बुधवार, 29 नवंबर 2017

तीन अध्यादेशों को कानून में बदलेगी सरकार


शीतकालीन सत्र: महत्वपूर्ण विधेयको को पेश करने की तैयारी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आगामी 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में तीन अध्यादेशों को कानून में बदलने के लिए पेश किया जाएगा। वहीं सरकार संसद में लंबित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों के साथ नए विधेयक भी पेश करने की तैयारी कर रही है।
केद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में संसदीय मामलों की                                                                         कैबिनेट समिति की बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान  निर्णय लिया गया। इस शीतकालीन सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। इस दौरान सत्र के लिए विधायी कार्यसूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसमें गत दो सितंबर को जारी तीन अध्यादेशों को भी विधेयक में बदलने के लिए पेश किया जाएगा। इन अध्यादेशें में वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) अध्यादेश, ऋण शोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) अध्यादेश तथा भारतीय वन (संशोधन) अध्यादेश शामिल है। उन्होंने कहा कि संसद शीतकालीन सत्र में जहां पूरक अनुदान मांगों पर भी विचार किया जाएगा, वहीं महत्वपूर्ण विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। अनंत कुमार ने राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि वे महत्वपूर्ण विधेयकों पर उपयोगी और रचनात्मक बहस में सहयोग करें और संसद के दोनो सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में  विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभाए। सरकार विपक्ष के हरेक मुद्दे पर चर्चा कराने को भी तैयार है। उनका तीन तलाक और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग से संबन्धित विधेयको के बारे में कहा कि देश की जनता की यह प्रबल इच्छा है कि इन दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद कानून बनाए जाए और सरकार लोगों की इच्छा पूरी करने के प्रति वचनबद्ध है। गौरतलब है कि संसद के शीत सत्र में देरी को लेकर मोदी सरकार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। आमतौर पर संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह में बुलाया जाता है जो दिसंबर की तीसरे सप्ताह तक चलता है।
26Nov-2017

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