
रक्षा, विमानन, पेंशन और बीमा में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी
 सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानि एफडीआई की नीति में बड़े बदलाव किये 
हैं। केंद्र सरकार के इन फैेसलों के तहत अब रक्षा तथा विमानन से लेकर 
ई-कॉमर्स क्षेत्र तक 100 फीसदी विदेशी निवेश का रास्ता खुल गया है। मसलन अब
 भारत एफडीआई के मामले में दुनिया में सबसे खुली अर्थव्यवस्था का केंद्र 
साबित हो सकेगा, जहां रोजगार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी मदद 
मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को 
यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में एफडीआई नीति में ढील देते हुए इन बड़े फैसलों 
का ऐलान किया गया। सरकार ने एफडीआई नीति के जिन नियमों को उदार किया है, 
उनमें अब एक छोटी ‘नकारात्मक’ सूची को छोड़कर ज्यादातर क्षेत्र में एफडीआई 
स्वत: मंजूर होने की राह को आसान हो जाएगी। मसलन सरकार ने रक्षा, विमानन, 
बीमा, पेंशन, निर्माण विकास, प्रसारण, चाय, कॉफी, रबड़, इलायची, पाम तेल और 
जैतून तेल पौधरोपण, एकल ब्रांड खुदरा कारोबार, विनिर्माण क्षेत्र, सीमित 
देनदारी भागीदारी,, क्रेडिट सूचना कंपनियों, सैटेलाइट तथा संपत्ति पुनर्गठन
 कंपनियों के क्षेत्र में प्रमुख एफडीआई सुधार किए हैं। इनमें खाद्य 
उत्पादों का ई-कामर्स क्षेत्र, प्रसारण कैरेज सेवाएं, निजी सुरक्षा 
एजेंसियां तथा पशुपालन भी शामिल हैं। सरकार द्वारा किए गए उपायों से एफडीआई
 का प्रवाह 2013-14 के 36.04 अरब डॉलर से बढ़कर 2015-16 में 55.46 अरब डॉलर 
पर पहुंच गया। मोदी सरकार का यह एफडीआई क्षेत्र में दूसरा प्रमुख सुधार है।
 इससे पहले केंद्र ने पिछले साल नवंबर में विदेशी निवेश व्यवस्था में 
उल्लेखनीय रूप से ढील दी थी।
नागर विमानन में शत-प्रतिशत की अनुमति 
केंद्र
 सरकार ने हवाई परिवहन सेवाओं के तहत नियमित समय सारिणी के अनुसार परिचालित
 यात्री-सेवा एयरलाइनों तथा क्षेत्रीय हवाई परिवहन सेवा में 100 प्रतिशत 
एफडीआई की अनुमति दी है। इस नई व्यवस्था में 49 प्रतिशत एफडीआई तथा मौजूदा 
हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण तथा उच्च मानदंड स्थापित करने के साथ ही हवाई 
अड्डों का दबाव कम करने का प्रयास होगा। इसमें पुरााने अड्डों की 
परियोजनाओं में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई 
है। वहीं प्रवासी भारतीयों के लिए स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई
 की अनुमति बनी रहेगी। जबकि विदेशी एयरलाइनों को भारत में अनुसूचित तथा गैर
 अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं का परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों में तय
 शर्ते पूरी करने पर उनकी चुकता पूंजी के 49 प्रतिशत के बराबर निवेश की 
अनुमति बनी रहेगी।
एफडीआई
 नीति के नये बदलाव के तहत रक्षा क्षेत्र में सरकार ने ‘अत्याधुनिक’ 
प्रौद्योगिकी के प्रावधान को समाप्त करते हुए उन मामलों में मंजूरी मार्ग 
से 49 प्रतिशत से ऊपर भी एफडीआई की अनुमति दी है, जिनसे देश को आधुनिक 
प्रौद्योगिकी प्राप्त हो सकती है। गौरतलब है कि रक्षा क्षेत्र में अब तक 49
 प्रतिशत से अधिक एफडीआई के प्रस्ताव पर मामला दर मामला आधार पर मंजूरी 
मार्ग से किया जा सकता था, बशर्ते उससे देश को ‘अत्याधुनिक’ प्रौद्योगिकी 
मिल सके। सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए एफडीआई की सीमा को शस्त्र 
अधिनियम-1959 के तहत छोटे हथियारों और अन्य युद्ध सामग्रियों गोला बारूद 
आदि बनाने वाले उद्योगों पर भी लागू कर दिया है। वहीं एकल ब्रांड खुदरा 
क्षेत्र के बारे में स्थानीय स्तर पर खरीद के नियम को उदार कर छूट की अवधि 
तीन साल की गई है। वहीं ऐसे उत्पादों का एकल ब्रांड खुदरा कारोबार करने 
वाली ‘अत्याधुनिक’ प्रौद्योगिकी वाले उद्योगों के लिए यह सीमा पांच साल की 
होगी।
फार्मास्युटिकल
 क्षेत्र के संवर्धन तथा विकास के लिए पुरानी परियोजनाओं में स्वत: मंजूर 
मार्ग से 74 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने का फैसला किया गया है। जबकि 74 
प्रतिशत से अधिक के लिए मंजूरी मार्ग की मौजूदा प्रणाली जारी रहेगी। मौजूदा
 नीति के तहत नई फार्मा परियोजना में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत 
एफडीआई की अनुमति होगी। वहीं पुरानी परियोजनाओं में सरकार से मंजूरी के बाद
 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति होगी।
निजी सुरक्षा एजेंसियों में 74 फीसदी एफडीआई
निजी
 सुरक्षा एजेंसियों के संदर्भ में स्वत: मंजूरी मार्ग से अब 49 प्रतिशत 
एफडीआई की अनुमति होगी, जबकि सरकार से मंजूरी के मार्ग के जरिये 74 प्रतिशत
 एफडीआई की अनुमति होगी। अभी मौजूदा नीति के तहत निजी सुरक्षा एजेंसियों 
में सरकारी मंजूरी मार्ग से 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
ये सेवाएं हो सकती हैं सस्ती
सरकार
 ने वहीं टेलीपोर्ट्स, डायरेक्ट टु होम (डीटीएच), केबल नेटवर्क, मोबाइल 
टीवी और हेडएंड इन द स्काई प्रसारण सेवा जैसी प्रसारण-कैरेज (वाहक) सेवाओं 
की कई शाखाओं में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति
 दी है। हालांकि ऐसी कंपनी में 49 प्रतिशत से अधिक निवेश के लिए विदेशी 
निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से अनुमति लेनी पड़ेगी, जो इसके लिए संबंधित
 मंत्रालय से लाइसेंस-अनुमति नहीं मांग रही हो और उसमें इस तहर के निवेश 
स्वामित्व का स्वरूप बदलता हो या वर्तमान निवेशक अपनी हिस्सेदारी विदेशी 
निवेशक को दे रहा हो।
खाद्य उत्पादों को प्रोत्साहन
खाद्य
 उत्पादों के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने देश में विनिर्मित 
उत्पादों की ट्रेडिंग (ई-कामर्स सहित) में सरकारी मंजूरी मार्ग से 100 
प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने का फैसला किया है। सरकार ने रक्षा, 
दूरसंचार, निजी सुरक्षा या सूचना एवं प्रसारण क्षेत्र में कार्यरत विदेशी 
कंपनियों के लिए शाखा या संपर्क कार्यालय खोलने के लिए अलग से सुरक्षा 
मंजूरी तथा रिजर्व बैंक की मंजूरी की जरूरत को समाप्त कर दिया है। ऐसी छूट 
तब मिलेगी जबकि एफआईपीबी या मंत्रालय या नियामक की जरूरी अनुमति ली जा चुकी
 हो।
पशुपालन में नियंत्रित शर्ते समाप्त
सरकार
 ने पशुपालन से जुड़ी गतिविधियों में एफडीआई के लिए ‘नियंत्रित शर्तों’ को 
भी समाप्त करने का फैसला किया है। मौजूदा नीति के तहत पशुपालन (डॉग 
ब्रीडिंग सहित), मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन जैसे क्षेत्रों में 
नियंत्रित शर्तों के साथ स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की 
अनुमति है।
21JUne-2016 


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