दुनिया में पहली बार भारत करेगा अपशिष्ट का इस्तेमाल
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
 सरकार की सड़क परियोजनाओं में शायद यह दुनियाभर में इतिहास बन जाएगा, जहां 
सरकार दिल्ली-मेरठ एक्सपे्रस-वे पर दिल्ली के दायरे में बनने वाली सड़क 
निर्माण में कूड़े का इस्तेमाल करेगा।
दुनिया में अभी तक कूड़े का 
इस्तेमाल सड़क निर्माण में नहीं किया गया है, लेकिन भारत में पहली बार 
अपशिष्ट का मिश्रण सड़क निर्माण में सुनकर हैरानी तो हो सकती है, लेकिन सच 
भी यही है जिसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले काफी
 समय से अनुसंधान करा रहा है और उसमें सफल भी हो रहा है। मंत्रालय की माने 
तो कूड़े से सड़क बनाने का काम पहली बार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर करने का
 निर्णय लिया गया है, जो दुनियाभर में अब तक ऐसा कहीं नहीं हो पाया है। इस 
शोध को को साकार करते हुए सीएसआईआर के सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 
अगस्त महीने से काम शुरू करने का निर्णय लिया है।
आठ किमी निर्माण पर होगा प्रयोग
सीएसआईआर
 के सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर सतीश चंद्र ने 
बताया कि नेशनल हाइवे आथोरिटी आॅफ इंडिया के दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के 
16 लेन के पहले चरण में सराय काले खां से यूपी गेट के बीच के करीब साढे 8 
किलोमीटर की दूरी में गाजीपुर के लैंडफिल साइट के म्यूनिसिपल सालिड वेस्ट 
को सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा। फिलहाल गाजीपुर के लैंडफिल 
साइट में 12 मिलियन टन कचरा है और रोजाना यहां 3000 टन कचरा पहुंचता है। 
इसका इस्तेमाल सीधे सड़क में नहीं कर सकते, लिहाजा सेग्रिगेशन मेथड के जरिए 
शीशा, मेटल, कपड़ा, प्लास्टिक आदि को अलग करना होगा। तब यहां पड़े कचरे का 
करीब 60-65 प्रतिशत सड़क बनाने के काम में ला सकते हैं। जितना कूड़ा यहां पड़ा
 है उससे 20 किलोमीटर लंबी सड़क बन सकती है।
29June-2016 


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