शनिवार, 4 नवंबर 2017

प्रवासी कामगारों को भी मिलेगी ईपीएफओ की सुविधा


केंद्र सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के तहत बनाई योजना
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के साथ उनकी दशा सुधारने की योजनाओं के दायरे में प्रवासी कामगारों को ईपीएफओ की सुविधाएं देने के लिए नई पहल शुरू की है। इसके तहत विदेशों में काम करने वाले भारतीय कामगारों की इन योजनाओं तक पहुंच बनाने के लिए कई देशों के साथ करार किये गये हैं।
श्रम मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार को यहां इंडिया हेबिटेट सेंटर में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ द्वारा ‘कपट जोखिम प्रबंधन-नई पहलें’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने पहुंचे ईपीएफओ के आयुक्त डॉ. वी.पी. जॉय ने यह जानकारी दी। डा. जॉय ने कहा अब विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगार उस संबंधित देश की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे से बच सकेंगें। यानि प्रवासी कामगार विदेशों में काम करते हुए ईपीफाओ की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक ऑनलाइन सुविधा की शुरूआत की गयी है, जिसके जरिए यह योजना भारतीय कामगारों को उनके कार्यक्षेत्र वाले देश देश की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से बचाने का काम करेगी और वहीं यह योजना रोजगार प्रदाताओं को समाजिक सुरक्षा योजनाओं में दोहरा योगदान वहन करने से भी छुटकारा दिलाएगी। जॉय ने ईपीएफओ द्वारा शुरू किए जाने वाले डिजिटल कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि अब ईपीएफओ द्वारा दावों के निपटान संबंधी सभी गतिविधियां ऑनलाइन चलाई जा रही हैं। वहीं आगामी 15 अगस्त 2018 तक ईपीएफओ कागज-मुक्त संगठन बन जाएगा। संगोष्ठी में आयकर विभाग के प्रमुख आयुक्त और एसएफआईओ के पूर्व निदेशक निलिमेश बरूआ ने पहचान और कारपोरेट कपट एवं प्रवंचना को पकड़ने के लिए पूर्व चेतावनी के बारे में जानकारी दी।
सामाजिक सुरक्षा के दायरे में
उन्होंने कहा कि ईपीएफओ विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा प्रदाता संस्था है। यह 9.26 लाख से अधिक कंपनियों को कवर करती है तथा इसके 4.5 करोड़ से अधिक सदस्य हैं। यह प्रति माह 60.32 लाख लोगों को पेंशन प्रदान करती है। इसी कारण ईपीएफओ ने विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगारों को भी इस दायरे में शामिल करने की नई पहल की है। डा. जाँय ने जानकारी दी कि इस दिशा में ईपीएफओ ने 18 देशों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसमें ईपीएफओ ने पूरी प्रक्रिया को कर्मचारियों के अनुकूल परिवर्तित किया है। अनुबंध के तहत इन देशों में काम करने जाने से पहले भारतीय कामगार ईपीएफओ की योजनाओं के कवरेज का प्रमाणपत्र हासिल पा सकते हैं। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा दी गई है। जॉय ने कहा कि यह योजना सीमित समय के लिए विदेश काम करने जा रहे लोगों के लिए बड़ी मददगार साबित होगी और इसका प्रवासी कामगारों को विदेशों में रहते हुए भी उन्हें अपने धन के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना होगा और न ही उनका धन फंसा रह सकता है।
इन देशों के साथ हुए करार
संगोष्ठी में ईपीएफओ के आयुक्त डा. जॉय ने बताया कि प्रवासी कामगारों को ईपीएफओ की योजनाओं और सुविधाओं का लाभ देने की दिशा में भारत सरकार ने बेल्जियम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, हंगरी, फिनलैंड, स्वीडन, चेक गणराज्य, नॉर्वे, ऑस्ट्रिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान और पुर्तगाल के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के संबंध में अनुबंध किया है। ईपीएफओ विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा प्रदाता संस्था है। यह 9.26 लाख से अधिक कंपनियों को कवर करती है तथा इसके 4.5 करोड़ से अधिक सदस्य हैं। यह प्रति माह 60.32 लाख लोगों को पेंशन प्रदान करती है।
04Nov-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें