मंगलवार, 14 जून 2016

जीएसटी पास कराने की तैयारी में सरकार!


कल शुरू होगी राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद में आगामी मानसून सत्र में मोदी सरकार वस्तु एवं सेवा कर से संबन्धित जीएसटी विधेयक को पारित कराने की तैयारी में जुट गई है। जीएसटी के मॉडल कानून पर चर्चा के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की दो दिवसीय बैठक कल मंगलवार से कोलकाता में आयोजित की गई है।
मोदी सरकार की हाल ही में राज्यसभा चुनाव के बाद उच्च सदन में राजग के बेहतर प्रदर्शन से यूपीए को संख्या बल में पीछे धकेलकर राजग सरकार को उम्मीद है कि कांग्रेस की अडंगेबाजी के कारण राज्यसभा में अटके जीएसटी विधेयक को आगामी मानूसन सत्र में पारित करा लिया जाएगा। इस मुद्दे पर आगे बढ़ते हुए मोदी सरकार ने राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति की 14 व 15 जून को कोलकाता में बैठक बुलाई है। इस बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा करेंगे, जिसमें पहले दिन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी हिस्सा लेंगे। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस बैठक में जीएसटी के मॉडल कानून को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा होगी, ताकि राज्यों की सहमति से इसे राज्यसभा में पारित कराया जा सके। इसलिए वित्त मंत्री अरुण जेटली राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति के साथ मतभेद वाले मुद्दों पर सहमति बनाने के प्रयास तेज कर दिये हैं। इस बैठक में वस्तुओं के राज्यों के बीच परिवहन पर एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाए जाने के प्रस्ताव के अलवा सरकार कुछ अन्य विवादित मुद्दों को पर भी सहमति बनाने का भी प्रयास करेगी।
इसलिए बढ़ी सरकार की उम्मीद
मोदी सरकार के इस प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को सरकार हर हालत में पारित कराकर अगले साल अप्रैल 2017 में देश में लागू करना चाहती है। संशोधन विधेयक होने के कारण जीएसटी बिल पास कराने के लिए सरकार को दो तिहाई बहुमत चाहिए। हाल ही में 58 सीटों पर हुए चुनाव के बाद कांग्रेस के नुकसान और भाजपा के फायदे से सदस्यों की संख्या में उलटफेर से यूपीए के मुकाबले राजग का गणित मजबूत हुआ है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जीएसटी का समर्थन करने का ऐलान कर चुकी है। जबकि बीजद, राकांपा, सपा व जदयू जैसे दल भी जीएसटी के पक्ष में बोलते रहे हैं, जिनकी संख्या भी पचास से ज्यादा है। इसी प्रकार 13 सदस्यों वाली अन्नाद्रमुक और छह सदस्यों बसपा सीधे समर्थन न देकर वोटिंग के समय वाकआउट करने की रणनीति अपना सकती है। इसके अलावा सरकार को करीब 90 अन्य क्षेत्रीय दलों व निर्दलीयों का सहारा मिलने की भी उम्मीद नजर आ रही है।
क्या है मंजूरी की प्रक्रिया
जीएसटी एक संविधान संशोधन विधेयक को लागू कराने की प्रक्रिया में संसद से पारित होने के बावजूद सरकार को देश के कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं से मंजूरी लेना जरूरी होगा। इस प्रक्रिया के मुताबिक केंद्र और राज्यों को देशभर में वस्तुओं की आवाजाही निर्बाध बनाने के लिए इंटीग्रेटेड जीएसटी कानून को पारित कराने का प्रावधान है। इसके बाद ही इसे मंजूरी के लिए राष्‍ट्रपति के पास भेजा जा सकता है।
क्या है जीएसटी
केंद्र सरकार ने गुड टैक्स सर्विस यानि जीएसटी बिल में जो प्रावधान किये हैं उसके तहत अलग-अलग टैक्स खत्म कर उनकी जगह एक ही टैक्स प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव है। मसलन देश में जीएसटी लागू होते ही सेंट्रल सेल्स टैक्स, एक्साइज, लग्जरी, एंटरटेंनमेंट, वैट जैसे अलग-अलग सेंट्रल और लोकल टैक्स खत्म हो जाएंगे। वहीं इसके लागू होने के बाद टैक्स का बराबर हिस्सा केंद्र और राज्यों को भी मिलेगा।
क्या फायदा होगा?
देशभर में आज एक ही चीज अलग-अलग राज्य में अलग-अलग दाम पर बिकती है। इसकी वजह है कि अलग-अलग राज्यों में उसपर लगने वाले टैक्सों की संख्या और दर अलग-अलग होती है। अब ये नहीं होगा और जीएसटी वसूल लिया जाएगा और उसके बाद उसके लिए आगे कोई चुंगी पर, बिक्री पर या अन्य कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
14June-2016

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