सत्ता-विपक्ष
में आरोप-प्रत्यारोप के साथ वाकयुद्ध शुरू
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर में बुलाया
जाएगा, लेकिन कांग्रेस का शीत सत्र में देरी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधने
का सिलसिला जारी है, जिसके प्रतिशोध में भाजपा की ओर से भी कांग्रेस के आरोपों को
खारिज करते हुए पलटवार किये जा रहे हैं।
संसद के
शीतकालीन सत्र पर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी एक दिन पहले मोदी सरकार पर
निशाना साधने के बाद मंगलवार को सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा
कि संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर में आयोजित होगा, जिसकी तिथि का जल्द ही ऐलान
किया जाएगा। हालांकि संसद सत्र को बुलाने पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए अनंत
कुमार ने यूपीए सरकार द्वारा देरी से बुलाए गये सत्रों का जिक्र करते हुए कांग्रेस
पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि कांग्रेसनीत यूपीए सरकार
ने 2008 और 2013 में संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर में ही बुलाया था। उन्होंने
हिमाचल और गुजरात चुनाव को संसद सत्र में देरी का कारण बताया और कहा कि कांग्रेस
के शासन काल में भी चुनाव व संसद सत्र आपस में नहीं टकराए हैं। उन्होंने कहा कि
मोदी सरकार संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए कांग्रेस का
सरकार पर शीतकालीन सत्र का नुकसान करने का आरोप में कोई दम नहीं है। शीतकालीन सत्र
में देरी को लेकर संसदीय राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल का कहना है कि सरकार जल्दी ही
सीसीपी की बैठक बुलाकर शीतकालीन सत्र की तारीखों की घोषणा करेगी और कोई देरी नहीं
हो रही है क्योंकि तारीखें आगे पीछे होती रहती हैं। ऐसा कांग्रेस के जमाने में भी
हुआ है, इसलिए आरोप लगाने से पहले उसे अपने गिरेवां में भी झांक लेना चाहिए।
पोल खुलने से डर रही है भाजपा: कांग्रेस
कांग्रेस
का संसद के शीत सत्र को लेकर सत्तापक्ष को घेरते हुए आरोप लगाने का सिलसिला थमा
नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष के बाद मंगलवार को राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता और
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा को
घेरते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। आजाद ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार
जानबूझ कर शीत सत्र बुलाने में देरी कर रही है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया
कि मोदी के मंत्री पोल खुलने के डर से सत्र से भाग रहे हैं। कांग्रेस नेता गुलाम
नबी आजाद ने निशाना साधते हुए कहा कि नवंबर में शीतकालीन सत्र होते हैं लेकिन इस
बार नहीं हो रहा है। मोदी सरकार सिर्फ चुनाव लड़ने की सरकार बन गई है। आजाद ने
गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान देरी से करवाने का आरोप भी मोदी सरकार पर मढ़ते
हुए कहा कि ऐसा जानबूझ कर करवाया गया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि
इस साल अब तक महज़ 38 दिन ही लोकसभा चली है। उन्होंने भाजपा पर चर्चा से बचने का
आरोप लगाते हुए कहा कि यदि सदन चला तो भाजपा की पोल खुल जाएगी।
भाजपा का पलटवार
कांग्रेस
द्वारा मोदी सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर तंज कसते हुए भाजपा के महासिचव भूपेंद्र
यादव ने सवाल किया कि कांग्रेस में संसद के प्रति इतनी आस्था कैसे जाग गई, खुद
चुनाव के समय संसद सत्र बुलाने में देरी करने की पंरपरा को बढ़ावा देती रही है।
भाजपा नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी एक प्रेस वार्ता के
दौरान संसद की गरिमा के प्रति कांग्रेस के बढ़ते प्रेम को देखकर आश्चर्य करते हुए
कहा कि हम कांग्रेस पार्टी से जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी कितने समय संसद में
रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब कभी भी नोटबदी पर संसद में बहस होती थी और जब हमारे
तथ्य कांग्रेस पार्टी को असहज कर देते थे तब वो संसद से बाहर चले जाते थे। रविशंकर
प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल भी शीतकालीन सत्र देरी से बुलाने की परंपरा
रही है, इसलिए कांग्रेस या विपक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं।
हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार
केंद्रीय
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए
कहा कि ऐस कुछ नहीं है कि सरकार जानबूझकर संसद सत्र बुलाने में देरी कर रही है। सीसीपीए
कमेटी (कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लिमेंट) ही यह तय करेगी कि इसकी तारीख क्या होगी।
जहां तक बात तारीखों को आगे पीछे करने का सवाल है तो यह कांग्रेस के शासनकाल में भी
होता रहा है। इसका मतलब यह है कि तब भी किसी नेता ने कोई तारीख तय किया होगा। सीसीपीए
की बैठक होने के बाद संसद सत्र के दौरान
केंद्र सरकार विपक्ष हर मुद्दे को उठाने के लिए स्वतंत्र होंगे और सरकार सारे
मुद्दो पर सदन में चर्चा के लिए तैयार रहेगी।
22Nov-2017
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें