सीबीटी ने
दी ईपीएफओ के अहम प्रस्तावों को मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
ईपीएफओ के
केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने ईपीएफओ के अंशधारकों के लिए एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ)
की कमाई के धन को पीएफ खातों में डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ऐसे ही एक
महत्वपूर्ण फैसले के तहत एनपीसीआई के जरिए पीएफ फंड को अंशधाराकें के खाते में
हस्तांतरित किया जा सकेगा।
यहां नई
दिल्ली में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में ईपीएफओ
के केंद्रीय न्सासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय ईपीएफओ के लिए
केंद्रीय भुगतान व्यवस्था के तहत उस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसमें ईपीएफओ नेशनल
पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ करार करेगा। इसके लिए अब पीएफ भुगतान
हेतु एक केंद्रीय व्यवस्था तय की जाएगी, ताकि ईपीएफओ एक ही दिन में एनपीसीआई के जरिये
पीएफ फंड को अपने अशंधारका को ट्रांसफर कर सके। मंत्रालय के अनुसार अभी तक ईपीएफओ विकेंद्रीकृत
व्यवस्था पर काम करता है। इस व्यवस्था के कारण लेनदेन के लिए संगठन को ज्यादा खर्चा
वहन करने के अलावा इसमें लेनदेन संबंधी तमाम कठिनाईया आ रही हैं। ईपीएफओ की
सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सीबीटी की बैठक में इक्विटी निवेश के मूल्यांकन और
लेखे के लिए लेखा नीति को मंजूरी दी है। इसके लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु
(आईआईएम-बेंगलुरु) के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया था। वहीं नियंत्रक एवं
महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्कर्ष को भी इस लेखा नीति में शामिल किया गया है।
पीएफ के अब दो खाते होंगे
श्रम एवं
रोजगार मंत्रालय के अनुसार इस मंजूरी के तहत ईपीएफओ के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ)
यूनिट्स को भविष्य निधि (पीएफ) खातों में डालने कर रास्ता साफ हो गया है, जिसका
ईपीएफओ के देशभर में करीब 4.50 करोड़ अंशधारकों को होगा, जो ईटीएफ यूनिट्स को अपने
पीएफ खातों में अगले साल मार्च अंत तक देख पाएंगे। मंत्रालय के अनुसार इस प्रस्ताव
में नए नियमों के तहत अब अंशधारकों के लिए पीएफ के दो अकाउंट होंगे, जिसमें एक कैश
अकाउंट और दूसरा ईटीएफ अकाउंट होगा। कैश अकाउंट में आपके पीएफ की 85 फीसदी रकम होगी,
जबकि ईटीएफ अकाउंट में शेयर बाजार में निवेश होने वाली 15 फीसदी राशि होगी। ईपीएफओ
ने केन्द्रीकृत भुगतान प्रणाली को अपनाने का यह प्रस्ताव इसलिए किया है ताकि भारतीय
राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा सके। क्योंकि
ईपीएफओ की मौजूदा विकेन्द्रीकृत प्रणाली में लेनदेन की अधिक लागत आने के अलावा ‘आधार’
के स्तर पर भुगतान की सुविधा नहीं है। मंत्रालय के अनुसार ईपीएफओ ई-शासन प्रणाली को
मजबूत बनाने के वास्ते प्रतिबद्ध है। ईपीएफओ ने कई ई-शासन पहलों की शुरूआत की है,
जिनमें इलेक्ट्रोनिक चालान एवं रिटर्न, सदस्य ई-पासबुक, राष्ट्रीय इलेक्ट्रोनिक
निधि अंतरण के जरिये भुगतान, प्रतिष्ठानों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण, मोबाइल गवर्नेंस,
दावों की ऑनलाइन रसीद, खातों का स्वमेव अंतरण इत्यादि शामिल हैं।
26Nov-2017
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