गुरुवार, 9 जून 2016

इस फार्मूले से पकडे जाएंगे ओवरलोडिंग वाहन!

सेंसर के जरिए शिकंजा कसने का फरमान जारी
ओ.पी.पाल.
नई दिल्ली।
देश में सड़क हादसों पर शिकंजा कसने की दिशा में पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा ओवरलोडिंग वाहनों के लिए नये नियमों के साथ जारी दिशानिर्देशों पर उभरे विवादों का समाधान के तौर पर फिलहाल एक नये फार्मूले को इजाद किया जा रहा है, जिसमें सभी राज्यों में सेंसर के जरिए ओवरलोडिंग वाहनों को पकड़ में लिया जा सकेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार करीब छह माह पहले जारी दिशानिर्देशों में जुर्माना और दंड के अलावा कई प्रावधानों पर ट्रांसपोर्टरों की आपत्ति के बाद सरकार ने जुर्माने की राशि को आधा करके कुछ अन्य राहत भी दी थी। इसके बावजूद ओवरलोडिंग वाहन सड़कों और सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए परेशानी का सबब बनते आ रहे हैं। सरकार ने इस मामले में विशेषज्ञों की राय लेने के बाद ओवरलोडिंग वाहनों की निगरानी के लिए एक नई तकनीक को इजाद किया, जिसके लिए सभी राज्यों में सेंसर सर्वर स्थापित किये जाएंगे। इन सेंसरों के जरिए ओवरलोड वाहनों को पकड़ना आसान होगा। राज्यों को जारी फरमान में केंद्र सरकार ने ऐसे वाहनों के पकड़े जाने पर मौके पर ही नियमों के तहत चालान जैसी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। सूत्रों के अनुसार दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा से लेकर पंजाब व राजस्थान से बड़ी संख्या में ट्रक गाजियाबाद के रास्ते आते उत्तर प्रदेश में आवागमन करते हैं। जांच के दौरान पाया जा रहा है कि इन ओवरलोडिंग वाहनों यानि ट्रकों में लदा सामान का वजन मानकों के मुताबिक नहीं होता, बल्कि एक से पांच टन तक कहीं ज्यादा होता है।
जल्द मिलेंगे राज्यों को सर्वर
मंत्रालय के अनुसार इस तकनीक के लिए सरकार ने विशेषज्ञों की मदद ली है, जो नई तकनीक के आधार पर वेइंग मोशन प्रणाली की तर्ज पर एक सर्वर तैयार कर रहे हैं। इससे सेंसर के आधार पर एक्सल वेट के आधार पर ओवरलोड वाहन पकड़े जाएंगे। सेंसर के जरिए ओवरलोडिंग वाहनों को पकड़ में लेने के लिए सभी राज्यों को आने वाले महीनों में सर्वर उपलब्ध करा दिये जाएंगे, ताकि इसके बाद सेंसर के माध्यम से ओवरलोड वाहन पकड़े जाएंगे। सेंसर से ओवरलोड वाहनों के पकड़े जाने के बाद उनके खिलाफ नियमों के तहत कार्यवाही की जाएगी।
तकनीक से मिलेगा फायदा
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस नई तकनीक से बहुत ही फायदा होने वाला है। जिसमें ओवरलोड वाहनों को तुरंत पकड़े जाने से पारदर्शिता का दायरा भी बढ़ेगा, वहीं वाहन में टायरों की संख्या के हिसाब से ट्रक में वजन के तय मानक को कायम रखने में भी मदद मिलेगी। यदि तय मानक से अधिक वजन का ट्रक सड़क से गुजरता है, तो सड़क खराब होने की आशंका के साथ ट्रक की उम्र भी घटती है और सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ती हैं। इस तकनीक से इन सभी आशंकाओं का समाधान होकर फायदे के साथ परिवहन विभाग के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
09June-2016

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें