25 हजार करोड़ की परियोजना का रोडमैप तैयार
पूरब-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण तक बनेंगे हाइवेज
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
में सड़क हादसों में कमी लाने की दिशा में उठाये जा रहे कदमों में केंद्र
सरकार ने माल वाहक वाहनों के लिए अलग से कॉरिडोर बनाने की योजना का खाका
तैयार कर लिया है, जिसके लिये सरकार 25 हजार करोड़ रुपये खर्च करने को तैयार
है। इस मेगा परियोजना में सरकार तय रूट पर एकमुश्त टैक्स वसूलने की
प्रणाली लागू करके इन कॉरिडोरों को बैरियरमुक्त करने की तैयारी भी देश में
राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई दो गुना से ज्यादा करने के लक्ष्य पर आगे बढ़
रही केंद्र सरकार सुरक्षित सड़क परियोजनाओं से संपर्क मार्गो के सुधार के
बावजूद बढ़ रहे सड़क हादसों से चिंतित है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग
मंत्रालय के अनुसार सरकार ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने
ट्रक जैसे मालवाहक वाहनों के लिए अलग हाइवे कॉरिडोर बनाने की योजना तैयार
की है, ताकि ट्रक और अन्य भारी वाहन देश के एक कोने से दूसरे कोने तक
आवागमन करते समय किसी शहर, कस्बे और गांव के अंदर से न गुजर सके। मसलन
कश्मीर से कन्याकुमारी, पोरबंदर से कोलकाता, सूरत से पारादीप पोर्ट,
रामेश्वरम से देहरादून और मंगलोर पोर्ट से चेन्नई के बीच करीब 36,600
किलोमीटर मार्ग की पहचान की गई है, जिसमें पहले से ही 30,100 किमी हाईवे
हैं, लेकिन 18,800 किलोमीटर हाईवे ही चार लेन और बाकी की सड़कें या तो सिंगल
हैं या फिर दो लेन ही हैं। एनएचआईए के अनुसार देश में करीब 6500 किमी सड़क
तो नेशनल हाईवे से मिलती ही नहीं है, जिनमें या तो स्टेट हाईवे हैं या फिर
जिले के विभिन्न स्थानों को एक दूसरे से जोड़ने वाली सड़कें हैं। इस
प्रस्तावित परियोजना के तहत इन सड़कों को नेशनल हाईवे बनाने के साथ ही फोर
लेन किया जायेगा। दरअसल देश में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई करीब डेढ़ लाख
किलोमीटर तक पहुंच गई है,जिसमें एक भी सड़क वैज्ञानिक तौर पर ऐसी नहीं है
जिस पर ट्रक चालक कश्मीर से कन्याकुमारी या पूरब से पश्चिम तक एक सीधे
हाईवे पर चल सके। इसकी वजह से ट्रक जैसे भारी वाहनों को शहरों और गांवों के
बीच से होकर गुजरना पड़ता है।
विदेशी तर्ज पर बनेंगे 27 हाइवे कॉरिडोर
राष्ट्रीय
भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण ने विदेशी तर्ज पर देश में ऐसे स्ट्रेट यानि
सीधे मार्ग बनाने के लिए 27 राष्ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर की भी पहचान कर ली
है, जिसमें प्रमुख शहर तो इन हाइवे के संपर्क मार्ग में रहेंगे, लेकिन ट्रक
जैसे भारी वाहनों को शहरों, कस्बो या किसी गांव से होकर गुजरने की जरूरत
नहीं पड़ेगी। मसलन देश उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक का सफर सीधे
यानि स्ट्रेट हो जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद समय और धन की बचत
के साथ यात्रा सुगम और सुरक्षित हो जाएगी। एनएचआईए के प्रस्ताव के अनुसार
इनमें उत्तर से दक्षित यानि वर्टिकल 12 तथा पूरब से पश्चिम यानि हॉरिजोंटल
15 हाइवे कॉरिडोर बनाये जायेंगे। इन हाइवे का संपर्क सभी प्रमुख शहरों से
किया जाएगा। परियोजना के प्रस्ताव में यह ये हाईवे कॉरिडोर हर 250 किलोमीटर
पर एक दूसरे से मिलेंगे। सूत्रों के अनुसार नेशनल हाईवे ग्रिड बन जाने के
बाद सरकार नेशनल हाईवे को नए नाम देगी ताकि उनको पहचानना आसान हो सके।
उदाहरण के तहत पूर्व से पश्चिम को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे ग्रिड ईवन नंबर
से शुरू होंगे। जबकि आॅड नंबर वाले नेशनल हाईवे उत्तर को दक्षिण से
जोड़ेंगे।
वाटरवेज की राह आसान
नेशनल हाईवे के
इस जाल के बिछने से सरकार की भावी वाटरवेज योजना समेत अन्य प्रोजेक्टों को
भी पंख लग जाएंगे। यह हाईवे देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों से जुड़े होंगे
जिसका कार्गो को काफी फायदा होगा। एक कोन से दूसरे कोने से सीधे हाईवे होने
के कारण जल्द से जल्द माल पहुंच सकेगा। सरकार की इस योजना में इन हाईवे को
देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों से भी जोड़ा जाएगा,जिसका कार्गो के हित में एक
कोन से दूसरे कोने से सीधे हाईवे होने के कारण जल्द से जल्द माल पहुंच
सकेगा।
भ्रष्टाचार का कारण बने बैरियर हटेंगे
मंत्रालय
के अनुसार हाल ही में राज्यों के परिवहन मंत्रियों की अधिकार प्राप्त
समिति की बैठक में सड़क परिवहन उद्योग की समस्या से निपटने की दिशा में भारत
को बैरियर मुक्त बनाने पर सहमति बनाई गई। राष्ट्रीय राजमार्गो और अन्य
मार्गो से गुजरने वाले ट्रकों से टैक्स की वसूली के लिये जगह-जगह अथवा
राज्यों की सीमा पर बने बैरियरों को भ्रष्टाचार मानते हुए समिति ने ऐसे
भारी वाहनों के तय रूट की एकमुश्त टैक्स की अदायगी पर सहमति बनाई है, ताकि
वे देश के एक कोने से दूसरे कोने तक सीधा सफर कर सके। जहां तक गाड़ी में
सामान की जांच का सवाल है उसकी एक ही स्थान पर जांच कराने की योजना है।
इससे समय और र्इंधन बर्बादी रोकी जा सकेगी और ट्रक चालकों व ट्रांसपोर्टरों
को परेशानी से भी निजात मिलेगी। सरकार की बैरियर हटाने की इस योजना का
स्वागत करते हुए एआईएमटीसी के महासचिव नवीन गुप्ता कहा कि सिंगल विंडो
टैक्स सिस्टम की पहले से ही मांग उठती रही है,इससे ट्रांसपोर्ट उद्योग की
ज्यादातर समस्याओं का हल हो जाएगा। ट्रांसपोर्टरों को हर राज्य में एंट्री
के वक्त भ्रष्टाचार का भी सामना करना पड़ता है। टैक्स अधिकारी ड्राइवरों को
डरा धमकाकर पैसे देने को मजबूर करते हैं। कागजात पूरे होने के बावजूद गाड़ी
जब्त करने की धमकी दी जाती है और एंट्री के वक्त हजारों रुपए लिए बिना नहीं
छोड़ते। अगर यह योजना लागू हो जाती है तो ट्रांसपोर्टरों को काफी राहत
मिलेगी।
एनएचएआई ने मार्च में दी थी प्रेजेंटेशन
सूत्रों
के अनुसार एनएचएआई ने मार्च 2016 में नेशनल हाईवे ग्रिड की प्रेजेंटेशन
नितिन गडकरी को दी थी। कहा था कि इस योजना का उद्देश्य सिर्फ राज्यों और
उनकी राजधानी के बीच बेहतर कनेक्टिविटि बढ़ाना ही नहीं है बल्कि इससे हाईवे
बेहतर हो जाएंगे और देश के 12 मुख्य बंदरगाहों, 53 लाख में से 45 लाख शहरों
व 26 राज्यों की राजधानियों के लिए बेहतर सड़क तैयार होगी। साथ ही देश के
मुख्य पर्यटन व धार्मिक स्थलों तक भी पहुंच आसान हो जाएगी। एनएचएआई ने कहा
कि नए नेशनल हाईवे ग्रिड तैयार होने से शहर को बेहतर कनेक्टिविटि मिलेगी।
गौरतलब है कि यूपीए-2 के समय तत्कालीन परिवहन मंत्री कमलनाथ ने भी नेशनल
हाइवेज को नया रूप देने की योजना बनाई थी लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ पाई थी।
24June-2016
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