बुधवार, 15 नवंबर 2017

जल्द पूरा होगा दिल्ली-मेरठ महामार्ग का पहला चरण


देश में पहले 14 लेन का राष्ट्रीय राजमार्ग बनेगा इतिहास                   
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश के इतिहास में पहले 14 लेन के रूप में दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेस-वे के पहले चरण के नौ किमी लंबे सड़क निर्माण का काम अगले महीने पूरा हो जाएगा, जो लक्षित समय से 16 माह पहले रिकार्ड समय में तैयार हो रहा है। इस महामार्ग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग-24 के चौड़ीकरण की योजना के तहत किया चार चरणों में पूरा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 दिसंबर 2015 को दिल्ली के निजामुद्दीन पुल से डासना होते हुए मेरठ तक करीब 60 किमी लंबे 14 लेन के महामार्ग की आधारशिला रखी थी, इस परियोजना में डासना से हापुड तक करीब 23 किमी हाइवे को भी 14 लेन में तब्दील करने की योजना को शामिल किया गया है। केंद्र की 7566 करोड़ रुपये की इस परियोजना के पहले चरण में निजामुद्दीन से यूपी गेट तक करीब नौ किमी मार्ग का निर्माण अंतिम चरणों में है, जिसे नए साल में आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इस परियोजना के पहले चरण के काम का निरीक्षण करने के बाद बताया कि पहले चरण के को पूरा करने के लिए 30 माह का समय तय किया गया था, लेकिन अंतिम चरण में पहुंचे पहले चरण को अगले माह मात्र 14 माह में ही पूरा करके जनवरी में आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इस पूरी परियोजना को चार चरणों में पूरा करने का निर्णय लिया था, जिसमें दूसरे चरण में यूपी बार्डर से डासना तक 19.284 किमी, तीसरे चरण में डासना से हापुड़ तक 22.270 किमी तथा चौथा चरण डासना से मेरठ परतापुर बाईपास तक 31.770 किमी का निर्माण होगा। गडकरी ने कहा कि यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ तक भी विकसित होगा, जिसके पूरा होने पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक जीवन रेखा साबित होगी।
सुपर हाईवे की सुविधाएं
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि देश में 14 लेने के पहले एक्सप्रेसवे की परियोजना नये हाईब्रिड एनयूटी मॉडल के तहत की जा रही है जो एक स्मार्ट एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित होगा, जिसके दोनों किनारों पर 2.50 मीटर चौड़ी साइकिल लाइन बनाई जा रही है। इसके अलावा इस एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों को मौसम, ट्रैफिक एवं दुर्घटनाओं के बारे में अहम जानकारी मुहैया कराने वाली प्रणालियां भी स्थापित की जा रही हैं। वहीं इस महामार्ग पर स्वास्थ्य देखभाल, पेट्रोल पंप, रेस्तरां, वाहन मरम्मत, विश्राम कक्ष जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था की जा रही है। पहले चरण के 8.7 किलोमीटर लंबे मार्ग पर यमुना पुल पर वर्टीकल गार्डेन को विकसित करने के साथ सोलर सिस्टम लाइटिंग और पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई की व्‍यवस्‍था भी की की जा रही है। दिल्ली में इस एक्‍सप्रेस-वे का प्रवेश द्वार कॉमनवेल्थ गांव के नजदीक होगा जबकि निकास द्वार अक्षरधाम और गाजीपुर पर होंगे।
कहां होंगे टोल प्लाजा
इस महा सडक परियोजना में मेरठ से दिल्ली आते हुए पहला टोल प्लाजा 57.540 किमी पर होगा। यदि एनएच-58 से एक्सप्रेस-वे पर आएंगे तो महामार्ग पर पर प्रवेश करते ही टोल टैक्स देना पडेगा। जबकि दूसरा टोल प्लाजा एनएच-24 पर 22.5 किमी पर आएगा, जो दिल्ली से हापुड़ के सफर में भी शामिल रहेगा। हापुड़ जाते हुए दूसरा दूसरा टोल प्लाजा हापुड़ बाईपास से पहले 49.346 किमी पर पड़ेगा।

दिल्ली यातायात सुधार योजना
इस मौके पर गडकरी ने कहा कि दिल्ली में यातायात जाम की समस्या के लिए 40 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की जा रही है। इस परियोजना में धौला कुआं खंड, द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली के लिए एक रिंग रोड बनाने की योजना शामिल है, जिसके लिए केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा संयुक्त रूप से वहन किया जाएगा। सड़क परियोजनाओं में प्रदूषण को रोकने की दिशा में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके लिए जैव ईंधन चालित वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, हरित राजमार्गों के विकास करने की योजनाओं पर बल दिया जा रहा है।
15Nov-2017

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