सोमवार, 27 जून 2016

अब एमटीसीआर से चीन को झटका देगा भारत

चीन के प्रति ऐसे बदलेगा भारत अपनी नीतियां
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारत ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह यानि एनएसजी की सदस्यता में रोड़ा अटकाकर चीन द्वारा दिये गये झटके पर पलटवार करने को तैयार है, जिसके लिए जल्द ही मिसाइल टेक्नॉलोजी कंट्रोल रीजम यानि एमटीसीआर का हिस्सा बनते ही चीन का झटका लगना तय है।
चीन के विरोध ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह यानि एनएसजी का सदस्य बनने के प्रयास को भले ही विफल कर दिया हो, लेकिन भारत ने इसके लिये अभी अपने प्रयास नहीं छोड़े हैं। विशेषज्ञों की माने तो चीन ने भारत को एनएसजी के मामले में धोखा देकर विश्वासघात किया है, जो भारत के धीरे-धीरे वैश्विक स्तर पर शक्ति बढ़ने से बौखलाया हुआ है। चीन के इस रवैये से भारत ने भी चीन से जुड़ी नीतियों के प्रति अपना रूख बदलना शुरू कर दिया है। वैश्विक शक्तियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोशिशें जारी हैं, जिसके तहत कल भारत सोमवार को मिसाइल टेक्नॉलोजी कंट्रोल रीजम यानि एमटीसीआर की सदस्यता ग्रहण करने जा रहा है, जिसका चीन पिछले दस साल से प्रयास के बावजूद अभी तक हिस्सा नहीं बन सका है। एमटीसीआर की सदस्यता के लिए भारत को पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है, जिसकी सोमवार को सदस्यता मिलते ही औपचारिक पूरी हो जाएगी। उधर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस बात की पुष्टि की है कि सोमवार को भारत पूर्णरूप से एमटीसीआर का सदस्य बन जाएगा और भारत की वैश्विक शक्तियों में एक पन्ना और जुड जाएगा। सूत्रों के अनुसार एनएसजी की तरह एमटीसीआर में भी अन्य सदस्य देशों की सहमति जरूरी होती है, जिसमें विरोध करते आ रहे इटली ने भारत को समर्थन देने का फैसला कर लिया है।
एक दशक से प्रयास में चीन
भारत के लिए एमटीसीआर में जाना जहां एक बड़ी उपलब्धि होगी, वहीं चीने के लिये यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसके लिए चीन पिछले 10 साल से से इसकी सदस्यता ग्रहण करना चाहता है, लेकिन वह सदस्य नहीं बन पाया। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत एमटीसीआर का 35वां सदस्य होगा। इसकी सदस्यता से भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी की गुणवत्ता तो बढ़ेगी, वहीं भारत मिसाइल का निर्यात करने के लिए भी अधिकृत हो जाएगा।
ऐसे बदल रही है भारत की रणनीति
एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध कर रास्ता रोकने वाले चीन को झटके देने के लिए भारत भी सक्रीय हो रहा है, जिसने एनएसजी की सदस्या का विरोध करते ही चीन के प्रति अपनी कुछ नीतियों में बदलाव करना शुरू कर दिया। एमटीसीआर का झटका देने के अलावा भारत ने दो दिन पहले ही एक आदेश जारी करके पड़ोसी देश चीन में बने दुग्ध उत्पादों की भारत में बिक्री पर लगी पाबंदी को अगले साल जून 2017 तक बढ़ा दिया है।
दुग्ध उत्पादों की पाबंदी बढ़ाई
चीन के दुग्ध उत्पादों पर लगी पाबंदी बढ़ाने की पुष्टि करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री वाणिज्य एवं उद्योग निर्मला सीता रमण ने कहा कि चीन के दुग्ध उत्पाद सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, जिनमें कई जहरीले रसायन पाये गये हैं। इसके अलावा भारत की चीन से आने वाले चावल पर भी केंद्र सरकार नजर पैनी हो गई है। जिसमें चीन के इस चावल को चमकाने के लिए केमिकल और प्लास्टिक के इस्तेमाल करने की पुष्टि हो रही है। यह भी तय माना जा रहा है कि भारत जल्द ही चीन से आने वाले चावल पर रोक लगा देगा। इससे पहले भारत ने जहरीले केमिकल वाले खिलौनों पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि चीन में बने दुग्ध उत्पादों में सबसे अधिक चॉकलेट भारत आती है। इसके अलावा मिल्क पाउडर, लिक्विड दूध, घी-पनीर, बेबी पाउडर भी टेट्रा पैक में आता है। बच्चों के लिए टॉफियां और दूध से बने खाद्य पदार्थ, मिठाइयां भी बड़ी मात्रा में आती हैं।
27June-2016

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