शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

अब देश में शुरू होगा स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण


ग्रामीण क्षेत्रों में खुले शौच मुक्त प्लस पर होगा फोकस
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली। 
केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण को मंजूरी दी है, जिसमें खुले शौच मुक्त प्लस यानि ओडीएफ प्लस पर फोकस  रहेगा। अगले पांच सालों के लिए इस चरण के लिए 52,497 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट का प्रावधान रखा गया है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एसबीएम (जी) के दूसरे चरण को 2024-25 तक के लिए मंजूरी दी गई है। इस मंजूरी के तहत मिशन में खुले में शौच से मुक्ति के बाद सार्वजनिक शौचालयों में बेहतर सुविधाओं (ओडीएफ प्लस) पर फोकस किया जायेगा, जिसमें खुले में शौच मुक्त अभियान को जारी रखना और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) भी शामिल रहेगा। मंत्रालय के अनुसार इस कार्यक्रम में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि एक व्यक्ति भी न छूटे और हर व्यक्ति शौचालय का इस्तेमाल करे। एसबीएम (जी) चरण-द्वितीय को मिशन की भांति क्रियान्वित करने लिए कुल अनुमानित बजट 2020-21 से 2024-25 की अवधि के लिए 52,497 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें केन्द्र और राज्य दोनों की हिस्सेदारी है। इसके अलावा इस मिशन के तहत 15वें वित्त आयोग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा ग्रामीण जलापूर्ति और स्वच्छता के क्रियान्वयन के लिए 30,375 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। ओडीएफ प्लस कार्यक्रम मनेरगा के साथ सम्मिलित होगा, विशेषकर धूसर जल प्रबंधन और नये जल जीवन मिशन कार्यक्रम को भी पूरा करेगा। इसी प्रकार कार्यक्रम के तहत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा मानदंडों के अनुसार नये पात्र घरों को 12 हजार रुपये की राशि प्रदान करने का प्रावधान जारी रहेगा। वहीं ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वित्त पोषण मानदंडों को युक्तिसंगत बनाया गया है और घरों की संख्या को प्रति व्यक्ति आय से बदल दिया गया है। प्रस्ताव में इसके अलावा ग्राम पंचायतों को ग्रामीण स्तर पर सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 2 लाख से 3 लाख रुपये कर दिया गया है।
केंद्र व राज्यों की हिस्सेदारी
मंत्रालय के अनुसार इस कार्यक्रम को परिचालन दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा, जो शीघ्र ही राज्यों को जारी किए जाएंगे। केन्द्र और राज्यों के बीच सभी घटकों के लिए फंड शेयरिंग का ढांचा पूर्वोत्तर राज्यों एवं हिमालयी राज्यों और जम्मू एवं कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के बीच 90:10, अन्य राज्यों के बीच 60:40 और अन्य केन्द्र शासित प्रदेश के बीच 100:0 होगा।
ओडीएफ प्लस के एसएलडब्ल्यूएम घटक की निगरानी चार प्रमुख क्षेत्रों के आउटपुट-आउटकम संकेतकों के आधार पर की जाएगी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, जैव अपघटित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में पशु अपशिष्ट प्रबंधन के साथ धूसर जल प्रबंधन और मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन भी शामिल  हैमंत्रालय ने बताया कि एसबीएम-जी का दूसरा चरण रोजगार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को घरेलू शौचालय एवं सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से प्रोत्साहन देना जारी रखेगा। वहीं एसएलडब्ल्यूएम के लिए खाद के गड्ढे, सोखने वाले गड्ढे, अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब, शोधन संयंत्र आदि बुनियादी ढांचे भी शामिल होंगे।
देश में ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 2 अक्टूबर 2014 को एसबीएम (जी) की शुरुआत के समय 38.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इस मिशन के शुरू होने से 10 करोड़ से ज्यादा व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया, परिमाणस्वरूप सभी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वयं को 2 अक्टूबर 2019 को ओडीएफ घोषित किया। हालांकि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने सभी राज्यों को यह सलाह दी है कि वे इस बात की पुनः पुष्टि कर लें कि ऐसा कोई ग्रामीण घर न हो, जो शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहा हो और यह सुनिश्चित करने के दौरान अगर ऐसे किसी घर की पहचान होती है तो उसको व्यक्तिगत घरेलू शौचालय के निर्माण के लिए जरूरी सहायता प्रदान की जाये ताकि इस कार्यक्रम के अंतर्गत कोई भी पीछे न छूटे। 
20Feb-2020

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