
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे वाहनों के चालकों और यात्रियों को आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में एक हजार हाईवे विलेज और हाइवे नेस्ट विकसित करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इस योजना के तहत सबसे पहला हाईवे विलेज ईस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर बनकर तैयार होगा। ऐसी सुविधाओं के लिए केंद्र सरकार ने हाइवे विलेज और हाइवे नेस्ट को विकसित करने के लिए 183 जगहों पर काम शुरू होने का भी दावा किया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे हाईवे विलेज विकसित करने की योजना में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चारो और ‘गोल्डन नेक्सलेस’ का रूप लेने वाले ईस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेस-वे और वेस्टर्न ईस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेस-वे को भी इस हाइवे विलेज योजना के दायरे में प्रमुखता से शामिल किया गया है। मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत पहला हाईवे विलेज ईस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर गौतमबुद्धनगर स्थित बिल ऑॅपरेट और ट्रांसफर मोड पर बनकर तैयार होगा। इसके लिए एनएचएआई ने टेंडर जारी कर दिये हैं जो 30 नवंबर को खोला जाएगा। मसलन इस पहले हाइवे विलेज का निर्माण कार्य दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी में शुरू हो जाएगा। एनएचएआई का मानना है करीब 29 करोड़ रुपये की लागत वाले इस पहले हाइवे विलेज बनाने के दौरान लाखों लोगों को रोजगार मुहैया होगा। मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत अभी तक 183 जगहों को चिन्हित करके एनएचएआई ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
सुविधाएं मुहैया करना प्रमुख मकसद
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई ने देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गो पर हर 50 किमी के अंतराल पर एक हजार हाईवे विलेज और हाइवे नेस्ट बनाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। केंद्र सरकार की हाइवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों और उनमें सवार लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बड़ी जगहों पर हाइवे विलेज और छोटी जगहों पर हाइवे नेस्ट विकसित करने की योजना है। एनएचएआई चेयरमैन दीपक कुमार का कहना है कि इस परियोजना में नीजी भागीदारी के साथ एनएचएआई द्वारा तय मानकों के अनुरूप अलग-अलग तरह की सुविधाएं तीन श्रेणियों में विकसित होंगी। पहली श्रेणी के तहत यात्री और भारी वाहन चालकों के लिए समर्ग सुविधाएं, दूसरी श्रेणी में केवल यात्रियों के अनुरूप सुविधाएं और तीसरी श्रेणी में ट्रक चालकों को ध्यान में रखकर सुविधाएं विकसित करने का खाका तैयार किया गया है।
हाइवे नेस्ट निजी भागीदारी
मंत्रालय के अनुसार एनएचएआई की फ्रैंचाइज़ आधार पर निजी सहभागिता के लिए ऐसे किसानों या अन्य लोगों या एजेंसियों को प्राथमिकता देने की योजना है। यानि जिनके पास राष्ट्रीय राजमार्गों पर न्यूनतम एक एकड़ से अधिक निजी भूमि है और वे राजमार्गों पर आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने दिशा में ‘हाइवे नेस्ट’ ब्रांड नाम के तहत एनएचएआई के साथ जुड़ सकते हैं। मसलन निजी संस्थाओं को ब्रांडिंग, लोगो और संकेतकों के साथ-साथ सुविधा, सहायता और भूमि उपयोग रूपांतरण आदि सुविधाएं निःशुल्क आधार पर मुहैया कराने की प्रक्रिया में एनएचआई द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए निजी संस्था को इस संबंध में एनएचएआई के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे।

क्या सुविधाएं होंगी मुहैया
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की इस परियोजना में विकसित किये जा रहे हाइवे विलेज में राजमार्गो पर सफर करने वालों के लिए आवश्यकतानुसार कई आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वाहन चालकों व यात्रियों के लिए आरामग्रह के अलवा प्रमुख रूप से फ्यूल स्टेशन यानी पेट्रोल पंप, डीजल हाट, ढाबा, व्हीकल वॉश सेंटर, मीटिंग और कॉन्फ्रेंस फैसिलिटी, मोटल या गेस्ट रूम, ट्रक, बस और कार पार्किंग, फूड कोर्ट या रेस्टोरेंट, क्योस्क, आर्ट एंड क्राफ्ट हैंडलूम शॉप, साधारण शॉप, एटीएम, मेडिकल क्लीनिक, चिल्ड्रन प्ले एरिया, मकेनिक शॉप्स आदि शामिल है। खासबात यह होगी हाइवे विलेज का 75 से 80 फीसदी हिस्सा पार्किंग के लिए होगा।
29Nov-2017


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें