नौ राज्यों से निर्विरोध निर्वाचन में भजपा को तीन सीटों फायदा
कांग्रेस को हुआ पांच सीटों का नुकसान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
राज्यसभा
 की रिक्त होने वाली 16 राज्यों की 58 सीटों के लिए नौ राज्यों में चुनाव 
कराने की नौबत नहीं आई और 31 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित होकर राज्यसभा 
पहुंच गये हैं। इन निर्वाचित सदस्योें में भाजपा को तीन सीटों का फायदा हुआ
 है तो कांग्रेस को पांच सीटें गंवाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अब बाकी 
सात राज्यों की बची 27 सीटों पर 11 जून को चुनाव होगा, जिसमें भाजपा और 
कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है।
मोदी सरकार राज्यसभा में 
भाजपा की 14 सीटों समेत खाली हो रही 16 राज्यों की 58 सीटों के चुनाव में 
अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। एक दिन पहले नामांकन वापसी की अंतिम
 तिथि पर नौ राज्यों की 31 सीटें अतिरिक्त प्रत्याशी चुनाव मैदान में न 
होने के कारण निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दी गई है। मसलन इन नौ राज्यों 
से भाजपा की केवल पांच सीटें खाली होने वाली हैंं,लेकिन भाजपा के आठ सदस्य 
निर्वाचित हुए हैं। यानि भाजपा को तीन सीटों का फायदा हुआ। इसी प्रकार 
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को पांच सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। जबकि इन
 राज्यों में कांग्रेस के पास आठ सीटें थी, जबकि तीन सीट ही हाथ लग सकी 
हैं।
भाजपा व कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर
राज्यसभा
 के लिए सात राज्यों की बाकी बची 27 सीटों पर 11 जून को चुनाव होगा, जिसके 
लिए मध्य प्रदेश की तीन, कर्नाटक की चार, राजस्थान की चार, उत्तर प्रदेश की
 11, उत्तराखंड की एक तथा झारखंड व हरियाणा की दो-दो सीटों पर निर्दलीय 
प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में होने से भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा 
दांव पर लगी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपनी रणनीतियों से एक-दूसरे दल
 के प्रत्याशियों का राज्यसभा जाने का रास्ता रोकने का प्रयास कर रहे हैं। 
भाजपा को यहां मिला फायदा
महाराष्ट्र
 में एक सीट का इजाफा करके भाजपा के चार प्रत्याशी राज्यसभा पहुंच गये हैं।
 बिहार में भी भाजपा को एक सीट का फायदा हुआ। गुजरात के उप चुनाव में 
कांग्रेस की सीट को भी भाजपा ने अपने कब्जे में ले लिया है।
कांग्रेस को नुकसान
तेलांगना
 में कांग्रेस को दोनों सीटें गंवानी पड़ी, जहां दोनों सीटों पर सत्त्तारूढ़ 
टीआरएस का कब्जा हो गया है। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस एक सीट गंवा चुकी 
है। तमिलनाडु में भी कांग्रेस को एक सीट गंवानी पड़ी है। गुजरात के उपचुनाव 
में भी कांग्रेस की सीट पर भाजपा का कब्जा हो गया है।
आंध्र प्रदेश: यहां पर कोई बदलाव नहीं हुआ है।
तेलंगाना: कांग्रेस ने दोनों सीटें गंवाई, जहां टीआरएस के उम्मीदवार जीते।
छत्तीसगढ़: एक भाजपा और एक कांग्रेस, कोई बदलाव नहीं हुआ।
तमिलनाडु:
 दो सीटों के फायदे से चार अन्नाद्रमुक और एक सीट के नुकसान के बाद दो सीट 
पर द्रमुक निर्वाचित। जबकि कांग्रेस को भी एक सीट गंवानी पड़ी है।
ओडिशा: यहां पर भी कोई बदलाव नहीं हुआ और सभी तीनों सीटों पर फिर से बीजद का कब्जा बरकरार रहा।
महाराष्ट्र:
 यहां भाजपा को एक सीट के फायदे के साथ चार सीट पर कब्जा। कांगे्रेस को एक 
सीट मिली और एक गंवानी पड़ी। यहां एक राकांपा और एक शिवसेना को मिली। 
पंजाब: कांग्रेस व शिरोमणि अकाली दल को एक-एक सीट मिली, जहां कोई बदलाव नहीं हुआ।
बिहार: यहां पांच सीटों में भाजपा एक सीट लेकर फायदे में रही, जहां जदयू व राजद को दो-दो सीटें मिली। जदयू को तीन सीट का नुकसान हुआ।
गुजरात: यहां कांग्रेस के प्रवीण राष्ट्रपाल  के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव में भी भाजपा का कब्जा हो गया है।
05June-2016 
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