यात्रियों को सुविधा के साथ सुरक्षा देना रेलवे की
प्राथमिकता: गोयल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय
रेलवे के नेटवर्क को विश्वस्तरीय बनाने के लिए रेलवे यात्रियों की सुविधाओं को
बेहतर बनाने के साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए
रेलवे ने किराए में मामूली बढ़ोतरी की है, जिससे रेलवे को 55 हजार करोड़ की सालाना
हो रहे नुकसान की मामूली भरपाई की जा सके।
यह
बात शुक्रवार को केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के
दौरान सदस्यों द्वारा रेल किराए में की गई बढ़ोतरी के लिए उठाए गये सवालों के जवाब
में कही है। उन्होंने सदन में कहा कहा कि रेलवे को हर साल 55 हजार रुपये का नुकसान
हो रहा है, जिसमें केवल पांच फीसदी भरपाई करने के मकसद से भारतीय रेलवे ने चार पैसे
प्रति किलोमीटर किराए में बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि रेलवे के आधुनिकरण की योजनाओं को
कार्यान्वित करके भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं,
जिसमें रेलवे के विद्युतीकरण के अलावा रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण और यात्रियों
की सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ रेल और यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में कदम
उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपनगरीय सेवाओं में किराए में कोई
वृद्धि नहीं हुई है। गैर-उपनगरीय सेवाओं के मामले में, प्रति किमी एक पैसे की मामूली वृद्धि की गई
है और मेल एएमडी एक्सप्रेस ट्रेनों में गैर-एसी और एसी क्लास के मामले में, किराया दो पैसे और चार पैसे प्रति किमी बढ़ाया
गया है।
रेलवे के निजीकरण प्रस्ताव
नहीं
राज्यसभा में रेलवे के निजीकरण के बारे में किये गये सवाल
के जवाब में रेल मंत्री गोयल ने कहा कि रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव
सरकार ने नहीं किया है, बल्कि कुछ ट्रेनों का वाणिज्यिक और ऑन बोर्ड सेवाओं का आउटसोर्स करने तथा यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान
करने के उद्देश्य से चुनिंदा मार्गों पर गाड़ियां चलाने के लिए आधुनिक रैकों को शामिल
करने हेतु निजी कंपनियों को अनुमति देने पर विचार किया गया है। इस प्रस्ताव
में गाड़ी परिचालन और संरक्षा प्रमाणन का उत्तरदायित्व रेलवे के पास
ही रहेगा। रेलवे साफ-सफाई और अन्य सेवाओं
में सुधार करने के लिए स्टेशन की सफाई, पे एंड यूज शौचालय,
विश्राम
कक्षों, पार्किंग तथा प्लेटफार्म
के रखरखाव जैसी सेवाओं का आउटसोर्स जरूरत के आधार पर किया जा रहा है।
साइन बोर्ड से उर्दू भाषा
को नहीं हटाई
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान रेलवे स्टेशनों
पर साइन बोर्ड से उर्दू भाषा को हटाने के बारे में सदस्यों के सवालों के
जवाब में गोयल ने स्पष्ट किया है कि रेल मंत्रालय ने रेलवे स्टेशनों पर साइन बोर्डों से उर्दू भाषा को हटाने का कोई
प्रस्ताव नहीं है और न ही इन साइन बोर्डों में उर्दू भाषा को हटाया नहीं
गया है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों के साइन बोर्ड पर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू या अन्य भाषा का इस्तेमाल करने
के बारे में रेल मंत्रालय नहीं, बल्कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी नीति
के तहत किया जाता है और इस नीति में ऐसा कोई बदलाव नहीं किया
गया है।
08Feb-2020
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