छत्तीसगढ़ में दिया जायेगा सिफारिशों को अंतिम रूप
परिवहन मंत्री समूह का पार्किंग से टैक्स प्रणाली सुधार तक जारी मंथन
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिहाज से देश की परिवहन व्यवस्था में सुधार करने
के लिए रोडमैप तैयार किया है, उसमें राज्यों के परिवहन मंत्रियों के समूह
की सिफारिशें लागू की गई तो देश में पार्किंग से लेकर टैक्स प्रणाली सुधर
सकती है। हालांकि सरकार नये मोटर वाहन कानून में राज्यों के इन सुझावों को
शामिल करने के लिए विचार कर रही है।
केंद्र सरकार ने देश की
परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता में शामिल
किया है। इस मुद्दे पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पटरी
पर उतारी गई सड़क परियोजनाओं को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित, पर्यावरण और
सुगम यातायात की दिशा में राज्यों के साथ आम सहमति बनाने के लिए राजस्थान
के परिवहन मंत्री यूनुस खान की अध्यक्षता में राज्यों के परिवहन मंत्रियों
का एक समूह गठित किया था, जिसने अभी तक तीन बैठकों में मैराथन मंथन किया
है। समूह की छत्तीसगढ़ में होने वाली अगली बैठक में इन सिफारिशों को अंतिम
रूप दिये जाने की संभवना है। अभी तक समूह द्वारा केंद्र सरकार को सड़क
परियोजनाओं के अलावा पार्किंग से लेकर टैक्ट प्रणाली तक में सुधार करने का
सुझाव दिया है। माना जा रहा है कि यदि केंद्र सरकार ने नये मोटर वाहन कानून
में इन सुझावों को हिस्सा बनाने पर गौर किया, तो देश में की परिवहन
व्यवस्था में व्यापक सुधार और सरकार सड़क हादसों को रोकने के अलावा
ट्रांसपोर्टरों की समस्या के समाधान का एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ सकता है।
दरअसल इस माह ही पिछले दिनो सड़क सुरक्षा एंव सुविधाजनक परिवहन पर राज्यों
के परिवहन मंत्रियों के समूह ने लगातार दो दिन तक मंथन किया, जिसमें
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी हिस्सा लिया।
नेशनल हाइवे पर ऐसी हो व्यवस्था
केंद्र
सरकार को समूह ने राष्ट्रीय राजमार्गो पर सड़क हादसों के मद्देनजर ट्रामा
सेंटरों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्तियां और सड़क सुरक्षा की दृष्टि
से पार्किंग स्थलों का निर्माण कराने पर जोर दिया है। वहीं तेज गति वाहन
चलाने वाले चालकों को चिह्नित कर दंडित करने हेतु सीसीटीवी कैमरे लगाने,
परिवहन प्रणालियों की दुश्वारियां दूर करके नई इनोवेशन करने की बात कही।
सड़क हादसे कम करने हेतु इंडियन लाइसेंस प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने, सड़क
निर्माण परियोजनाओं में रोड इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान देने पर भी विचार
किया है। सरकार को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा के मद्देनजर पब्लिक ट्रांसपोर्ट
सिस्टम को बेहतर सुगम बनाने और इसमें इंट्रा-सिटी टैक्सी को बढ़ावा देने का
सुझाव दिया है।
कॉमर्शियल वाहनों पर शिकंजा
मंत्रालय
के अनुसार समूह के इस मंथन में राष्ट्रीय मार्गो पर सुरक्षा प्रबंधन की
स्थापना कर देशभर में क्षेत्रीय सेंटर स्थापित करने को कहा है। समूह ने
पब्लिक और कॉमर्शियल वाहनों में अलर्ट बटन, सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस सिस्टम
लगाने के अलावा हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी जरूरी बताई है। वहीं
कॉमर्शियल वाहनों के थर्ड पार्टी इंश्यारेंस में वाहन चालकों को भी शामिल
करने तथा उनके चालकों के ड्रैस कोड समाप्त करने तथा उनके लिए ड्राइवर
लाइसेंस की मान्यता सीमा को बढ़ाने पर बल दिया है। यही नहीं कॉमर्शियल वाहन
चालकों के कौशल विकास हेतु विशेष प्रशिक्षण स्कूलों खोलने और इस मद में
भत्ता योजना शुरू करने का सुझाव दिया गया है।
वाहन टैक्स का एकीकरण जरूरी
देश
के बड़े शहरों में संचालित की जाने वाली टैक्सी सेवा हेतु सुरक्षा मानक
निर्धारित करने के साथ निर्मित पार्किंग स्थलों में टैक्सी पार्किंग हेतु
10 से 20 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने का सुझाव है। वहीं केंद्रीय सड़क कोष
के तहत राज्यों को आवंटित राशि का 10 फीसदी राज्यों को सड़क सुरक्षा के लिए
आवंटित करने का सुझाव दिया है। देश भर के सभी राज्यों में वाहनों पर लगने
वाले टैक्स का एकीकरण करने और मोटर वाहन अधिनियम में आधुनिक वाहनों के लिए
अलग से नियम बनाने, मोटर वाहन नियमों में संशोधन कर देश भर के लिए एकीकृत
प्रणाली और समग्र वाहन जांच प्रणाली लागू करने की सिफारिश की गई है।
27June-2016
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