देश में 27 हजार किमी रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण का लक्ष्य
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय
रेलवे के कायाकल्प की दिशा में सरकार ने देश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को
रेलमार्ग से जोड़ने के लिए वहां तक तेजस जैसी और ट्रेनों के माध्यम से प्रसिद्ध स्थलों को जोड़ने
की भारत सरकार की योजना है। कुछ
प्रमुख रेलगाडियों की सेवा शुरू करने पर बल दिया है। वहीं भारतीय रेलवे के देश में
27 हजार किमी रेलवे लाइन का विद्युतीकरण करने के लिए तय किये गये प्रस्ताव का भी
ऐलान किया है। इसमें रेलवे के स्वामित्व वाली भूमि पर रेल पटरियों के साथ एक बड़ी सौर ऊर्जा क्षमता
स्थापित करने का भी प्रस्ताव शामिल है।
लोकसभा में बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने मोदी-2 सरकार के पहले 100 दिन में भारतीय रेलवे की उपलब्धियों
का जिक्र करते हुए इस क्षेत्र में रेल अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए केई
महत्वपूर्ण उपाय पेश किये। शनिवार को संसद में पेश किये गये बजट में वर्ष 2019-20 के लिए भारतीय रेलवे के बजट में 1,61,042 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया
है, जो पिछले वर्ष के 1,56,352 करोड़ रुपये की
तुलना में 17.2 फीसदी
अधिक है। इसमें
जहां रेल लाइनों के किनारे बड़ी सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना
करने, रेलवे स्टेशनों की पुनर्विकास परियोजनाएं और पीपीपी के माध्यम
से 150 यात्री ट्रेनों का संचालन करना भी शामिल है। उन्होंने मुम्बई और अहमदाबाद के बीच हाईस्पीड ट्रेन
पर सक्रियता से काम करने पर बल देने के साथ कहा कि 148 किलोमीटर
लम्बी बेंगलुरु उप-नगरीय परिवहन परियोजना के लिए 18,600 करोड़
रुपये, मेट्रो प्रारूप के अनुसार किराया तय किया जाएगा,
जिसमें केन्द्र सरकार परियोजना का 20 प्रतिशत और
बाहरी सहायता के जरिए 60 प्रतिशत खर्च
वहन करने की की सुविधा दी जाएगी। वित्त मंत्री
ने कहा कि पिछले 100 दिनों में 550 स्टेशनों को वाई-फाई सुविधाओं से लैस
करने का भी जिक्र किया।
किसानों के लिए चलेगी रेल
केंद्रीय बजट में यह प्रस्ताव भी किया गय है कि रेलवे में निजी भागीदारी को सुगम बनाने के लिए एक निर्बाध राष्ट्रीय कोल्ड सप्लाई चेन बनाने
के लिए, जिसमें दूध, मांस और मछली शामिल हैं, भारतीय रेलवे पीपीपी व्यवस्था के माध्यम से
एक किसान रेल की शुरुआत की जाएगी। जबकि एक्सप्रेस और फ्रेट ट्रेनों में भी प्रतिष्ठ कोच होंगे।
अगली तेजस इंदौर से वाराणसी तक दौड़ेगी
बजट के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार
यादव ने शनिवार को कहा कि आईआरसीटीसी की तीसरी निजी रेलगाड़ी इंदौर से वाराणसी के बीच
चलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि रात में सफर तय करने वाली इन रेलगाड़ी के डिब्बे हमसफर
एक्सप्रेस की तरह होंगे। पिछले कुछ महीनों में आईआरसीटीसी ने दो मार्गों दिल्ली-लखनऊ
और अहमदाबाद-मुंबई के बीच दो निजी रेलगाड़ियों का संचालन शुरू
किया है। इंदौर-वाराणसी मार्ग पर चलाई जाने वाली यह तीसरी निजी
रेलगाड़ी होगी। उन्होंने बताया कि स्वदेशी मेक इन इंडिया
के तहत वंदे भारत एक्सप्रेस को दो मार्गों पर सफलतापूर्वक शामिल किया
गया है, और आगे 44 नए वंदे भारत सेटों को शामिल किया गया है।
रेलवे में निष्पादन क्षमता वृद्धि पर बल
रेल
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2019-20 के लिए भारतीय रेलवे के बजट में 1,61,042 करोड़ रुपये के आवंटन में वर्ष 2023-24 तक पूरे बीजी नेटवर्क का
विद्युतीकरण करने की योजना है। इसके अलावा वर्ष 2020-21 के लिए नई लाइनों, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण, तिहराकरणआदि का लक्ष्य 2019-20 में 3150 रूट किलोमीटर के मुकाबले 3750 रूट किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे उन्नत सिग्नलिंग
सिस्टम: रेलवे अब सिग्नलिंग और दूरसंचार प्रणाली के लिए नवीनतम तकनीक को शामिल करने
की योजना बना रहा है। रेलवे सिग्नलिंग प्रणाली के आधुनिकीकरण योजना के तहत, आईआर पर केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण (सीटीसी)
प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इससे परिचालन क्षमता बढ़ेगी। पहले चरण
में स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली के साथ प्रदान किए गए खंडों पर 8 क्षेत्रीय रेलवे में 1830 किमी पर सीटीसीलागू किया जाएगा। इसके अलावा दूसरे चरण में, ऑटोमैटिक ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली के साथ 8 क्षेत्रीय रेलवे संतुलन पर सीटीसी लागू किया जाएगा। रेलवे के अनुसर दशकों पुरानी सिग्नलिंग प्रणाली को एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणालियों में
अपग्रेड करने की पहल की है,
जो
कि सिद्ध अंतर्राष्ट्रीय तकनीक के साथ-साथ स्वदेशी रूप से विकसित प्रणालियों के साथ
मेक इन इंडिया के लिए एक मिश्रण होगी।
02Feb-2020
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