शनिवार, 25 जून 2016

अब ऐसे होंगा रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प!

गांवों की तर्ज पर गोद दिये जाएंगे स्टेशन
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार भारतीय रेलवे की आर्थिक सेहत सुधारने और ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में रेल सुधार की योजनाएं पटरी पर उतार रहा है। इसी योजना में रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प करने के लिए रेलवे ने नया तरीके के रूप में खासकर यात्रियों को सुविधा मुहैया कराने की दिशा में रेलवे स्टेशनों को गोद देने की नीति पर काम शुरू कर दिया है।
रेलवे के सूत्रों की माने तो देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार की विकास संबन्धी परियोजनाओं में रेलवे भी एक अहम अंग है, जिसके सुधार के लिए कई परियोजनाएं पटरी पर उतारी गई है। सरकार की प्राथमिकता में आम आदमी यानि रेल यात्रियों को पर्याप्त सुविधाएं देना पहली प्राथमिकता है। इसके लिए हालांकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पिछले दो साल में रेलवे ने अनेक योजनाओं के तहत बड़े सुधार की योजनाएं शुरू की है, जिसमें अत्याधुनिक सेवाएं और टिकट प्रणाली में सुधार भी शामिल है। देशभर में रेलवे नेटवर्क को सुधारने के तहत रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प करने हेतु रेलवे ने इस योजना को शुरू किया है। इस योजना के तहत रेलवे ने आदर्श गांव की परिकल्पना की तर्ज पर रेलवे स्टेशनों को भी मंत्रियों, सांसदों और समाजसेवी संस्थाओं या बड़ी कंपनियों को गोद देने का निर्णय इसका मकसद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को सुविधा मुहैया करवाने की जिम्मेदारी उनकी हो जाएगी। मसलन रेलवे स्टेशन पर साफ सफाई, प्लेटफार्म पर शेड लगवाने और वाटर कूलर आदि व्यवस्था की जिम्मेदारी भी गोद लेने वाले व्यक्तियों या कंपनियों की ही होगी।
रेलवे घाटे को पाटने की योजना
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार रेलवे के आर्थिक घाटे से निजात पाने के लिए जहां माल भाड़ा कारोबार को प्रोत्साहन देने के लिए योजनाएं बना रही है, वहीं रेलवे स्टेशनों को गोद देने की योजना भी सरकारी खर्च बचाते हुए स्टेशनों पर यात्रियों के लिए अधिक से अधिक सुविधा जुटाने के लिए रेलवे स्टेशनों को गोद देने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार रेलवे रेलवे स्टेशनों को गोद देने की रेल मंत्रालय ने सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को दिशानिर्देश भी जारी कर दिये हैं, जो रेल मंडल के द्वारा रेलवे स्टेशनों के स्टेशन अधीक्षकों को रेलवे की इस योजना के लिए इस जिम्मेदारी को संभालने के इच्छुक समाजसेवी संगठनों व कंपनियों को आकर्षित करेंगे। माना जा रहा है कि यदि रेलवे की यह योजना सिरे चढ़ी तो रेलवे स्टेशनों का सुधार करने की परिकल्पना सफल होगी।
ऐसे बढ़ेगा मालभाड़ा कारोबार
एक दिन पहले ही रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेल माल ढुलाई व्यवसाय को बढाने की दिशा में रेलवे के ट्रैफिक विभाग को निर्देश दिये हैं कि माल ढुलाई कारोबार के प्रतिनिधियों के साथ सघन संवाद करके उनकी समस्याओं समाधान करने के प्रयास किये जाएं। सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे के कामकाज में पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और टेंडर की पूरी प्रक्रिया को आॅनलाइन कर दिया गया है। वहीं भारतीय रेल ईआरपी साμटवेयर प्रणाली पर काम कर रहा है। कुछ एजेंसियों ने इसे विश्व की सबसे बड़ी परियोजना बताया है। माल लदान बढ़ाने के लिए और माल ढुलाई से राजस्व बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे सभी प्रयास कर रही है। रेलवे विभाग की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए जिन रणनीतियों पर काम कर रहा है उनमें भारतीय रेल प्रणाली में एककीकृत लेखा सुधार का काम शुरू कर दिया गया है। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि मालभाड़ा ट्रैफिक आकर्षित करने तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने की कार्ययोजना पर क्षमता विकास के लिए लाइन तथा टर्मिनल के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। रेलवे ने वर्ष 2019 तक कुल 8.56 लाख करोड़ रुपये की निवेश योजना तैयार की है।
रेलवे द्वारा उठाये गये कदम
साईडिंग नीति की समीक्षा: सरल प्रक्रिया, परियोजनाओं के लिए समयसीमा, मदो में कटौती, प्रगति की आॅनलाइन निगरानी।
अतिरिक्त टर्मिनल्स: मिशन हंड्रेड के अन्तर्गत चालू वर्ष में 62साइडिंग व पीएफटी चालू करने का लक्ष्य।
नया डिलिवरी मॉडल: इंटर-मॉडल-रोडरेलर सेवा तथा रोरो ड्वाफ
मिनी रेक लोडिंग-दूरी प्रतिबंध में आसानी-400 किलोमीटर से 600 किलोमीटर
नया डिलिवरी मॉडल-दीघा पुल पर बिहटा तथा तुर्की के बीच रोरो सेवा।
समयसारिणी आधारित माल ढुलाई सेवा-दिल्ली-व्हाइट फिल्ड के बीच कंटेनर ट्रेन-कार्गो एक्सप्रेस।
वैगन की राहत: दो प्वाइंट/बहु प्वांइट गंतव्य लोडिंग के लिए कवर किए गए सभी वैगन खोले गए।
मिनी रेक लोडिंग-दूरी प्रतिबंध में आसानी-400 किलोमीटर से 600 किलोमीटर
नया डिलिवरी मॉडल-दीघा पुल पर बिहटा तथा तुर्की के बीच रोरो सेवा।
शुल्क की समाप्ति: बंदरगाहों से चलने वाले सभी ट्रैफिक पर दस प्रतिशत बंदरगाह व्यस्तता शुल्क की समाप्ति।
लॉजिस्टक योजना स्थगित-अब पूर्वी बंदरगाह मध्य भारत की बिजली संयंत्रों के लिए कोयला प्राप्त कर सकते हैं, जहां प्रत्येक वस्तु वर्ग के लिए कस्टमर मैनेजरों की नियुक्ति।
लॉजिस्टक योजना स्थगित-अब पूर्वी बंदरगाह मध्य भारत की बिजली संयंत्रों के लिए कोयला प्राप्त कर सकते हैं, जहां प्रत्येक वस्तु वर्ग के लिए कस्टमर मैनेजरों की नियुक्ति की जाएगी।
बेसिक माल ढुलाई: इस पर 15 प्रतिशत का व्यस्त मौसम शुल्क समाप्त। लौह अयस्क निर्यात के लिए दोहरी माल ढुलाई नीति समाप्त।
25June-2016

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